कालेज वाला प्यार "कुछ अनकही" | Part 6 | College Love: Untold Emotions
समीर की बातें कहां खत्म होने वाली थी। वह तो यादों के झरोखों में बहुत दूर निकल गया था। समीर लौट आओ। इन बातों की अब हमारी ज़िन्दगी में कोई अहमियत नहीं है। दानिया ने उदासी से कहा। लौटना तो है ही दानिया। क्योंकि आज के बाद एक बार फिर हम अजनबी होंगे। हम दोनों के फोन नंबर हमारे पास हैं। हम दोनों एक ही शहर में रहते हैं। हम दोनों एक दूसरे का घर जानते हैं। लेकिन हमारे कालेज का वह आखरी दिन था। और आज का दिन है। इस बीच हम ने बहुत लम्बा सफर तय किया है। हम दोनों एक दूसरे का स्टेटस देखते हैं। लेकिन बिल्कुल गैरों की तरह। यूं जैसे बस दिख गया हो। हम ने कभी एक दूसरे के स्टेटस पर कमेंट भी नहीं किया। लेकिन हम जानते हैं वह स्टेटस हमारे लिए क्या है। चलो समीर अब हॉल में चलते हैं। बहुत देर हो गई है। समीर बहुत ही ज़्यादा इमोशनल हो रहा था। दानिया को उससे डर लगने लगा कि कहीं यह मुलाकात उन की ज़िंदगी को नई उलझन में ना डाल दें। क्या हुआ? मेरी बातों से डर लगने लगा। डरो मत दानिया आज की इस मुलाकात से हम एक बार फिर ज़िंदगी की तरफ लौटेंगे। और हमारी ज़िन्दगी एक मिसाली ज़िंदगी होगी। मगर इस दुनिया के लोग कभी नहीं...