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Showing posts from February, 2025

कालेज वाला प्यार "कुछ अनकही" | Part 6 | College Love: Untold Emotions

समीर की बातें कहां खत्म होने वाली थी। वह तो यादों के झरोखों में बहुत दूर निकल गया था।  समीर लौट आओ। इन बातों की अब हमारी ज़िन्दगी में कोई अहमियत नहीं है। दानिया ने उदासी से कहा। लौटना तो है ही दानिया। क्योंकि आज के बाद एक बार फिर हम अजनबी होंगे। हम दोनों के फोन नंबर हमारे पास हैं। हम दोनों एक ही शहर में रहते हैं। हम दोनों एक दूसरे का घर जानते हैं। लेकिन हमारे कालेज का वह आखरी दिन था। और आज का दिन है। इस बीच हम ने बहुत लम्बा सफर तय किया है। हम दोनों एक दूसरे का स्टेटस देखते हैं। लेकिन बिल्कुल गैरों की तरह। यूं जैसे बस दिख गया हो। हम ने कभी एक दूसरे के स्टेटस पर कमेंट भी नहीं किया।  लेकिन हम जानते हैं वह स्टेटस हमारे लिए क्या है। चलो समीर अब हॉल में चलते हैं। बहुत देर हो गई है। समीर बहुत ही ज़्यादा इमोशनल हो रहा था। दानिया को उससे डर लगने लगा कि कहीं यह मुलाकात उन की ज़िंदगी को नई उलझन में ना डाल दें। क्या हुआ? मेरी बातों से डर लगने लगा। डरो मत दानिया आज की इस मुलाकात से हम एक बार फिर ज़िंदगी की तरफ लौटेंगे। और हमारी ज़िन्दगी एक मिसाली ज़िंदगी होगी। मगर इस दुनिया के लोग कभी नहीं...

कालेज वाला प्यार "कुछ अनकही" | Part 1

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    कालेज वाला प्यार (कुछ अनकही) कालेज की एल्यूमिनी मीट में हर तरफ एक शोर था। एक दूसरे के गले लगना, ऊंचे-ऊंचे कहकहे, खुशी के आंसू, कहीं हंसी के झरने तो कहीं मुस्कुराते चेहरे यूं कहें हर तरफ सिर्फ खुशियां ही खुशियां थी।  पुरानी यादें, साथ उठना बैठना खाना पीना हर लम्हे आंखों में थे।  एक दूसरे से मिलने की खुशी। सब बहुत ही खूबसूरत था। दानिया, वर्षा, उर्वशी और निकिता भी एक दूसरे से मिल कर बहुत खुश थे। कितनी ही देर वह एक दूसरे के गले लगी हुई थीं। ज़िंदगी कुछ ज़्यादा ही तेज़ी से आगे से नहीं बढ़ रही है? ऐसा लगता है जैसे ज़िंदगी हमारे ग्रेजुएशन के इंतेज़ार में थी। जैसे ही हम ग्रेजुएट हुए और ज़िम्मेदारी हमारे सर पर आ पड़ी।  वर्षा ने अपने बैग से सब के लिए गिफ्ट निकालते हुए कहा। सही कह रही हो। पढ़ाई  पूरी होते ही शादी के बाद ज़िंदगी बदल गई। कुछ भी पहले जैसा नहीं रहा।  जिन ज़िम्मेदारियों को हम बचपन से अपनी मां को अदा करते देख रहे थे। वही सब अब हम कर रहे हैं। उर्वशी ने सोचते हुए कहा। लेकिन हमें खुशी है कि हम अपनी ज़िम्मेदारियों को अच्छे से निभा रहे हैं। दानिया ने खु...

