शिरमाल....
पारम्परिक और पुरानी चीज़ों को कहीं ना कहीं हम खुद ही खत्म कर रहे हैं। और अक्सर उन्हीं पुरानी और पारम्परिक चीज़ों के ख़त्म होने पर अफसोस भी करते हैं।
हर चीज़ का अपना एक अलग महत्व होता है फिर चाहे वह रस्मो-रिवाज हो, रहन-सहन हो, या खान-पान हो। हर दौर में हर चीज़ का अपना एक अलग महत्व होता है।
बात अगर हम खाने की करें तो हम देखते हैं कि कुछ खाने बड़े ही पारम्परिक हो गये हैं जिनके बिना हम को कुछ अवसर अजीब लगते हैं अगर वह चीज़ें उस अवसर पर ना हो तो हम उस एक चीज़ के बिना उस अवसर को अधूरा समझते हैं। जैसे होली दीवाली की गुझया, ईद की सेवईं और क्रिसमस की केक इस चीज़ों के बिना यह त्योहार अधूरी लगती है।
इसी तरह कुछ खास पकवान भी हमारे दिल में एक खास जगह बना चुके हैं जिनके बिना हमारा खाना अधूरा सा लगता है। जैसे छोले के साथ भटूरे, चिकन चिली के साथ पराठा, बिरयानी के साथ रायता और सब खाने के बाद मीठा।
जिस तरह कोई भी खुशी बिना मीठे के पूरी नहीं होती उसी तरह कुछ शादियां बिना शिरमाल कोरमा के पूरी नहीं होती है।
वह वक्त और था कि जब शिरमाल को बनवाना एक इम्तेहान की तरह होता था कि कैसे शिरमाल बनेगी। और कौन बनवायेगा। शिरमाल की जानकारी जिस को होती थी उससे पूछा जाता था। मगर अब हर चीज़ आसान हो गई है। जो ना समझ आये गूगल और यू ट्यूब से पूछ लो सब बता देते हैं ।
उसी जानकारी के क्रम में हम आज शिरमाल बनाने की रेसिपी बता रहे हैं उम्मीद है बताए गए सामग्री और तरीके से आप की शिरमाल अच्छी बनेगी।
मटन कोरमा बनाने का ऐसा आसान तरीका जानकर होगी हैरानी और खुशी जानें रेसिपी
एक किलो शिरमाल का सामान।
सामग्री:-
मैदा आधा किलो
आटा एक पाव
सूजी एक पाव
दही एक पाव
चीनी एक पाव
घी एक पाव
नमक 1/4 चम्मच
लौंग 13 पीस 18
छोटी इलायची 10 से 13
बड़ी इलायची 9 से 12
खोया 100 ग्राम से एक पाव
गुड 2 भेली (पीस)
खीर को बनाते समय ध्यान में रखें यह बातें और मेहमानों से वाहवाही लूटने का मौका ना गंवाएं।
नोट:-
🔊 एक किलो में 13 से 15 पीस शिरमाल बनती है।
🔊 दही मीठी नहीं बल्कि खट्टी डालना है। जो कि डेयरी में मिलती है। क्योंकि दही से ही खमीर बनती है। अमूल की भी खट्टी डाल सकते हैं। जिसको सादा (प्लेन) दही भी कहते हैं।
🔊 लोंग, बड़ी इलायची और छोटी इलाइची को अपने हिसाब से कम और ज़्यादा कर लें।
🔊 घी डालडा इस्तेमाल करें। और अगर ज़्यादा स्वादिष्ट शिरमाल बनाना हो तो देसी घी भी डाल सकते हैं।
ध्यान रहे घी डालना एक पाव ही है अब अगर देसी घी भी डालना चाहते हैं तो 100 ग्राम देसी घी और 150 ग्राम डालडा डालें। और अगर देसी घी ज़्यादा डालना हो तो अपने हिसाब से कम ज़्यादा कर लें।
🔊 अगर आप खोया नहीं डालना चाहें तो कोई दिक्कत नहीं है। खोया ज़रूरी चीज़ों में से नहीं है। वह जो कहावत हैं ना कि जितना गुड़ डालोगे उतना मीठा होगा। तो यह खोया भी वही गुड़ है। अगर डाल देंगे तो स्वाद ही बढ़ेगा। और अगर नहीं डालेंगे तो भी स्वादिष्ट शिरमाल बनेगी।
