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Showing posts from June, 2021

शिरमाल बनाने का आसान तरीका | शिरमाल | Shirmal Homemade | Homemade | AG | شرمال | Tasty Paratha

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शिरमाल....  पारम्परिक और पुरानी चीज़ों को कहीं ना कहीं हम खुद ही खत्म कर रहे हैं। और अक्सर उन्हीं पुरानी और पारम्परिक चीज़ों के ख़त्म होने पर अफसोस भी करते हैं।  हर चीज़ का अपना एक अलग महत्व होता है फिर चाहे वह रस्मो-रिवाज हो, रहन-सहन हो, या खान-पान हो। हर दौर में हर चीज़ का अपना एक अलग महत्व होता है।  बात अगर हम खाने की करें तो हम देखते हैं कि कुछ खाने बड़े ही पारम्परिक हो गये हैं जिनके बिना हम को कुछ अवसर अजीब लगते हैं अगर वह चीज़ें उस अवसर पर ना हो तो हम उस एक चीज़ के बिना उस अवसर को अधूरा समझते हैं। जैसे होली दीवाली की गुझया, ईद की सेवईं और क्रिसमस की केक इस चीज़ों के बिना यह त्योहार अधूरी लगती है। इसी तरह कुछ खास पकवान भी हमारे दिल में एक खास जगह बना चुके हैं जिनके बिना हमारा खाना अधूरा सा लगता है। जैसे छोले के साथ भटूरे, चिकन चिली के साथ पराठा, बिरयानी के साथ रायता और सब खाने के बाद मीठा। जिस तरह कोई भी खुशी बिना मीठे के पूरी नहीं होती उसी तरह कुछ शादियां बिना शिरमाल कोरमा के पूरी नहीं होती है।  वह वक्त और था कि जब शिरमाल को बनवाना एक इम्तेहान की तरह होता था कि कैसे शिरमाल बनेगी।

McAfee | AG | John McAfee | McAfee Antivirus founder dies aged 75

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  McAfee ऐंटीवायरस के आविष्कारक John Macefee ने जेल में की आत्महत्या         ब्रिटिश मूल के अमेरिकन कंप्यूटर प्रोग्रामर व ऐंटीवायरस सॉफ्टवेयर मैकेफी के आविष्कारक व संस्थापक जॉन मैकेफी बुधवार को स्पेन के बारसिलोना की जेल में मृत पाए गए हैं। वे 75 वर्ष के थे। कुछ घंटे पहले ही स्पेन की एक अदालत ने कर चोरी के मामले में मैकेफी को अमेरिका प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दी थी। स्पैनिश न्याय विभाग का कहना है कि घटित घटनाएं इशारा करती हैं कि मैकेफी ने आत्महत्या की है।        एंटीवायरस के गुरु कहे जाने वाले जॉन मैकेफी पर 2014 और 2018 के बीच जानबूझकर टैक्स रिटर्न दाखिल न करने और इनकम टैक्स न भरने का आरोप है। कहा जाता है कि उस दौरान अपने जीवन की कहानी के अधिकार बेचने और क्रिप्टो करंसी से उनको लाखों की कमाई हुई थी। अगर उनपर दोष साबित हो जाता तो 30 साल तक की जेल हो सकती थी।     मालूम हो कि जॉन मैकेफी को बार्सिलोना एयरपोर्ट से अक्तूबर 2020 में उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वे ब्रिटिश पासपोर्ट के साथ बार्सिलोना एयरपोर्ट पर इस्तांबुल के लिए फ्लाइट पकड़ रहे थे।

Paratha | Can I keep paratha packet outside for travelling without fridge? | AG | पराठा | Refrigerator |Paratha