कालेज वाला प्यार "कुछ अनकही" | Part 7 | College Love: Untold Emotions

समीर की बातें खत्म ही नहीं हो रही थी। और दानिया को भी समीर से बात कर के बहुत सुकून मिल रहा था। अंदर हॉल का प्रोग्राम खत्म हो गया। सब को लंच करने के बाद जाना था। समीर और दानिया लंच के लिए चले गये। उसी वक्त वर्षा, उर्वशी और सारे दोस्त आ गये। तुम कहां रह गई थी? वर्षा ने नाराज़गी से पूछा। मैं पीछे बैठ गई थी। तुम लोग दिखी ही नहीं। दानिया अपनी प्लेट में खाना निकालते हुए कहती है।  सब लोग खाना खाकर एक दूसरे से मिल कर जाने लगते हैं। कालेज वाले यह काम बहुत अच्छा करते हैं। पुराने दोस्तों से मिल कर लगता है। अपने अंदर नई जान आ गई है। उर्वशी ने हंसते हुए कहा। दिल, दोस्ती और प्यार पढ़ें और महसूस करें। सही कह रही हो। आज हम बेफिक्र हैं। हमें कोई फिक्र नहीं। आज हम आजाद है। यह एक दिन की रिहाई हमारे कालेज वाले प्यार को ताज़ा कर गई। दानिया ने भी हंसते हुए कहा। और सब बाहर निकल गये। दानिया जैसे ही अपनी गाड़ी में बैठने लगी। उसी वक्त समीर आ गये। चलती हूं समीर, हमारी मुलाकात तो होती ही रहेगी। बिल्कुल वैसे ही, जब मैं अकेली चाय पी रही हूंगी। और चाय के उठते धुएं के साथ तुम्हारा अक्स मेरे सामने होगा।जब गर्म-गर्...

कालेज वाला प्यार "कुछ अनकही" | Part 5 | College Love: Untold Emotions

  दानिया हैरान रह गई। समीर की आंख नम ज़रूर थी। मगर एक भी आंसू बाहर नहीं गिरा। हम अगर ना हंसते तो फिर शायद सारी ज़िन्दगी रोते। हमारी मुहब्बत को कोई नहीं जान पाया। यहां तक कि हमारे दोस्त जो हर वक्त हमारे पास रहते थे। हम ने अपनी मुहब्बत को रूसवा नहीं किया। हम ने दिल से मुहब्बत की और दिल में ही मुहब्बत को छुपा गये। मगर समीर कभी-कभी यह दिल मुहब्बत को ढोते हुए थक जाता है। रात के किसी पहर आंख खुल जाती है। और अचानक से तुम्हारा चेहरा सामने आ जाता है। उन अंधेरी रातों में मेरे अंदर की चींख रात के सन्नाटों को चीरना चाहती है। मगर मेरे लब नहीं हिलते। यूं जैसे किसी ने उसे मज़बूत धागों से सिल दिये हो। और मैं बाहर की  खामोशी और अंदर के शोर के बीच कहीं खो जाती हूं। दानिया कहते हुए रो पड़ी। तुम सही कह रही हो। मुहब्बत को जीते हुए बहुत आगे निकल गये हम। हर ज़िम्मेदारी को निभा कर हर फर्ज़ अदा करते हुए हम एक कामयाब ज़िंदगी जी रहे हैं।  मगर क हीं किसी कोने में एक एहसास अक्सर दम तोड़ देता है।  यह सच है मैं अपनी बीवी के चेहरे में कभी तुम को तलाश नहीं करता। मैं कभी उस का हाथ थामते हुए तुम्हें म...