पोता और नाती हो और गोंद का हलवा बेटी और बहू के लिए ना बने। ऐसा हो सकता है। आज ही जानें रेसिपी गोंद के हलवे की।
तैयारी:-
🔪 आटा, मैदा और सूजी को छान लें।
🔪 लौंग, बड़ी इलायची और छोटी इलाइची को पानी डाल कर पीस लें।
अगर आप चाहें तो लौंग, बड़ी इलायची और छोटी इलाइची का पाउडर भी कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि जब पाउडर करें तो पाउडर को छलनी में छान लें और उसका छिलका अलग कर लें। वरना शिरमाल में उसके छिलके के रेशे खाते समय मुंह में निकलेंगे। जो कि सही नहीं है।
इस लिए पाउडर कर के उसको ज़रूर छान लें।
और अगर आप लौंग, बड़ी इलायची और छोटी इलाइची का पेस्ट पानी डाल कर करते हैं तो सभी चीजें अच्छे से बारीक हो जाती है। और फिर उसको छानने की ज़रुरत नहीं होती है।
पराठा बेचना अब हुआ आसान अगर अपनाएं यह उपाय...
विधि:-
एक बड़े बर्तन में मैदा रखें।
फिर सूजी डालें।
आटे को भी उसी में डालें।
दस लाइन, दस स्वाद, दस डिश....
चीनी डालें।
नमक को भी इसी में डाल दें।
अब आधा घी डालें। और अच्छे से मैश कर के मिला लें। और आधा बचा लें। आधा बाद में डालना है।
लौंग, बड़ी इलायची और छोटी इलाइची को पानी डाल कर पीस लें।
पेस्ट तैयार है।
दही में लौंग, बड़ी इलायची और छोटी इलाइची के पेस्ट को डाल दें।
और दही में अच्छे से मिलाएं। और फिर इसको भी आटा मैदा वाले बर्तन में डाल कर अच्छे से मिलाएं।
आप देख सकते हैं कि सब कुछ अच्छे से मिल गया और रोटी के आटे की तरह आटा मिल गया है।
ध्यान रहे इस को आटे की तरह गूंधना नहीं है। सिर्फ इस तरह से मिलाएं कि सब अच्छे से मिल जाए।
अब जो आधा घी बचाया था उसको डालें।
और हाथों से नोचते हुए घी को आटे में मिलाकर दो तीन घंटे के लिए ढंक कर रख दें।
नोट:-
🔊 अगर आप को शिरमाल घर पर बनाना है तभी आगे के प्रोसेस के फॉलो करें। और अगर आप को हलवाई से तन्दूर में शिरमाल बनवाना है तो आप सिर्फ सबको मिला रख दें। और फिर हलवाई के यहां तन्दूर में शिरमाल बनवा लें।
🔊 जब आप को बाहर हलवाई से तन्दूर में शिरमाल बनवाना हो तो पहले हलवाई से बात कर लें कि शिरमाल बनवाना है। और वह जितना पहले आटा गूंधने के लिए कहें तब उसी हिसाब से शिरमाल का आटा गूंधें।
🔊 हलवाई आपके गूंधे हुए आंटे की शिरमाल बनाते हैं तो सिर्फ पकवाई लेते हैं। जो कि ₹50 से लेकर ₹150 तक होती है। शहरों के हिसाब से पकवाई कम और ज़्यादा हो सकती है।
🔊 अब तो बाज़ार में हलवाई लोग जो कि शिरमाल बनाते हैं वह अब तैयार शिरमाल ₹40 से 50 में तैयार शिरमाल भी बेचते हैं।
🔊 कभी ज़्यादा शिरमाल बनाना हो और घर पर गूंथना ना हो सके तो सारा सामान देकर हलवाई से भी आटा गूंधवा सकते हैं। जिसका वह अलग से पैसा लेते हैं।
फायदा:-
♥️ अपना आटा गूंथ कर शिरमाल बनाने का फायदा यह है कि आप पूरी लागत (सामग्री) डाल कर शिरमाल बनाते हैं। और जो बाहर तैयार शिरमाल मिलती है उसमें वह बात नहीं होती है जो घर के बने हुए आटे के शिरमाल में होती है।
