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यह वक्त भी गुज़र जाएगा.....
एक कहानी कभी पढ़ी थी।
शायद आपने भी पढ़ी हो।
एक राजा और उसके वज़ीर की कहानी है।
वह वज़ीर जो बहुत अक्लमंद और होशियार था।
एक बार राजा ने वज़ीर से कहा किt कुछ ऐसा बताओ कि जिससे मैं दुःख में भी खुश हो जाऊं।
वज़ीर ने राजा को एक का काग़ज़ पर कुछ लिख कर दिया और कहा कि जब आप बहुत मुश्किल में हों तभी उसको पढ़ना।
एक बार की बात है राजा कहीं जंगल में अपने सिपाहियों के साथ जा रहे थे।
रास्ते में किसी तरह वह अपने सिपाहियों से अलग हो गये।
शाम का समय था राजा अब यही सोच रहे थे कि अब वह महल तक वापस कैसे जाएंगे।
राजा बहुत परेशान हो गए उनको कुछ समझ नहीं आ रहा था।
वह वहीं पर एक पत्थर पर बैठ गए।
रात का अंधेरा बढ़ता जा रहा था राजा को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।
और फिर उनको अपना वज़ीर याद आ गया कि वह अगर आज उनके साथ होते तो वह इस तरह अकेले जंगल में ना बैठे होते।
और फिर वज़ीर का सोचते-सोचते राजा को वज़ीर का वह लिखा हुआ काग़ज़ याद आया जो वज़ीर ने उन्हें देते समय कहा था कि जब आप मुश्किल में हों तभी इसे पढ़ना।
राजा जो इस वक्त जंगल में मुश्किल में थे उन्होंने अपनी जेब से वह काग़ज़ निकाला और उसको खोल कर पढ़ा।
और उसको पढ़ते ही राजा के होंठों पर मुस्कान आ गई।
ऐसा लग रहा था कि अब राजा को कोई परेशानी नहीं है।
और राजा वहीं पर आराम करने के लिए लेट गए। और कब राजा को नींद भी आ गई राजा को पता ही नहीं चला।
सुबह राजा के सिपाही राजा को ढूंढ़ते-ढूंढते आखिर राजा तक पहुंच गये।
और फिर सबके साथ राजा अपने महल चले आए।
महल पहुंच कर सब राजा का हाल जानने को बेताब थे कि किस तरह राजा ने वह रात जंगल में अकेले गुज़ारी।
और फिर राजा ने सारी बात बताई कि किस तरह वह काग़ज़ पढ़ने के बाद उनके अंदर सुकून आया।
हर कोई यह जानने के लिए बेचैन था कि आखिर उस कागज़ पर लिखा क्या था।
और फिर राजा ने अपनी जेब से वह काग़ज़ निकाला और उसको सबके सामने रख दिया।
जिस पर लिखा था.....
यह वक्त भी गुज़र जाएगा।
आज कोरोनावायरस की वजह से पूरी दुनिया मुश्किल में है। हर कोई परेशान है हर कोई घर में रहने को मजबूर है। क्योंकि घर में रहने से ही हम सब इस वाइरस से बच सकते हैं।
आज बहुत सारे परिवार घर में एक साथ हैं। वक्त मुश्किल का है मगर शुक्र है जो परिवार आज साथ में घर में हैं।
क्योंकि आज ना जाने कितने ही लोग इस लॉकडाउन की वजह से अपने घर तक नहीं पहुंच पाए।
आज कितनों के पास खाने को नहीं है।
जो रोज़ कमाते और रोज़ खाते थे उनके लिए यह एक आज़माइश है।
आज आज़माइश हर किसी है
आज डॉक्टर और नर्स को अपना फ़र्ज़ निभाना है। तो वहीं पुलिस और हमारे देश के जवान को हमारी और हमारे देश की रक्षा करना है।
आज हर कोई मुश्किल में है और हर कोई जल्द से जल्द इस दौर से बाहर आना चाहता है।
इस मुश्किल हालात से गुज़रते हुए हर किसी के सामने कागज़ का वही तुकड़ा है और सब के ज़ुबान पर एक ही शब्द है.......
यह वक्त भी गुज़र जाएगा।
-Little-Star
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