कालेज वाला प्यार "कुछ अनकही" | Part 4 | College Love: Untold Emotion

  मुहब्बत के वह पल हमारी आंखों में थे। जीने-मरने के वादे नहीं थे। मगर एक ख्वाहिश थी। काश! हम साथ जी पाते। समीर के लहजे में दर्द था। और फिर हमने परिवार की मर्ज़ी से शादी कर ली। और उस रिश्ते को दिल से निभाया। क्योंकि यह हमारा वादा था एक दूसरे की हम अपने पार्टनर के प्रति वफादार रहेंगे। और हम ने वही किया। शायद इसी लिए आज हम एक कामयाब ज़िंदगी जी रहे हैं।  दानिया की नज़र समीर पर गई। जिस की आंख में नमी थी।  यह सच है दानिया कि हम अपने पार्टनर के प्रति वफादार रहे। हमारी ज़ुबान पर कभी एक दूसरे का नाम नहीं आया।हम ने उस के बाद कभी एक दूसरे से बात नहीं की। लेकिन फिर भी हम एक दूसरे से जुड़े हुए थे। अंदर कहीं बहुत अंदर तुम छुपी हुई थी।  जब कभी बहुत ज़्यादा ऊंचे कहकहे लगाता तो आंख नम हो जाती। और उस नमी को पोंछते हुए मैं दोबारा जी उठता। और फिर एक और बहुत ज़ोर का कहकहा लगाता। मेरे कहकहे मेरी खुशी की निशाने थी। और मेरे आंखों की वह नमी मेरी उंगलियों के पोरों में खुश्क हो जाती।  दानिया हैरान रह गई। समीर की आंख नम ज़रूर थी। मगर एक भी आंसू बाहर नहीं गिरा। जारी है..... कालेज वाला प्यार...

कालेज वाला प्यार "कुछ अनकही" | Part 3 | College Love: Untold Emotions

हां, अच्छी गुज़र रही है। अच्छा परिवार है। पति अच्छे हैं।  दौलत इज़्ज़त सब है। दानिया मुस्कुरा दी। दानिया की मुस्कान के पीछे छिपे दर्द को समीर ने शायद पढ़ लिया था। लेकिन वह कुछ नहीं बोला। दोनों की खामोशी बहुत कुछ कह रही थी। और तुम? दानिया की नज़र अब समीर पर थी। मैं भी खुश हूं तुम्हारी तरह सब कुछ है मेरे पास। बीवी-बच्चे इज़्ज़त दौलत! समीर मुस्कुराये। लेकिन सब कुछ होने के बाद भी अंदर कहीं एक खालीपन है। जो आज तक नहीं भरा। समीर इस बार हंस दिये। दानिया मुस्कुरा दी। उसे खुशी हुई कि उस ने जिस से प्यार किया। वह उससे सच्चा प्यार करता था। इस मुस्कुराहट की वजह? समीर की नज़र दानिया पर से हट ही नहीं रही थी। आदत हो गई ना हर बात पर मुस्कुराने की। शायद इस लिए। ज़िंदगी के वह तीन बेहतरीन साल जब हम सब साथ में इसी कालेज में पढ़े। और फिर हमारा वह साथ, और हमारा वह प्यार,  हमारे बीच कोई वादे नहीं हुए। जीने-मरने की कोई कसमें नहीं थी। हम तो सिर्फ साथ के हर लम्हों को जी रहे थे। हमें नहीं पता था कि हमारे साथ कल क्या होगा। हम तो सिर्फ आज में जी रहे थे। दानिया थोड़ा ठहरे। शायद बीते दिनों के किसी पल में खो ...

कालेज वाला प्यार "कुछ अनकही" | Part 2 | College Love: Untold Emotions

सब के चेहरे पर खुशी थी। समीर को देखते ही गये दिनों की बातें हवा के मद्दिम झोंको की तरह मन के अंदर एहसास को जगा रहे थे। जिसे बरसों पहलें धपकी देकर सुला दिया गया था। पुरानी बातों का सिलसिला जारी था। हर किसी को एक दूसरे की बातें याद आ रही थी। एक दूसरे की गलतियों को याद कर के सब मज़े ले रहे थे। उसी वक्त एनाउंस हुआ कि सब लोग हॉल में पहुंचे वहां पर प्रोग्राम शुरू होने वाला था।  चलिए हॉल में चलते हैं। वर्षा उठ खड़ी हुई। उसी के साथ सभी लोग उठ खड़े हुए। और हॉल की तरफ बढ़ गये। आगे बढ़ते-बढ़ते समीर और दानिया साथ हो गये। और धीरे-धीरे दोनों उन सबसे बहुत पीछे हो गये। बाकी लोग अंदर चले गये। समीर और दानिया बाहर ही रुक गये। और फिर वापस से बाहर आकर वहीं सीढ़ी पर बैठ गये। दोनों ने एक दूसरे को देखा। और दोनों ही मुस्कुरा दिये। कैसी हो? ठीक हूं। और तुम? मैं भी ठीक हूं। ज़िंदगी अच्छी गुज़र रही है? समीर की नज़र दानिया के चेहरे पर थी। हां, अच्छी गुज़र रही है। अच्छा परिवार है। पति अच्छे हैं।  दौलत इज़्ज़त सब है। दानिया मुस्कुरा दी। दानिया की मुस्कान के पीछे छिपे दर्द को समीर ने शायद पढ़ लिया था। लेकिन ...

