कालेज वाला प्यार "कुछ अनकही" | Part 2 | College Love: Untold Emotions
सब के चेहरे पर खुशी थी। समीर को देखते ही गये दिनों की बातें हवा के मद्दिम झोंको की तरह मन के अंदर एहसास को जगा रहे थे। जिसे बरसों पहलें धपकी देकर सुला दिया गया था।
पुरानी बातों का सिलसिला जारी था। हर किसी को एक दूसरे की बातें याद आ रही थी। एक दूसरे की गलतियों को याद कर के सब मज़े ले रहे थे। उसी वक्त एनाउंस हुआ कि सब लोग हॉल में पहुंचे वहां पर प्रोग्राम शुरू होने वाला था।
चलिए हॉल में चलते हैं। वर्षा उठ खड़ी हुई। उसी के साथ सभी लोग उठ खड़े हुए। और हॉल की तरफ बढ़ गये।
आगे बढ़ते-बढ़ते समीर और दानिया साथ हो गये। और धीरे-धीरे दोनों उन सबसे बहुत पीछे हो गये।
बाकी लोग अंदर चले गये। समीर और दानिया बाहर ही रुक गये। और फिर वापस से बाहर आकर वहीं सीढ़ी पर बैठ गये।
दोनों ने एक दूसरे को देखा। और दोनों ही मुस्कुरा दिये।
कैसी हो?
ठीक हूं। और तुम?
मैं भी ठीक हूं।
ज़िंदगी अच्छी गुज़र रही है? समीर की नज़र दानिया के चेहरे पर थी।
हां, अच्छी गुज़र रही है। अच्छा परिवार है। पति अच्छे हैं। दौलत इज़्ज़त सब है।
दानिया मुस्कुरा दी। दानिया की मुस्कान के पीछे छिपे दर्द को समीर ने शायद पढ़ लिया था। लेकिन वह कुछ नहीं बोला। दोनों की खामोशी बहुत कुछ कह रही थी।
जारी है.....
कालेज वाला प्यार "कुछ अनकही" भाग 3
कालेज वाला प्यार "कुछ अनकही" भाग 1
क्या यह खामोशी उनके बीच की अनकही बातों को कभी तोड़ पाएगी? जानने के लिए पढ़ें अगला भाग।
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