महंगाई | महंगाई कम करने का सबसे आसान तरीका | AG

 महंगाई....

आफ़त और नसीहत 

घड़ी चल रही है और हर चलती घड़ी के साथ वक्त बदल रहा है। हम चाहते हुए भी वक्त को नहीं बदल सकते, और वक्त हमारे ना चाहते हुए भी आगे बढ़ रहा है। और हर चलते वक्त के साथ हम सब चल रहे हैं। हां यह अलग बात है कि कभी हम वक्त के साथ खुशी से चलते हैं और कभी वक्त यूं ही गुज़र जाता है। लेकिन हर गुज़रा हुआ वक्त हमें कुछ दे जाता है फिर चाहे वह कोई सबक ही क्यूं ना हो।

वक्त बदल रहा है और वक्त के साथ-साथ बहुत सारी चीज़ें भी बदल रहीं हैं। और हर उस बदलती हुई चीज़ को हम स्वीकार कर रहे हैं जो हमें पसंद है। और हम हर उस चीज़ के खिलाफ हो जाते हैं जो कि हमें पसंद नहीं होती है।

और इसी पसंद और नापसंद के बीच अटकी हुई है। "महंगाई" 

महंगाई क्या है? इसको देखने और समझने का तरीका हर किसी का अलग है। महंगाई कोई लाइलाज बीमारी नही जिस की कोई दवा नहीं है। बल्कि महंगाई तो एक सीख है जो हमें बहुत कुछ सीखा रही है। हां यह अलग बात है कि हम इसको सीखना नहीं चाहते हैं।

कभी बुजुर्गो ने कहा था कि जितनी चादर हो उतना ही पैर फैलाओ। लेकिन आज हम क्या कर रहे हैं? यह हम और आप अच्छे से जानते और समझते होने के बावजूद उस को नज़र अंदाज़ कर रहे हैं। 

बदलते वक्त के साथ हमरा रहन-सहन, खान-पान और बहुत सारी चीज़ें बदल गयीं। और हर उस बदले हुए चीज़ को हम ने स्वीकार कर लिया जो हम को आसान और अच्छा लगा। 

अपनी ज़िंदगी में बदलाव करने के बाद हम यह भूल गए कि इससे पहले हम कैसा जीवन जीते थे। हमने याद रखा तो हर उस चीज़ को जिसके हम ज़िम्मेदार नहीं। और उसी मद में आती है महंगाई।

कभी हम पांच रूपए का समोसा लेकर बड़े मज़े से खाते थे। और आज हम तीन सौ रूपए का पिज़्ज़ा भी बहुत शौक से खाते हैं। ऐसा नहीं है कि आज समोसा पांच रूपए का नहीं मिलता है। लेकिन आज हम पांच रूपए के समोसा की जगह पांच सौ रुपए बहुत आसानी से खर्च कर देते हैं। और जब हमारी जेब खाली हो जाती है तो हमारी नज़र जाती है सीधे महंगाई पर।

आज लोगों का लाइफस्टाइल बहुत बदल गया है। आज हर किसी को महंगी बाइक, महंगा मोबाइल, अच्छा घर, डिज़ाइनर ड्रेस, विदेशी खाने और ना जाने क्या-क्या। और हम बहुत सारे शौक को पूरा करने के लिए रात दिन कोशिश भी करते हैं। और बहुत कोशिश के बाद जब हम इन चीजों को हासिल नहीं कर पाते तब हमारी नज़र जाती है महंगाई पर।

कहने को आज रोज़गार नहीं। लेकिन क्या हमने कभी गौर किया कि इस रोज़गार के ना होने के पीछे किया कारण है। आज हर कोई बड़ा बिजनेस और बड़ी नौकरी चाहता है क्योंकि आज हर कोई अमीर और बड़ा आदमी बनना चाहता है और वह भी बहुत कम समय में। और जब कम सैलरी और कम आमदनी में हम बड़े आदमी नहीं बन पाते तब हमारी नज़र सीधे जाती है महंगाई पर। 

अगर आज कोई महंगाई से बचना चाहता है तो सिर्फ एक बात समझ ले कि जितनी चादर है उतना ही पैर फैलाना है। 

सरकार कोई भी हो, किसी की भी हो, सरकार करती वहीं है जो उसको सही लगता है तो फिर ऐसे में महंगाई से बचना हुआ या देश में कोई भी मसला हो सरकार से कुछ भी कहने का कोई फायदा नहीं होने वाला। तो फिर बेकार में वक्त बर्बाद करने के बजाए अपने काम पर ध्यान दें। और अपने परिवार के साथ वक्त बिताऐं। 

पेट्रोल डीज़ल के दाम बढ़ने के बावजूद आज हर किसी को बाइक और कार चाहिए। 

अगर महंगाई का विरोध करना ही है तो देश के सारे नागरिक एक हो जाएं। और फैसला ले लें कि ज़रूरी काम को छोड़ कर हर कोई साईकिल से ही कहीं आयेगा जाएगा  एक बार सारे लोग ऐसा करके दिखा दें। फिर देखिए की क्या होता है। 

ऐसा करने से या तो तेल सस्ता हो जाएगा, या तेल बेचने वाले उस तेल का अचार डालेंगे।




 


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