Quotes Hindi Urdu Part 6

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अगर आप तेज़ चलना चाहते हैं, तो अकेले चलिए। लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो, साथ में चलिए। -रतन टाटा  रतन टाटा, भारत के प्रमुख उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष, ने अपने जीवन और अनुभवों से प्रेरित कई प्रेरणादायक बातें कही हैं। यहाँ उनके कुछ प्रसिद्ध कोट्स दिए गए हैं: आगे बढ़ने के लिए जीवन में उतार-चढ़ाव ज़रूरी हैं, क्योंकि ईसीजी में सीधी लाइन का मतलब होता है कि हम ज़िंदा नहीं हैं। मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं रखता। मैं फैसले लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूं। लोग कहते हैं कि पैसे से खुशी नहीं खरीदी जा सकती, लेकिन यह भी सच है कि पैसों के बिना आप बहुत कुछ नहीं कर सकते। जिस दिन मैं उड़ान भरने से डरूंगा, उसी दिन मैं काम छोड़ दूंगा। जो लोग आपसे बेहतर कर रहे हैं उनसे प्रेरणा लें, जलन नहीं। अगर आप तेज चलना चाहते हैं, तो अकेले चलिए। लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं, तो साथ में चलिए। हर व्यक्ति को अपने काम में विश्वास और जुनून होना चाहिए, तभी वह बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकता है। रतन टाटा के ये विचार जीवन में साहस, आत्मविश्वास और दूरदर्शिता के महत्व को दर्शाते ...

Quotes Hindi Urdu Part 1

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🖋️✅    रिश्ता....जिसे दिल से निभाना चाहिए,उसे हम दिमाग से निभाते हैं और फिर शिकवा करते हैं। कोई अपना नहीं यहां। -Little_Star رشتہ..... جسے دل سے نبھانا چاہیے، اسے ہم دماغ سے نبھاتے ہیں اور پھر شکوہ کرتے ہیں۔ کوئی اپنا نہیں یہاں ۔ -Little_Star 🖋️✅  سہمی ہوئی ہے جھونپڑی بارش کے خوف سے محلوں کی آرزو ہے کہ برسات تیز ہو 🖋️✅ کچھ دیر کی خاموشی ہے  پھر شور ائے گا  تمہارا تو صرف وقت ایا ہے  ہمارا دور ائے گا  कुछ देर की खामोशी है  फिर शोर आएगा  तुम्हारा तो सिर्फ वक्त आया है  हमारा दौर आएगा।  🖋️✅ दो बातों से हमेशा बच के रहें, मुझे किसी की ज़रूरत नहीं- अहम सबको मेरी ज़रूरत है- वहम। دو باتوں سے ہمیشہ بچ کے رہیں، مجھے کسی کی ضرورت نہیں — اَہَم سب کو میری ضرورت ہے — وَہم ۔ 🖋️✅ मैं सच कहूंगी मगर फिर भी हार जाऊंगी  वह झूठ बोलेगा और लाजवाब कर देगा  میں سچ کہوں گی مگر پھر بھی ہار جاؤں گی وہ جھوٹ بولے گا اور لاجواب کر دے گا 🖋️✅ आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है  भूल जाता है जमीं से ही नजर आता है  آسماں اتنی بلندی پہ جو اتراتا ...

