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Showing posts from March, 2021

Swiggy | Zomato |Rating |Zomato Rating | AG | Swiggy Rating

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  रेटिंग गेम नहीं ज़िन्दगी बात कुछ खाने की हो तो कोई किचन नहीं बल्कि Swiggy और Zomato को याद करता है। क्योंकि आज ज़माना swiggy और Zomato का है। कुछ खाने का मन हुआ नहीं कि तुरंत swiggy और Zomato पर सर्च करना शुरू कि कौन से रेस्टोरेंट्स से खाना मंगवाया जाए, और रेस्टोरेंट्स सर्च करते समय यह ध्यान रखा जाता है कि उसकी रेटिंग क्या है। क्योंकि अगर रेस्टोरेंट्स की रेटिंग अच्छी है तो इसका मतलब है कि वहां का खाना भी अच्छा होगा। कहते हैं जो दिखता है वह बिकता है। लेकिन इसके खिलाफ अगर हम रेटिंग देखे बिना किसी ऐसे रेस्टोरेंट्स का खाना मंगवा लेते हैं जिस की रेटिंग अच्छी नहीं है, और वहां का खाना हमको पसंद भी आ जाता है तो क्या तब हम सही रेटिंग करते हैं? क्योंकि बात जब रेटिंग की आती है तो कहीं न कहीं हम कंजूसी कर जाते हैं और देना होता है five star और हम धीरे से तीन स्टार को पुश कर देते हैं और उस खाने की किसी एक कमी को दिल में याद कर लेते हैं जो हकीकत में होती ही नहीं है। और दिल में यह तसल्ली कर लेते हैं कि इस वजह से three star दिया। लेकिन अगर  कम रेटिंग वाले रेस्टोरेंट का खाना मंगवा लिया और वह खराब निकल

Corona | Corona posts | Waqt |Hindi Poetry | AG | poetry

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  यह वक्त भी गुज़र जाएगा..... एक कहानी कभी पढ़ी थी। शायद आपने भी पढ़ी हो। एक राजा और उसके वज़ीर की कहानी है। वह वज़ीर जो बहुत अक्लमंद और होशियार था। एक बार राजा ने वज़ीर से कहा किt कुछ ऐसा बताओ कि जिससे मैं दुःख में भी खुश हो जाऊं। वज़ीर ने राजा को एक का काग़ज़ पर कुछ लिख कर दिया और कहा कि जब आप बहुत मुश्किल में हों तभी उसको पढ़ना। एक बार की बात है राजा कहीं जंगल में अपने सिपाहियों के साथ जा रहे थे। रास्ते में किसी तरह वह अपने सिपाहियों से अलग हो गये। शाम का समय था राजा अब यही सोच रहे थे कि अब वह महल तक वापस कैसे जाएंगे। राजा बहुत परेशान हो गए उनको कुछ समझ नहीं आ रहा था। वह वहीं पर एक पत्थर पर बैठ गए। रात का अंधेरा बढ़ता जा रहा था राजा को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। और फिर उनको अपना वज़ीर याद आ गया कि वह अगर आज उनके साथ होते तो वह इस तरह अकेले जंगल में ना बैठे होते। और फिर वज़ीर का सोचते-सोचते राजा को वज़ीर का वह लिखा हुआ काग़ज़ याद आया जो वज़ीर ने उन्हें देते समय कहा था कि जब आप मुश्किल में हों तभी इसे पढ़ना। राजा जो इस वक्त जंगल में  मुश्किल में थे उन्होंने अपनी जेब से वह काग़ज़ निकाला

