मटर कचौड़ी बनाने की विधि और परफेक्ट टिप्स | How to Make Perfect Matar Kachori: Easy Recipe and Tips




मटर कचौड़ी....

मटर कचौड़ी एक स्वादिष्ट और कुरकुरी भारतीय व्यंजन है, जो खास तौर पर सर्दियों के मौसम में बनाया जाता है। इस में ताज़े हरे मटर को मसालों के साथ भून कर तैयार की गई स्टफिंग का उपयोग किया जाता है। जिसे मैदा के आटे में भर कर डीप फ्राई किया जाता है। इसका स्वाद हल्का तीखा और मसालेदार होता है। मटर कचौड़ी को इमली चटनी, दही और धनिया मिर्च की चटनी के साथ परोसने से इस का मज़ा दुगना हो जाता है। यह नाश्ते, स्नैक्स या किसी खास मौके के लिए परफेक्ट विकल्प है।



 सामग्री  

मैदा 1 किलो

घी डालडा 8 बड़ा चम्मच (लगभग एक पाव)

नमक स्वादानुसार 

भरावन के लिए....

आलू 3 छोटा पीस

मटर  आधा किलो

अदरक एक टुकड़ा 

हरी मिर्च 6 पीस

हरा धनिया 1 कटोरी 

बेसन 3 चम्मच 

गर्म मसाला हल्दी वाला 1 चम्मच 

गर्म मसाला घनिया वाला 1 चम्मच 

हींग 1 चुटकी 

अमचूर पाउडर 1 चम्मच 

तलने के रिफाइंड तेल या डालडा धी





 बनाने का तरीका....

एक बाउल में आटा रखें। उसमें नमक डालें। और अच्छे से मिला लें।



घी डालें। कचौड़ी के लिए डालडा घी ज़्यादा अच्छा रहता है। लेकिन रिफाइंड तेल भी डाल सकते हैं।


 

घी डाल कर अच्छे से मिला लें। ताकि घी अच्छे से मिल जाए।


 

कचौड़ी में घी सही मात्रा में है। इस बात को जांचने के लिए मैदा को हाथ में लेकर मुठ्ठी बन्द करके खोलें। अगर आटा का अच्छे से बॉल बन गया तो समझ लें कि आटे में घी सही है। वरना फिर थोड़ा घी और डाल लें।



आटे को थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए गूंथकर पंद्रह से बीस मिनट के लिए रख दें। आटे को ना ज़्यादा टाइट गूंधना है। और ना ही ज़्यादा मुलायम। आटा गूंथ कर तैयार है। अब भरावन तैयार कर लें।




आलू को उबाल कर मैश कर लें।





 मटर को धोकर जार में रखें। और नमक भी डाल दें।




अदरक, हरी मिर्च और हरा धनिया को धो लें। और उस को मटर के साथ पीस लें।





मटर, अदरक, हरी मिर्च और हरा धनिया का पेस्ट तैयार है।




 कड़ाही में तेल गर्म करें।



 जीरा डालें।



ज़ीरा जब चटखने लगे तो उसमें मटर हरा धनिया वाला पेस्ट डालें। और दो से तीन मिनट तक चलाएं।



 मटर को चलाते हुए उसमें गर्म मसाला डालें।





 गर्म मसाला के साथ ही अमचूर पाउडर, हींग और हल्दी
 वाला भी गर्म मसाला डाल दें।


 


उसी के साथ बेसन भी डाल दें।


 


सब डालने के बाद अच्छे से मिला लें।


 


सब अच्छे से मिलाने के बाद उसमें मैश किया हुआ आलू भी डाल दें।




आलू डालकर एक बार फिर सब अच्छे से मिला लें। फिलिंग तैयार है। आंच से उतार लें। अब इस को ठंडा होने दें।



 ठंडा होने पर फिलिंग की गोल-गोल बॉल जैसा बना लें।





 आटे की लोई बना लें।


 

लोई को हाथों से गोल-गोल करते हुए उसको बड़ा कर दें।





 फिलिंग को लोई पर रख कर उसको कचौड़ी की तरह बना लें।



कड़ाही में तेल को हल्का गर्म करके उस में कचौड़ी डाल दें।



कचौड़ी को धीमी आंच पर पकने दें।



बीच-बीच में चलाते हुए कचौड़ी को चेक करते रहें।




कचौड़ी जब गुलाबी लाल हो जाए तो उसको तेल से निकाल लें।



तेल से निकाल कर दो मिनट उसको नार्मल होने दें।




तोड़ कर चेक लें कि अन्दर तक अच्छे से खस्ता है कि नहीं।अगर ठीक लगे तो उसी हिसाब से बाकी की कचौड़ी भी तल लें।