Quotes Hindi Urdu Part 2

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सफलता अंतिम नहीं है, असफलताका घातक नहीं है: मायने रखता है तो बस आगे बढ़ने का साहस। विंस्टन चर्चिल  🖋️ گھڑی کو مت دیکھو، وہ جو کرتی ہے وہ کرو۔ چلتے رہو۔  لیونسن (घड़ी को मत देखो, वह जो करती है वही करो। चलते रहो।) 🖋️ ہمارے کل کو حقیقت میں بدلنے کی واحد حد آج کے شک ہیں۔" – فرینکلن ڈی روزویلٹ हमारे कल की सच्चाई का एकमात्र सीमा आज के संदेह हैं। 🖋️ 3. "آپ کبھی بھی نیا مقصد طے کرنے یا نیا خواب دیکھنے کے لیے بہت بڑے نہیں ہوتے۔" – سی ایس لیوس (आप कभी भी नए लक्ष्य तय करने या नए सपने देखने के लिए बहुत बड़े नहीं होते।) 🖋️ سب سے بہترین انتقام بڑی کامیابی ہے۔   فرینک سناترا (सर्वश्रेष्ठ बदला है विशाल सफलता।) یہ نہیں کہ آپ گِر گئے، بلکہ یہ ہے کہ آپ اُٹھے یا نہیں۔  – ونس لامبارڈی (यह नहीं कि आप गिर गए, बल्कि यह है कि आप उठे या नहीं।) 6. "ایک تخلیقی زندگی جینے کے لیے ہمیں غلط ہونے کے خوف کو کھونا چاہیے۔" – جوزف چلٹن پیئرز (एक रचनात्मक जीवन जीने के लिए, हमें गलत होने के डर को खोना चाहिए।) 7. "کامیابی چھوٹے چھوٹے اقدامات کا مجموعہ ہے، جو دن رات کی بنیاد پر کیے جاتے ہیں۔...

Shad Abbasi's Yadein

🖋️ अभी तो रोने का मौसम है मुस्कुराऊं क्या मेरी हयात भी कागज़ की नाव जैसी है  🖋️ मेरी गज़ल में जो कुछ फिक्र व फन की खुशबू है  मेरा कमाल नहीं आप की मुहब्बत है  🖋️ काटे ना कट रही थी हवा से दिये की लव जलता रहा चिराग हवाओं में देर तक 🖋️ हैं और भी फंकार यहां इल्म व अदब के एक शाद ही इस शहर में बेकार नहीं है  🖋️ सम्भल के चल तेरा नक्शे कदम ही रहबर है  सम्भल के बोल यहीं से रिवाज बनता है  🖋️ सम्भल के रखना कदम ज़िंदगी की राहों में  तुम्हारे नक्शे कदम से समाज बनता है  🖋️ राज़े हयात भी मेरे दस्त हुनर में हैं  बीते दिनों के सारे मनाज़िर नज़र में हैं  बचपन से दश्त शौक में गुज़री है ज़िंदगी  कितनी कहानियां मेरे रख्ते सफर में हैं  🖋️  शाद अब्बासी लिखते हैं कि जब भी मेरी कोई किताब मंज़रे आम पर आई मैंने समझा शायद यह मेरी आखरी किताब हो, लेकिन हर बार बच-बच जाता हूं। इस की वजह भी थी कि किताबें उस वक्त तबअ होना शुरू हुई, जब मेरी ज़िन्दगी नसफ से ज़्यादा सफर कर चुकी थी। मंज़िल के आसार नुमाया हो रहे थे। हर कदम पर यही खदशा लगा रहता था कि ना ज...

