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तन्हा यह ज़िन्दगी को जीना नहीं है आसान
घंटे तो बीत जाते लम्हों को जीना मुश्किल
होते हैं दोस्त यार सब फिर भी कमी है रहती
वह एक खिला जो होती पुर वह नहीं है होती
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आज फिर एक ज़िन्दगी की कहानी बनी
जीती थी जो ज़िन्दगी अब गुज़ारे है वह दिन
मुस्कुराहट है भले होंठ पर आंख खामोश है
गम छुपा के हंस के बोलना यह हुनर सब में कहां ंं
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सरे वर्क देख हसीं मद गुमां होना दोस्त
खस्ता है हर एक पन्ना उस हसीं बुक का दोस्त
थी कभी वह हसीं नयी जो थी वह भी जब
अब वह हो गई एक पुरानी कहानी की किताब
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याद कर लेती वह उसको याद जब आये उसे
पास अब तो वह नहीं फिर भी पुकारे दिल उसे
सच यह है तन्हा उसे जीना है अब यह ज़िन्दगी
फिर भी उसके साथ को महसूस हर दम वह करे
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दिल में दर्द है बहुत याद तुम फिर आ गये
अश्क आंखों में बहुत याद तुम फिर आ गये
शब गुज़ारी जग के जानां याद तुम फिर आ गये
आज है करवाचौथ याद तुम फिर आ गये
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वह जो बारिश है होती अब ना थी पहले कभी ऐसी
अभी बारिश लगे ज़हमत कभी रहती थी जो रहमत
हर एक चेहरा चमक जाता चमक जाता सभी कुछ तब
ना अब वह बात पहली सी ना बारिश अब वह पहली सी
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