अधूरे पन्ने | Poetry | Love Story


 

मिलो ना तुम जो हम को तब
ज़ुबां अपनी ना खोलें हम
हमारे इश्क के पन्ने सब
मुकम्मल हैं मगर फिर भी
कहानी वह अधूरी सी
दिलों में अब छुपा लें हम
मुहब्बत से जो आगे हो
उसे सब इश्क कहते हैं
वही आशिक मैं हूं जानां
और मेरी आशिकी तुम हो
मगर फिर भी मिलन अपना
यहां पर है नहीं मुमकिन
चलो पन्ने छुपा लें हम
लिखी है आशिकी जिस पर
भले दो राह हो अपनी फिर
यहां मिलना नहीं मुमकिन
अंधेरी रात बहुत हो फिर
बहुत फिर थक गई हो जब
कोई कंधा वहां ना हो
तुम्हें फिर याद आऊं मैं
मुझे महसूस करना तुम
और फिर करवट बदल कर जब
मेरा ऐहसास तुम पाओ
मेरे सांसों की गर्मी को
बहुत फिर पास पाओ तुम
तुम करना आंख बंद और फिर
मेरे आगोश में तुम छुप जाना
मुझे महसूस करके फिर
तुम सो जाना और खो जाना
ख्वाबों में फिर मिलेंगे हम
कहानी जो अधूरी थी
मुकम्मल भी करेंगे हम
बहुत खामोश वह पन्ने फिर
हवा में उड़ते जायेंगे
कहानी तेरी और मेरी फिर
चमकेगी फलक पर जब
हर एक नज़रें वहीं होंगी
मिलन होगा हमारा जब
सजा फिर आसमां होगा
सितारों की बारात होगी
मिलन अपना वहां होगा।

Little _Star








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