Shad Abbasi's Shayari Hindi Urdu Part 2

मिला कर कदम से कदम चल रहा था  ना जाने अचानक कहां खो गया वह  मुझे शक है थक कर गमे ज़िंदगी से  अकेले में जाकर कहीं सो गया वह 🖋️ सलमान रागिब की बीमारी के वक्त.... ना जाने ज़िंदगी की राह में क्या होने वाला है  सितम शम्मे फिरोज़ां पर हवा का होने वाला है  सहर से पहले ही क्यों शमआ की लव क्यों थरथराती है  इलाही! क्या मेरे घर में अंधेरा होने वाला है। 🖋️  समझ रहा था यह ज़ादे सफर हमारा है  खुशी से झूमता गाता शज़र हमारा है  बड़ा फरेब दिया उम्र की बहारों ने  बड़े ही फख्र से कहता था घर हमारा है  🖋️  मैं खार व गुल के खानों में तकसीम हो गया  लुत्फ़े चमन उठाने में तकसीम हो गया  उमरे रवां की राहे नवरदी को क्या कहूं  मैं मुख्तलिफ खानों में तकसीम हो गया  🖋️  राज़े हयात भी मेरे दस्त हुनर में हैं  बीते दिनों के सारे मनाज़िर नज़र में हैं बचपन से दश्त शौक में गुज़री है ज़िंदगी  कितनी कहानियां मेरे रख्ते सफर में हैं  راز حیات بھی مرے دست ہنر میں ہیں بیتے دنو کے سارے مناظر نظر میں ہیں بچپن سے دشت شوق میں گزری ...

Shad Abbasi's Shayari Part 6

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 🖋️ جنہیں بھنور میں بھی کافی ہے ناؤ کاغذ کی  وہ اپنے ہاتھ سے لکھتے ہیں اپنی تقدیریں 🖋️ محبت کا ہوتا  نہیں درد یکساں  کوئی خندہ بر لب کوئی آب دیدہ 🖋️ ہنستے چہرے پہ درد کا سایہ  انکھیں کہتی ہیں رات روئی ہے 🖋️ سانسوں کا اعتبار ہمیں شاد کیا ہوا  ہر سانس جیسے موت کی تلوار ہو گئی 🖋️ یہ دل جو جھکا بھی نہ دولت کے اگے  اسے اف کسی کی نظر نے خریدا  🖋️ پلکوں پہ آنسوؤں کی وہ شمعیں جلا گئے  غم خانئہ حیات کی رونق بڑھا گئے  🖋️ میں گمنامی کے سناٹے جزیرے میں مقید ہوں خموشی توڑ کر میری مرے اشعار بولیں گے 🖋️ نہ جانے صبح کیا کہہ کر گئی ہے  یہ چہرہ شام کا اترا ہوا سا 🖋️ اسے کاٹیں گے آنے والی نسلیں  سنا ہے شاد خوشیاں بو گیا ہے  🖋️ یوسف بکا تھا جب وہ زمانہ کچھ اور تھا  رشک حجاب رونق بازار ہوگئ  🖋️ شاد وفا کا تاجر ہوں میں خوشیوں کا بیوپاری ہوں مٹھی بھر بھر موتی دے کر آنسو لاؤں گھر گھر جا کر

Shad Abbasi's Shayari Part 7

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 🖋️ لوگ رو دیتے ہیں الفت کی کٹھن راہوں میں  کوئی میری طرح ہنس ہنس کے نہ گزرا ہوگا 🖋️ دل میں میرے سسکتی ہے ماضی کی ایک کرن  بجھتا دیا ہو جیسے شکستہ مزار پر 🖋️ تنہا ئیو ں کی گود میں ہے شاد زندگی  معراج عشق ہے فلک انتظار پر 🖋️ بند انکھیں ہیں مگر لپ پہ تبسم کی کرن  ان حسیں پلکوں کے پیچھے کوئی سپنا ہوگا  🖋️ ہے عید ساتھ یتیموں کو لے کے چلنے کی  یہ بے کسوں پہ ہے شفقت کا ہاتھ رکھنے کی  🖋️ صرف ایک بار ملاقات ہوئی تھی جس سے  بس اشاروں میں فقط بات ہوئی تھی جس سے  مدح میں وقف تھے جس کی مرے قرطاس و قلم  لوگ کہتے ہیں کہ اب دل سے بھلا دو اس کو 🖋️ بانسری بن کے جو بجتی تھی میری راہوں میں بن کے پائل جو کھنکتی تھی میرے گیتوں میں  ڈر ہے وہ ساز نہ ہو جائے بہ آغوش عدم  لوگ کہتے ہیں کہ اب دل سے بھلا دو اس کو  🖋️ ہائے وہ رات کے زینے سے اترنا اس کا  بے ضرورت میری راہوں سے گزرنا اس کا  ذہن پر اب بھی ہے پتھر کی طرح نقش قدم  لوگ کہتے ہیں کہ اب دل سے بھلا دو اس کو  🖋️ جس نے دل کو میرے پاکیزہ محبت بخشی  جس نے پلکو...