♥️ घर में शिरमाल का आटा गूथते वक्त हम उसमें लौंग, बड़ी इलायची और छोटी इलाइची के साथ ही घी और खोया पूरी मात्रा में डालते हैं जबकि हलवाई लोग को सस्ता बेचना होता है वरना ज़्यादा महंगी कोई लेगा नहीं। इसलिए वह लोग कम सामान डालते हैं।
♥️ वैसे बाज़ार की शिरमाल भी अच्छी होती है।
अब सारे आटे की लोई बना लें। लोई बनाते समय आप तय कर लें कि आप को कितनी बड़ी शिरमाल बनानी है। अगर आपको बड़ी शिरमाल बनानी है तो बड़ी लोई करें, और अगर आप को छोटी या मीडियम साइज़ की शिरमाल बनानी हो तो उसी हिसाब से लोई करें।
गुड को आधा कप पानी में भिगो दें।
लोई को चैका पर रख कर हाथ से दबाते हुए बड़ा करें। आप चाहें तो बेलन से भी बेल सकते हैं। बेलने के बाद उस पर निशान बना दें। जैसा की आप फोटो में देख रहे हैं।
अगर आपके पास कोई नया साफ-सुथरा कंघा हो तो वह इस्तेमाल कर सकते हैं।
और फिर शिरमाल पर गुड़ वाला पानी लगाएं।
ओवन को 200° पर गर्म करके शिरमाल को ओवन में रखें। आप का जितना बड़ा ओवन है उसी हिसाब से बेक करने के लिए शिरमाल रखें। हमने कभी दो कभी तीन शिरमाल बनाए हैं।
ओवन में शिरमाल को बेक करने के लिए सात से आठ मिनट बौटम और सात से आठ मिनट टॉप पर बेक करें। लेकिन आप बीच-बीच में ओवन में शिरमाल को चेक करते रहें। ताकि आप की शिरमाल परफेक्ट कलर में तैयार हो।
शिरमाल को ओवन से निकाल कर उस पर देसी घी या मक्खन लगा दें।
लीजिए लज़ीज़ शिरमाल तैयार है। कोरमे को गर्म करें और फटाफट खाना लगाएं। क्योंकि शिरमाल कोरमा की खुशबू हर किसी तक पहुंच चुकी है।
नोट:-
➡️ शिरमाल को आम तौर से कोरमा के साथ खाया जाता है।
➡️ गुड़ वाला पानी लगाना ज़रूरी नहीं है। गुड़ वाला पानी लगाने से उसका कलर अच्छा दिखता है। गुड़ वाले पानी के बिना भी शिरमाल बना सकते हैं। उससे स्वाद में कोई फर्क नहीं आता है।
➡️ यह बात सही है कि शिरमाल तंदूर की ज़्यादा अच्छी होती है। लेकिन कभी कभार घर पर बने अपने हाथों की शिरमाल खाने और खिलाने का अपना एक अलग ही आनंद है।
➡️ शिरमाल को चाय के साथ भी खा सकते हैं। साथ ही साथ शिरमाल पर बटर लगाकर गर्म करके भी खा सकते हैं।
➡️ शिरमाल एक खास वर्ग की खास डिश है जिसको अक्सर शादियों या फिर किसी खास मौके पर बनाये जाते हैं।
➡️ शिरमाल बनारस में मदनपूरा की खास डिश है। जिसको शादियों में बावर्ची द्वारा बनवाया जाता है।
➡️ पहले घर पर शिरमाल नहीं बनती थी। लेकिन अब शिरमाल बनाने के कई साधन हमारे घर में ही मौजूद होते हैं जैसे ओवन, इलेक्ट्रिक तंदूर, इलेक्ट्रिक तवा इत्यादि। तो अब शिरमाल घर पर भी बन जाती है। और घर पर ही कोरमा भी बन जाता है और हो जाती है सबकी दावत।
➡️ आज गूगल ने चीज़ों को बहुत ही आसान बना दिया है। आज हर तरह की जानकारी हमें गूगल से मिल जाती है। और इसी जानकारी के चलते पता चला कि अब लोग तवे पर भी शिरमाल बना लेते हैं।
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