प्लेट में निकाल कर कचौड़ी को धनिया हरी मिर्च की चटनी और इमली पुदीना की चटनी के साथ सर्व करें।



कचौड़ी उत्तर भारत का एक लोकप्रिय पारम्परिक व्यंजन है,जिसे अक्सर त्योहारों, शादियों और खास मौकों पर बनाया जाता है। यह मुख्य रूप से मैदा या गेहूं के आटे से तैयार की जाती है। और इस में विभिन्न प्रकार की स्टफिंग भरी जाती है।

कचौड़ी की विभिन्न किस्में:

1. मटर कचौड़ी: ताज़े हरे मटर के साथ मसालेदार भरावन।

2. दाल कचौड़ी: उड़द या मूंग दाल के मसालेदार मिश्रण से बनी कचौड़ी।

3. प्याज़ कचौड़ी: तली हुई प्याज़ और मसालों की स्टफिंग।

4. आलू कचौड़ी :उबले आलू और मसालों के स्वाद के साथ।


कचौड़ी खाने के साथ:

कचौड़ी को चटपटी हरी चटनी, इमली की चटनी, आलू की सब्ज़ी, मटर छोले या फिर कढ़ी के साथ परोसा जाता है। राजस्थान में इसे कढ़ी के साथ तो उत्तर प्रदेश में इसे आलू -टमाटर की सब्ज़ी के साथ खाया जाता है। छोले और खस्ता कचौड़ी भी एक फेमस चाट है।



स्वाद और खुशबू का रहस्य:

कचौड़ी की खासियत उसकी भरावन और तली हुई कुरकुरी परत में छुपी होती है। भरावन में सही मसाले और तलने का सही तरीका इस खास बनाते हैं। धीमी आंच पर  तलने से यह अधिक खस्ता बनती है।

कचौड़ी न केवल नाश्ते के लिए बल्कि सफर के लिए भी बेहतरीन वकल्प है। क्योंकि यह लंबे समय तक ताज़ी रहती हैं।

कचौड़ी को परफेक्ट बनाने के लिए कुछ आसान लेकिन असरदार ट्रिक्स अपनाई जा सकती हैं। ये ट्रिक्स आपकी कचौड़ी को खस्ता, स्वादिष्ट और लंबे समय तक ताजी बनाए रखेंगी।


1. आटा गूंथने की सही विधि


आटा गूंथते समय उसमें थोड़ा तेल या घी (मोयन) डालें। यह कचौड़ी को खस्ता बनाता है।


आटा नरम और चिकना होना चाहिए, न ज्यादा सख्त, न ज्यादा गीला।



2. भरावन (स्टफिंग) का ध्यान रखें


स्टफिंग हमेशा सूखी होनी चाहिए। ज्यादा गीली स्टफिंग से कचौड़ी फट सकती है।


मटर, दाल, या आलू की स्टफिंग को भूनकर ठंडा करें, फिर कचौड़ी भरें।


मसालों का संतुलन सही रखें, ताकि स्वाद बेहतर हो।



3. कचौड़ी बेलने की विधि


कचौड़ी को हल्के हाथ से बड़ा करें। बहुत पतला न करें, वरना स्टफिंग बाहर निकल सकती है।


किनारों को अच्छी तरह से बंद करें ताकि तेल अंदर न जाए।



4. तलने के दौरान सावधानी


कचौड़ी को तलने के लिए मध्यम गरम तेल का उपयोग करें। बहुत गरम तेल से कचौड़ी बाहर से जल्दी सिकेगी लेकिन अंदर से कच्ची रह जाएगी।


धीमी आंच पर तलें, ताकि कचौड़ी पूरी तरह से खस्ता और सुनहरी हो जाए।



5. स्टफिंग की क्वालिटी


ताजे मटर, दाल, या आलू का इस्तेमाल करें। पुराने या खराब सामग्री से कचौड़ी का स्वाद बिगड़ सकता है।


स्टफिंग में हींग, अदरक, और गरम मसाले का हल्का तड़का दें, जिससे स्वाद बढ़े।



6. परोसने के समय


कचौड़ी को गर्मागर्म परोसें। ठंडी कचौड़ी का स्वाद कम हो सकता है।


इसे चटनी, कढ़ी, या आलू की सब्जी के साथ परोसें।



7. स्टोर करने का तरीका....


बची हुई कचौड़ी को एयरटाइट कंटेनर में रखें। इसे दोबारा गर्म करते समय हल्का गरम करें ताकि खस्ता बनी रहे।



इन ट्रिक्स को अपनाकर आपकी कचौड़ियां हमेशा खस्ता, कुरकुरी और स्वादिष्ट बनेंगी!



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