Shad Abbasi's Shayari Hindi Part 2

 🖋️ कब हमारे रास्ते में ग़म के अंगारे ना थे कब तेरी नज़रों के हम ऐ आसमां मारे ना थे रास्ता रोके खड़ी रहती थी अक्सर आंधियां  वक्त की आंधी से लेकिन हम कभी हारे ना थे ( शाद अब्बासी की किताब बिखरे मोती पेज नं 166 से) 🖋️ तनहाई में एक आस का दरिया भी कोई हो टूटी हुई कश्ती का सहारा भी कोई हो  हम पार उतर जायेंगे तूफाने बला में  कश्तिये दिलो जान में अपना भी कोई हो (शाद अब्बासी की किताब बिखरे मोती पेज नं 162) 🖋️ चल रहा था मैं तो लम्बे रास्ते कटते ना थे दिल शिकन राही मिले, हिम्मत शिकन पत्थर मिले इंकलाब आया है ऐसा ज़िंदगी के मोड़ पर  मैं ज़रा ठहरा कहीं तो रास्ते चलने लगे (शाद अब्बासी की किताब बिखरे मोती पेज नं 162)  🖋️ सब यहां अपना है अपना ही घर लगता है  फिर भी क्यों मुझ को उजाले से डर लगता है  🖋️  छलकी है आइने से तबस्सुम की एक किरन चेहरे पे माह व साल की तहरीर देख कर दिल पर लगी खराश कोई याद आ गई  रोया बहुत, जवानी की तस्वीर देख कर  🖋️  थी अजनबी सी आहटें दिलों में इज़तेराब था ना जाने क्या था शहर में कि भीड़ थी जगह-जगह  🖋️ ना ...

बचपन के सुहाने दिन – यादों के झरोखों से | Childhood's Golden Days – A Nostalgic Poem

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बचपन के सुहाने दिन (यादों के झरोखों से).... मद्धम सी किरन वह एक उन बन्द दरीचों से आती है कभी छन कर यादों के झरोखों में  सब याद जो आ जाए महसूस सब हम करते बचपन के सुहाने दिन  रिश्तों की सुहानी रात अपने हैं सभी अपने वह भाई बहन सब ही खुशियों की रज़ाई ओड सब मिल कर बैठे हैं  नफरत ना वहां कोई  शिकवा न शिकायत है लड़ते तो वह हरदम हैं  लेकिन सब ज़ुबानी है  दिल में नहीं रंजिश  एक पल का झगड़ना वह और फिर वह गले मिलना बचपन की हर एक शोखी और दिल वह उजला सा कुछ भूल गये और हम कुछ याद हमें है आज रूठना नहीं हम भूले लेकिन याद नहीं मनाना होता है कहां ऐसा  हल्की सी हंसी वह और  आंखों का वह गीलापन  चमके हैं बहुत अक्सर  आंखों के सितारे वह कहते हैं यही अब तो हम लौट चलें वापस कुछ भी ना हो गर वैसा फिर भी हम वैसे बन जाएं  मिल कर फिर गले हम तुम  शिकवों को मिटा डालें  चमके फिर सितारा वह खामोश जो बैठा है  -Little_Star आनलाइन मैगजीन द्वारा दिया गया टाइटल "बचपन के सुहाने दिन" जिस पर लिखी गई यह कविता।

