कालेज वाला प्यार "कुछ अनकही" | Part 4 | College Love: Untold Emotion
मुहब्बत के वह पल हमारी आंखों में थे। जीने-मरने के वादे नहीं थे। मगर एक ख्वाहिश थी। काश! हम साथ जी पाते। समीर के लहजे में दर्द था।
और फिर हमने परिवार की मर्ज़ी से शादी कर ली। और उस रिश्ते को दिल से निभाया। क्योंकि यह हमारा वादा था एक दूसरे की हम अपने पार्टनर के प्रति वफादार रहेंगे। और हम ने वही किया। शायद इसी लिए आज हम एक कामयाब ज़िंदगी जी रहे हैं।
दानिया की नज़र समीर पर गई। जिस की आंख में नमी थी।
यह सच है दानिया कि हम अपने पार्टनर के प्रति वफादार रहे। हमारी ज़ुबान पर कभी एक दूसरे का नाम नहीं आया।हम ने उस के बाद कभी एक दूसरे से बात नहीं की। लेकिन फिर भी हम एक दूसरे से जुड़े हुए थे। अंदर कहीं बहुत अंदर तुम छुपी हुई थी। जब कभी बहुत ज़्यादा ऊंचे कहकहे लगाता तो आंख नम हो जाती। और उस नमी को पोंछते हुए मैं दोबारा जी उठता। और फिर एक और बहुत ज़ोर का कहकहा लगाता। मेरे कहकहे मेरी खुशी की निशाने थी। और मेरे आंखों की वह नमी मेरी उंगलियों के पोरों में खुश्क हो जाती।
दानिया हैरान रह गई। समीर की आंख नम ज़रूर थी। मगर एक भी आंसू बाहर नहीं गिरा।
जारी है.....
कालेज वाला प्यार "कुछ अनकही" भाग 5
कालेज वाला प्यार "कुछ अनकही" भाग 3
समीर के शब्दों में छिपी सच्चाई ने दानिया को भीतर तक झकझोर दिया। क्या उनके अनकहे रिश्ते का यह दर्द कभी मिट सकेगा? जानने के लिए पढ़ें अगला भाग।
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