कर्ज़ दार

यह क्या बेटा, सना ने तुम से पैसे मांगे और तुम ने दे दिये।

सलमा बीबी ने नाराज़गी से अपने बेटे हामिद से कहा।

वह बीवी है मेरी, उस को ज़रूरत होगी तभी उस ने पैसे मांगे। वरना वह क्यों लेगी पैसे।

हामिद ने नाराज़गी से कहा।

बहुत छूट दे रखी है तुमने, ऐसा ना हो कि बाद में पछताना पड़े।

सलमा बीबी अभी भी नाराज़ थी। मगर खामोश रह गई। लेकिन उन्हें अपने बेटे हामिद को इस तरह अपनी बीवी को पैसे देना बिल्कुल भी पसंद नहीं था।

अम्मी मैं थोड़ा बाज़ार जा रही हूं। घर का कुछ सामान लेना था। खाना बना कर  टेबल पर रख दिया है। अगर मुझे देर हो तो आप लोग खा लेना।

सना ने सास को देखते हुए कहा।

ठीक है मैं देख लूंगा। तुम जाओ। 

हामिद ने उसको पैसे देते हुए कहा।

हामिद जब बहू बाहर जाने लगती है तुम इसको पैसे दे देते हो। कभी हिसाब भी लेते हो कि इस ने उन पैसों का क्या किया?

आज फिर बहू को इस तरह पैसे देते देख सलमा बीबी नाराज़ हो गईं।

अम्मी यह घर का ज़रूरी सामान लेने जा रही है। और यह बीवी है मेरी, इस घर की मालकिन। कोई मुलाज़िमा नहीं जिस से मैं हिसाब लूंगा।

हामिद ने सना को देखते हुए कहा।

जो ज़ख्मी नज़रों से कभी सास को तो कभी शौहर को देख रही थी।

तुम जाओ, हामिद ने सना से कहा।

सना खामोशी से बाहर निकल गई।

तुम यह अच्छा नहीं कर रहे हो। कुछ पैसे बचा कर रखो। मुश्किल वक्त के लिए।

सलमा बीबी ने बेटे को समझाते हुए कहा।

अम्मी अगर मुझे लगता कि वह फुज़ूल खर्च कर रही है, तो मैं उसे ज़रूर रोकता। लेकिन उस ने आज तक कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे मुझे उससे सवाल करना पड़े। इस लिए अब यह बात आप ना कहें।

आमिर ने प्यार से मां को समझाया।

सलमा बीबी उस वक्त तो खामोश हो गई। लेकिन जब भी उन की बहू बाहर जाती। वह कुछ ना कुछ बोल देती। जिसे सुनकर सना खामोश ही रहती थी। क्योंकि उसे लगता था कि वह बड़ी हैं। वह जो कह रही हैं। उन के भले के लिए ही कह रही हैं।

वक्त का काम है आगे बढ़ना, और वह बढ़ता रहा।

क्या कहा डॉक्टर ने?

सना ने सास को और हामिद को उदास आता देख कर पूछा।

हार्ट सर्जरी बोला है डाक्टर ने।

हामिद ने उदासी से कहा।

पांच लाख रूपये बोला है डाक्टर ने। कैसे इंतेज़ाम होगा?

सलमा बीबी ने जताते हुए कहा।

मैंने कुछ जमा किये हैं अम्मा, हो जायेगा आपरेशन आप का, आप फिक्र ना करें। हामिद ने मां को तसल्ली दी।

और जो बेटी के इंजीनियरिंग कालेज में ऐडमिशन करवाना है। वह कैसे होगा?

सलमा बीबी ने नाराज़गी से कहा।

मैं देखता हूं अम्मा, इन्तेज़ाम हो जायेगा। किसी से कर्ज़ ले लूंगा। फिर बाद में वापस कर दूंगा।

हामिद ने सोचते हुए कहा।

मैं कहती थी कि बहू को इस तरह हाथ खोल कर पैसे मत दो। देख लिया ना उसका नतीजा। इस ने तुझे कर्ज़ दार कर दिया। कैसे चुकायेगा तू कर्ज़?

सलमा बीबी ने गुस्से से कहा।

आमिर खामोशी से उठ कर कमरे में चला गया।

आप आराम करें अम्मा सब ठीक हो जायेगा। सना ने सास को लिटाते हुए कहा। और किचन में खाना बनाने चली गई। हाथ के साथ-साथ उसका दिमाग भी बहुत तेज़ी से चल रहा था।

आपरेशन भी हो गया, और बेटी का ऐडमिशन भी। मगर तू कर्ज़ दार हो गया। यह मुझे अच्छा नहीं लग रहा। अगर तू शुरू से ही सना को इस तरह पैसे ना देता, तो शायद तू कर्ज़ दार ना होता। तू देख रहा है ना कि उसने तुझे कर्ज़ दार बना दिया।

सलमा बीबी ने हामिद को देखते हुए कहा।

हां अम्मा आप सही कह रही हैं। सना ने मुझे कर्ज़ दार बना दिया। एक ऐसा कर्ज़ जो मैं कभी अदा ना कर सकूं। अम्मा आप के आपरेशन और बेटी की फीस सब सना की बचत के पैसों से हो गया। 

हामिद की आंखों के सामने वह बहुत सारे मुडे तुडे पैसे आ गये। जो सना ने ना जाने कहां-कहां से निकाल कर उसके सामने रख दिये थे। हामिद अपनी आंखों के नम होते कोनों को मां से छिपाता, वहां से उठ कर अंदर कमरे में चला गया।

और बूढ़ी अम्मा अपने दिल पर हाथ रख कर रह गई। जो चीख-चीख कर कह रहा था कि तुम सना की कर्ज़ दार हो, एक ऐसा कर्ज़ जो कभी अदा नहीं हो सकता।

-Little_Star








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