Shad Abbasi's Shayaris Part 3 | Urdu Shayaris

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  🖋️ ڈھونڈتی پھرتی ہیں جس کو ہر طرف تنہائیاں کیوں ہے سناٹا اٹھا ہے کون اس محفل سے آج 🖋️ انساں کو نظر اتا ہے الٹا سب کچھ  نادان سمجھ بیٹھا ہے اپنا سب کچھ  کہتے ہیں نظر والے یہ دنیا کیا ہے  اندھوں کو نظر آتی ہے دنیا سب کچھ  🖋️  غم گوشۂ ہستی میں چھپا ہوتا ہے  جی کرب کے دریا میں خوشی بوتا ہے  انساں پہ کبھی ایسی گھڑی اتی ہے  انکھیں تو ہنسا کرتی ہیں دل روتا ہے  🖋️ اج لفظوں کا مجاہد کیوں کفن پردوش ہے  صاحب طرز بیاں کیوں اس قدر خاموش ہے  🖋️ ہو گیا ہے دیکھیے خاموش الفت کا رباب  دفن دنیا کر رہی ہے تجربوں کی ایک کتاب 🖋️ بنایا تھا کس نے گلستان کو پہلے  بنایا تھا کس نے یہ انسان کو پہلے  دیا سے دیا آج تو جل رہا ہے  دیا کس نے شمع فروزاں کو پہلے نہیں کوئی ایسا خدا کے علاوہ  🖋️ ہواؤں پہ پانی کی گاگر جو رکھ دے زمین پر حسیں سبز چادر جو رکھ دے پہاڑوں کی چوٹی پہ بھی گر وہ چاہے  نہ جنبش کرے ایک پتھر جو رکھ دے نہیں کوئی ایسا خدا کے علاوہ  🖋️ ہے پانی سے لبریز بادل میں بجلی  کہیں چھوٹے کیڑوں کے آنچل میں ب...

Quotes In Urdu Part 5 | Deep Feelings of Life – Words That Touch the Heart | Urdu Quotes| Motivational

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🖋️ کبھی کبھی سب سے زیادہ شور وہاں ہوتا ہے جہاں دل سب سے زیادہ ٹوٹے ہوتے ہیں۔ 🖋️  اگر آپ مانتے ہیں کہ آپ کر سکتے ہیں، تو آپ آدھا راستہ طے کر چکے ہیں۔ تھیوڈور روزویلٹ- 🖋️ جو کرنا صحیح لگے، وہی کریں، کیونکہ آپ سب کو خوش نہیں کر سکتے۔  ایلینور روزویلٹ- 🖋️ ہمیشہ مضبوط رہنے کی کوشش کرتے کرتے اندر سے ٹوٹ جانا شاید اصل زندگی ہے۔ 🖋️ کچھ رشتے ہماری زندگی میں صرف اس لیے آتے ہیں کہ ہمیں سکھا سکیں کہ خود سے محبت کیسے کی جائے۔ 🖋️ خواہشیں تو بہت ہیں، لیکن دل ڈرتا ہے کہ کہیں ان کا پیچھا کرتے کرتے خود کو نہ کھو دوں۔ 🖋️ ہر کوئی کہتا ہے کہ وقت بدل جاتا ہے، لیکن حقیقت یہ ہے کہ لوگ بدل جاتے ہیں۔ 🖋️ مسکراہٹ کے پیچھے جو درد چھپا ہے، وہ صرف وہی جانتا ہے جس نے اسے محسوس کیا ہے۔ 🖋️ زندگی ایک ایسی کتاب ہے جسے ہر کوئی پڑھنا چاہتا ہے۔ لیکن اسے لکھنے والا اکیلا ہوتا ہے۔ 🖋️ کبھی کبھی سکون پانے کے لیے پہلے خود کو سمجھانا پڑتا ہے کہ سب ٹھیک ہے۔ 🖋️ وہ راستے ہی کیا جو آسان ہوں، اصل مزہ تو تب ہے جب ہر موڑ پر خود کو ثابت کرنا پڑے۔ 🖋️    سب یہ پوچھتے ہیں کہ اتنا بدل کیسے گیا، کوئ یہ نہیں...