Khwaab | ख्वाब
ख्वाब...
चलो आज हम मनाते हैं
उन यादों को ख्वाबों को
जो हैं रूठे और बेगाने
बढ़ाते हाथ हम भी आज
भुला कर सब वह नादानी
मगर अफसोस यह दुनिया
और इस दुनिया के वह कुछ लोग
हर बढ़ते हाथ झटक देते
हर खुलते लब को सिल देते
कुछ बातें कह ही जाते वह
कदम उठते ही थम जाते
जुड़ी हिम्मत फिर टूट जाती
कदम पीछे फिर हट जाते
मिलन की वह चाहत फिर
दिल ही दिल में रह जाती
नहीं उम्मीद फिर कोई
ज़िंदगी यूं ही जी लेंगें
नहीं ख्वाहिश कोई बाकी
सितारा आज टूटा फिर
दुआ लब पे ना थी कोई
-Little_Star
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