छोटी-छोटी बातें, बड़े एहसास – रिश्तों की अनमोल कहानियां | 100 word's | Small Moments, Big Emotions – Stories of Relationships

 


आनलाइन मैकज़ीन के लिए लिखा गया यह लेख। जो 100 शब्दों में लिखना था। टाईटल उनका था। लेख प्रकाशित हुआ। 

-Little _Star

🖊️

प्लीज़ आप या तो टीवी बंद कर दीजिए या फिर यह न्यूज़ चैनल बदल दीजिए।

सुनिधि ने बहुत ही उलझे मन से अपने पति परेश से कहा। 

क्यो यह अचानक से तुम्हें क्या हो गया? मैं तो रोज़ ही न्यूज़ देखता हूं। 

परेश ने सवालिया निगाहों से सुनिधि की तरफ देखा। 

रोज़-रोज़ आप यह न्यूज़ चैनल देखते हैं। और हर न्यूज़ चैनल पर  हत्या, बलात्कार, लूटमार और अश्लील फिल्मों की बातों के सिवा कुछ सुनाई या दिखाई ही नहीं देता। इसलिए  रोज़ रोज़ ये सुनकर मैं परेशान हो जाती हूं। 

टीवी बंद हो चुकी थी। क्योंकि बात बिल्कुल सही थी। 



🖊️

रोज़-रोज़ ये सुनकर मैं होती उदास बहुत मैं हूं
बेटी हो तुम इस घर की बेटा बनो ना हम दम तुम
रोज़ रोज़ ये सुनकर मैं सोचती मैं यह हर दम हूं 
बेटी हूं मैं बेटा नहीं क्यूं सोच यह मुझको आती है।





🖊️
फुहार मुहब्बत भरी.....


ठक ठक...
क्या हुआ भाभी जी?
रेवती ने आंख मलते हुए दरवाज़ा खोला और सामने खड़ी जेठानी से सवाल किया।
 उठे देवरानी जी, सासू मां को देर से उठना पसंद नहीं। 
यह सुन रेवती की नींद गायब हो जाती है। 
वह झटपट तैयार होकर किचन में पहुंच जाती है। और उसकी जेठानी उसको सब बताती रही कि क्या कैसे करना है। 
यह देख कर रेवती की आंख नम हो जाती है। 
मुझे खुशी है कि आप मुझे मिली लेकिन मैं आप को क्या दे पाऊंगी? 
देवरानी के रूप में मुझे जो बहन मिली है। वह मेरे लिए अनमोल है। 



🖊️ 

तिनका-तिनका आसमां...…

जरा यह आटा गूंधो मैं आती हूं।
जरा यह अलमारी साफ करो मैं आती हूं।
जरा यहां पर झाड़ू लगाओ मैं आती हूं। 
जरा यह कुर्ता तुरपन करना मैं आती हूं। 
जरा यह कपड़े तह लगाओ मैं आती हूं। 

मम्मी जी आप ने यह जरा-जरा सा करके मुझे हर काम सिखा दिया। और इस बात का अंदाज़ा मुझ आज हो रहा है। आप ही कि वजह से आज मैं अपने ससुराल हर काम बहुत आसानी से कर लेती हूं। मुझे कोई दिक्कत नहीं होता। 

मम्मी जी आप का मंत्र काम कर गया। "जरा यह करना मैं आती हूं"। ❤️

Comments

Popular posts from this blog

कहानी याद आती है | Abandoned by Their Own – A Poem on Parents’ Loneliness | अपनों द्वारा छोड़े गए – मां-बाप की तन्हाई पर एक कविता | Best Poetry | Story

चलो एक फूल चुनते हैं | poetry | Let’s Choose a Flower

शाद अब्बासी (एक शख्सियत) | Part 2