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ख़ामोश Love.... 


जुदाई की वह रातें और तन्हाई बहुत अक्सर 

सुबह की वह उदासी और फिर शाम वह गमगीं 

तुम ही यादों में बसते हो सजे रहते मेरे दिल में 

मुहब्बत की ना कसमें हैं ना वादे हैं यहां कोई 

यहां तो दिल तड़पता है नज़र मिलती नहीं लेकिन 

मुहब्बत की मगर लपटें दहकती है यहां हरदम 

सितमगर ओ तेरा जाना और फिर तेरे आने तक 

मेरा वह राह तकना और फिर आस तकने तक 

तेरी फोटो कभी देखूं कभी देखूं तेरे फिर ख्वाब

तेरा है नाम लब पर तो ज़ुबां खामोश ओ हमदम

बहुत फिर याद तेरी आये और ना जाये तेरी जब याद

बहुत रोती हूं मैं तन्हा तुम्हें फिर याद कर-कर के 

आ जाओ ओ परदेसी मेरा अब जी नहीं लगता 

हैं लम्हें तो बहुत खाली सुकून मिलता नहीं फिर भी  

हां यह सच है बहुत परियां तुम्हारे गिर्द मंडराएं 

सभी चाहें तुम्हें पाना मगर तुम याद रखना यह

फलक का एक सितारा भी ज़मीं पर है तेरी खातिर 

-Little_Star




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