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  Can I keep paratha packet outside for travelling without fridge?  पराठा एक ऐसी डिश है जो हर कोई खाना और खिलाना पसंद करता है। पराठा बनाना किसी को आसान लगता है तो किसी को बहुत मुश्किल। कोई पराठा खाकर खुश होता है तो कोई खिला कर ही खुश हो जाता है। परठा और मां यह दो नाम अक्सर एक साथ आते हैं।  पराठों को लेकर कुछ बातें जो बहुत ही प्रचलित (मशहूर) है वह यह है।  "मुझे अपनी मां के बने हुए पराठे बहुत याद आते हैं"।  "मेरी मां के जैसा पराठा कोई नहीं बना सकता"।  "मां के बने पराठों में जो स्वाद है वह इन पराठों में नहीं"।  "पराठा बतलब मां के हाथ के बने हुए"।  पराठा खाने में भी आसान है और अगर कहीं कुछ खाना ले जाना हो तो भी सबसे पहले पराठे ही का ख्याल मन में आता है। क्योंकि खाने में तो आसानी होती ही है साथ ही साथ ले जाने में भी आसानी रहती है। अगर आप कहीं सफर पर जा रहे हैं और साथ में पराठे ले जाना चाहते हैं तो आप को पराठे ले जाते समय कुछ बातों को ध्यान में रखना होगा। जब हम सफर पर जाते हैं तो साथ में रेफ्रीजिरेटर नहीं होता है। हमको खाना ऐसे ही रखना होता है ऐसी स्थि

Can we eat ghee paratha with fish curry? | AG | Paratha | Laccha Paratha

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  Can we eat ghee paratha with fish curry?  पराठा.....  पराठे का नाम सुनते ही बहुतों के मुंह में पानी आ जाता है। अब वह चाहे आलू पराठा।  घी को हम चिकन, मटन, फिश, सब्ज़ी, और अचार के साथ- साथ दही और नींबू प्याज़ की चटनी के साथ भी खाते हैं। हर चीज़ को हर जगह खाने का एक अलग तरीका होता है। हम बात अगर घी पराठे की करें तो हम देखते हैं कि हर जगह हर शहर हर देश यहां तक की हर घर में एक अलग तरीके से बनाया और खाया जाता है। जैसा कि हम खानों को रोटी, पराठे और नान आदि के साथ खाते हैं। लेकिन कौन से खाने के साथ कौन सी रोटी पराठा अच्छा लगता है यह बात हमारे मूड और माहौल पर निर्भर करती है। पराठे को सूखी सब्जी और अचार के साथ ही साथ गीली और रसदार सालन के साथ खाया जा सकता है। फिश करी एक ग्रेवी वाली डिश है। जिसको ज़्यादा मसालों के साथ बनाया जाता है। और जिसकी ग्रेवी को मसाला भूनने के बाद पानी डालकर उसमें फ्राई को डाल कर पकाया जाता है। फिश करी को घी पराठा के साथ भी खाया जाता है। जो खाने में बहुत मज़ेदार औ स्वादिष्ट लगता है। एक ज़माना था कि लोग घी लगी रोटी और खूब सारा घी डालकर बनाये गये पराठे खाते थे। लेकिन अब वक्

George Floyd | AG | Movie | Hero

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   श्याम श्वेत की बात बहुत पुरानी है...... लेकिन हर युग में यह खुद को दोहराती है। बात होती है जब भी इंसानों की, तो बात यह भी होती है कि वह कैसा था गोरा या काला। क्यों नहीं इंसानों को उसके कर्म से आंका जाता? क्यों शक्ल देख कर अच्छे या बुरे का सर्टिफिकेट दे दिया जाता है? क्यों गोरे-काले के भेद में मन की सुन्दरता छिप जाती है? गोरे-काले का भेद तो जन्म से ही शुरू हो जाता है। लेकिन यह भेद किसी के मौत का कारण बन सकता है यह शायद किसी ने नहीं सोचा होगा।  जॉर्ज फ्लॉइड (George Floyd) को कल तक कौन जानता था? लेकिन आज जॉर्ज फ्लॉइड (George Floyd) को हर कोई जानता है। लेकिन अफसोस यह जानना उस ना जानने से बेहतर था। क्योंकि जॉर्ज फ्लॉइड(George Floyd) आज इस दुनिया में नहीं हैं।  अमेरिका जैसे देश के सड़क पर जॉर्ज फ्लॉइड (George Floyd) और पुलिस के बीच ना जाने क्या होता है कि कुछ ही पलों में जॉर्ज फ्लॉइड (George Floyd) की गर्दन उस पुलिस के घुटने से दबी होती है, और जॉर्ज फ्लॉइड के वह तकलीफदेह अल्फाज़ जिस को पढ़-सुन कर आज हर इन्सान के आंख में आंसू है। मगर उस पुलिस वाले को उस वक्त भी जॉर्ज फ्लॉइड (George Floyd)