Mirror | poetry | Hindi blogs | AG | Hindi Poetry

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 शकल सूरत की तरह  काजल बिंदी की तरह  दिख जो जाए वह हमें सब के दिल की वह छवि  कौन अच्छा है यहां  और बुरा कौन है  दिल के सब राज़ अब आईना तू बता दे हमें..... मिरर (वह अपनी सी छवि) आईना बन के खड़ा था तो निहारते थे सभी देख के मुझे मुस्कुराता था कोई तो कोई देख के उदास बहुत सुलझ गयी ना जाने उलझी लटे कितनी संवर गयी ना जाने दुल्हनें कितनी मैं आईना ना जाने कितनें का थी छवि मेरे अंदर ना जाने कितनों की कभी टूटा जो दिल किसी का भी वह आ के जुड़ता हमीं से था कोई आंखों को तेरता था मुझे कोई भवों को सिकोड़ता था बहुत हर किसी के आंखों का काजल सवांरते थे हमीं वह उन के होंठों की लाली हमें से थी वह अश्क आ जो गया आंखों में कभी नज़र बचा के सभी से नज़र मिलाते वह हमीं से थे वह सुर्खियां तेरे हसीन गालों की मुझे घंटों निहारने से हैं बहुत चाहते थे हमें वह बहुत निहारते थे हमें वह मैं था भी तो उनका यह हक था ही उन्हें मगर वह टूटा जो एक दिन दिल उनका हुए गुस्से में वह बहुत अपसेट वह उन के दर्द में नहीं वहां कोई अपना वह बहुत अकेली और आईना अकेला मैं वह तैश में थी बहुत और बहुत गमगीन और मैं खामोश तमाशाई उनका थे नहीं लफ्ज़ मेर

Sonu Sood | Actor | Bollywood | AG | Hero

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                                     सोनू सूद सोनू ओ सब के सोनू कैसे वह सूद तेरा हम सब अदा करेंगे तूने किया जो सब का बेलौस बेगरज़ से                                 कोई इसे है समझे  मशहूरियत का तड़का लेकिन वह काम तेरा और वह लगन तुम्हारी समझे वही है इसको आंखों से जिसने देखा कामों को तेरे देखा कोशिश को तेरे माना दुनिया ने जिसको देखा तेरी वह टीम सोनू लगती थी हमको ऐसी जैसे कोई लड़ाई लड़ने वह जा रहे हैं करने फतह वह जैसे कोई किला बड़ा सा और फिर फतह किया भी हर एक दिलों को तूने सब के दिलों पे तूने नेकी और प्यार के झंडे लगा दिये हैं हर कोई तकता ऐसे जैसे कोई फरिश्ता धरती पे आ गया हो दिल को ना जाने कितने उम्मीद को जगाया उम्मीद भी वह ऐसी  जिसको किया मुकम्मल आंखें जो थक गयी थी राहों को तकते-तकते अपनों के इंतेज़ार में और घर के दीदार में तूने जो राह बनाई राहें संवर गई है हंसते हैं हर वह चेहरे घर को जो जा रहे हैं रस्ते भी देख सबको यूं मुस्कुराए जा रहे हैं जैसे कोई हो अपना उसको गले लगा ले तूने क्या जो सोनू कैसे चुकाएं उसका वह सूद जो है बाकी वह मूल जो है बाकी। -Little-Star 🖋️ नेकी करने के बहुत से रास्त

Amithabh Bachchan |corona | AG | covid 19

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अमिताभ बच्चन हुए कोरोना पाज़िटिव रेखा का बंगला हुआ सील, कल रात की यह बात सुन पढ़ कर हर किसी की जिज्ञासा का यह आलम था कि जैसे कोई नयी फिल्म रिलीज़ हो गई है और हर किसी को इस फिल्म की कहानी जानने की जल्दी थी। कि यह किस्सा क्या है। और फिर हकीकत का पता लगते-लगते भी फसाना मशहूर हो चुका था। कि अमिताभ बच्चन कोरोना पाज़िटिव और रेखा का बंगला सील कर दिया गया है। जब कि हकीकत कुछ और ही थी और वह हकीकत यह थी कि जिस दिन अमिताभ की रीपोर्ट पाज़िटिव आई उसी दिन रेखा के गार्ड की भी रीपोर्ट पाज़िटिव आई। और दोनों बातें इस तरह से शोशल मीडिया पर चलने लगीं जैसे कोई बहुत बड़े खज़ाने का राज़ पता चल गया हो। और राज़ भी ऐसा कि हर कोई इस राज़ को हर किसी को जल्द से जल्द बताना चाहता हो। लेकिन यह बात बहुत ही अफसोस और गलत है कि किस तरह बड़ी ही आसानी से एक बात को किस्सा बना देते हैं यह जाने बिना कि हकीकत क्या है। अमिताभ और रेखा की बातें किसी ज़माने में किसी फिल्म की कहानी से ज़्यादा चर्चा में रहती थी। यहां तक कि यह किस्सा भी मशहूर है कि रेखा अपनी मांग में अमिताभ बच्चन के नाम का ही सिंदूर लगाती हैं। लेकिन कल की बात और आज क