जोड़ो के दर्द का चमत्कारी नुस्खा | घरेलू उपाय | AG |






चमत्कारी नुस्खा.....

वैसे तो आज के ज़माने में हमारे पास हर तरह की सुख सुविधा और आसानियां है। साइंस और तकनीक ने हर तरफ झंडे गाड़ दिए हैं। हर तरह की सुख सुविधा के साथ हर तरह का इलाज आज सम्भव है। आज जितना इलाज के तरीकों में वृद्धि हुई है। उससे कहीं ज़्यादा आज बीमारियों ने भी अपने पैर पसार लिये हैं। 

आज बहुत सारे इलाज के बावजूद लोगों को उस बीमारी से शिफा नहीं मिल रहा है जिससे कि वह ग्रस्त है। और बीमारी से शिफा ना मिलने की सूरत में हर कोई परेशान और दुखी है। और हर कोई चाहता है कि कुछ भी कर लें। कोई भी दवा खा लें। जिससे कि बीमारी से आराम मिल जाए। 

आज कल हर दूसरा व्यक्ति जोड़ो के दर्द, सुगर, हाई ब्लडप्रेशर और अनेकों बीमारियों में मुब्तिला है। और चाहता है कि किसी तरह दर्द और तकलीफ़ से निजात मिल जाए। 

एक वक्त तक अंग्रेज़ी दवा खाने के बाद लगता है कि इस दवा से शिफा नहीं हो रहा है। सिर्फ तभी तक आराम रहता है जब तक की दवा खा रहे हैं। और दवा को छोड़ते ही बीमारी फिर वापस अपना स्थान ग्रहण कर लेती है। 

इन्हीं सब कारणों से आज भी हर दवा खाने के बाद लोग घरेलू नुस्खे और उपाय की तरफ रुख करते हैं। क्योंकि घरेलू नुस्खे और उपाय बीमारियों को जड़ से खत्म कर देते हैं। और इन घरेलू नुस्खे का कोई नुक्सान (साइड इफेक्ट्स) भी नहीं है। 

इसी क्रम में यह नुस्खा पूरी सामग्री से लेकर बनाने के तरीके के साथ सेवन करने के तरीके को भी बता दिया गया है। जिससे कि आप आसानी से इस घरेलू दवा को बना कर इस्तेमाल कर सकें। और तंदुरुस्त हो जाएं। 



सामग्री:-
लावा (मखाना)    50 ग्राम 
गोंद         50 ग्राम 
तीसी       50 ग्राम 
तिल        50 ग्राम 
मोसली सफेद     50 ग्राम  




विधि:-

लावा (मखाना) को कड़ाही में रखें।


 


आंच को धीमा रखें और आधा चम्मच देसी घी डालें। और चलाते रहें। लावा (मखाना) हल्का कुरकुरा कर के आंच से उतार लें।




और फिर उसी कड़ाही में मोसली रखें।




दसी घी की कुछ बूंदें डालकर मोसली को भी धीमी आंच पर दो तीन मिनट तक चला लें। और फिर आंच से उतार लें।






मोसली को चलाने के बाद लावा (मखाने) वाले बाउल में ही निकाल दें।




उसी कड़ाही में तिल और तीसी को भी चला लें। तिल और तीसी को अलग-अलग भी चला सकते हैं। तिल और तीसी को भी धीमी आंच पर कुछ मिनट चलाना है। और फिर कड़ाही से निकाल देना है।




गोंद को कड़ाही में ज़रा सा देसी घी डालकर धीमी आंच पर चलाएं। गोंद आंच पर भूनने के बाद फूल जाती है। जिससे पता चलता है कि गोंद भुन गयी है।





गोंद माइक्रोवेव में भी भुन सकते हैं। जो कि बहुत ही आसान और कम समय में हो जाता है। माइक्रोवेव में गोंद को भूनते समय घी डालने की ज़रूरत नहीं है।






सभी सामान को थोड़ा ठंडा कर लें। बिल्कुल ठंडा नहीं करना है। हल्का गर्म आसानी से पाउडर हो जाता है।







सभी सामान को मिक्सर में पाउडर कर लें।



पाउडर करते समय ध्यान रहे कि पाउडर मोटा ना रहे। बल्कि बारीक रहे।





मिक्सर जार से निकाल कर एक बाउल में रख दें। और थोड़ा फैला दें बाउल में जिससे की पाउडर में थोड़ी हवा लग जाए। और फिर किसी एअर टाइट जार में रख दें। और रोज़ एक चम्मच इस पाउडर को खा कर एक गिलास दूध पी लें।


नोट:-

➡️ ठंड के मौसम में इस को ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है। 

➡️ कोई भी घरेलू दवा इस्तेमाल करने से पहले यह पता चल लें कि इस में को सामान डाला गया है वह आप के लिए नुकसानदायक तो नहीं है। 

➡️ एक दो दिन इस्तेमाल करने के बाद चेक करते रहें कि इस के इस्तेमाल से कोई परेशानी या शरीर में कोई और दिक्कत तो नहीं है। 

➡️ हर किसी का शरीर हर चीज़ जज़ब कर ले। यह ज़रूरी नहीं। 

➡️ हर किसी का खानपान, रहन-सहन बीमारी और दवा हर चीज़ अलग होती है। ज़रूरी नहीं कि जो चीज़ एक लोग के लिए फायदेमंद है तो दूसरे के लिए भी फायदेमंद ही हो। 

➡️ कोई भी दवा हो या घरेलू नुस्खे हो। जब भी करें तो विश्वास के साथ करें कि इससे शिफा हो जाएगा। क्योंकि अमल से पहले यकीन ज़रूरी है। फिर चाहे वह दवा हो या दुआ।



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