Aag | poetry | Hindi | AG | Hindi poetry

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  आग वह आग जले तो उजाला घरों में होता है वरना बुझे आग तो अंधेरा घरों में हो जाए वह आग जले तो बुझे पेट की आग वरना भूखे ही मर ना जाते वह सभी वह आग ही तो है जो जलते हैं अपनों से वरना हर कोई मिल-जुल के रहा ना करे वह आग ही तो है जो जोशे-जुनूं बढ़ाता है वरना थक-हार के कब के बैठ जाएं ना सभी वह आग ही तो है जो मुहब्बत में होती है वरना कोई किसी से क्या प्यार करे वह आग ही तो है तप के बने सोना जिसमें वरना सोना भी ना बिकता कोड़ियों में यहां वह आग ही तो है जो बदले की जलती है वरना हर शख्स चैन से जीता ना मिले वह आग ही तो है जो निकल जाए पत्थर से वरना माचिस की जरूरत किसे है यहां वह आग ही तो है जो जलाती है तालीम की लै वरना जिहालत की अंधेरी रात बहुत है यहां वह आग ही तो है जो दिलों में जलती है वरना हर शख्स जुदा ना होता किसी से यहां वह आग ही तो है तो उगलती है ज़ुबां अक्सर वरना हर बोल ना होती वह मिठास लिए वह आग ही तो है जो नफरतें बढ़ाती है वरना यह शहर तो मुहब्बत की मिसालें लिखता  वह आग ही तो है जो ज्वाला बन के जले है यहां वरना एक नन्हा सितारा भी कम है क्या किसी से यहां। -Little_Star

Ek khyal | Shushant Singh Rajput | AG | Hero

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  एक ख्याल "सुशांत सिंह राजपूत" की मौत से "एक ख्याल" क्यूं ना स्कूल एक ऐसा भी खोला जाए हो पढ़ाई  वह जहां चेहरे को समझने की आज एक विज्ञापन ऐसा भी निकाला जाए है ज़रूरत हमें टीचर की जो पढ़ाना जाने कैसे जीना है हमें मुश्किलों और हालातों में हंसते चेहरों के समझने का हुनर जिसमें हो वह जो जिंदा हो मगर मौत से लड़कर तन्हा ऐसा प्रिंसिपल भी उस स्कूल का खोजो यारों हो पढ़ाई भी बहुत सख्त और बहुत ही उम्दा एक गिनती ऐसी भी अब याद कराया जाए एक मरते हैं तो मर जाते हैं ना जाने कितने ऐसी मौतों के बहाने को अब गिनाया जाए मिल नहीं जाती हैं हर शख्स को खुशियां सारी ऐसी बातों को समझने का सलीका भी बताएं वह किताबों का जो लेसन हो सबक आमोज़ हंसते चेहरों को समझने का तरीका जाने वह छलकती है जो आंखों से हजारों खुशियां ऐसी खुशियों को बचाने का हुनर भी जाने हो जो दौलत वो बहुत और शोहरत की चमक ऐसी दौलत से ही खुशियों को बचाने के लिए हो एक एगज़ाम भी ऐसा खुशियां परखने के लिए क्यूं ना आदमी को भी अब इंसान बनाया जाए कच्चे धागों की मजबूती पे यकीं है जितना पक्के रिश्तों की भी गहराई का अंदाज़ा कराया जाए किस तरह हा