डोर धड़कन से बंधी | भाग 20 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 20 | Hindi Romantic Story
मुहब्बत के यह किस्से भी अजीब होते हैं। कभी यह ज़िंदगी बना देती है। तो कभी ऐसे रास्ते पर ले आती है। जहां से आगे जाना मुश्किल हो जाता है। शिवाय भी आज उसी दौर से गुज़र रहे हैं। जहां पाने की चाह और खोने का डर दोनों साफ दिखाई दे रहा था।
खाना खायेंगे?
नहीं मुझे नहीं खाना है।
आपको मेडिसिन भी लेना है।
मुझे कुछ नहीं खाना है। और तुम को ज़्यादा परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। कहते ही शिवाय वहीं सोफे पर लेट कर आंख बन्द कर लेते हैं। जैसे अब वह कोई बात नहीं करना चाहते हैं।
शिवन्या एक नज़र शिवाय को देखती है। और चुपचाप अपने रूम में चली जाती है।
सुबह शिवाय उठ कर सीधे रूम में जाते हैं। रूम पूरी तरह साफ हो चुका था। शिवाय तैयार हो कर बाहर आते हैं तो देखते हैं ब्रेकफास्ट टेबल पर लगा हुआ था। शिवन्या भी तैयार थी ऐसा लग रहा था वह कहीं जा रही है।
शिवाय खामोशी से बैठ कर नाश्ता करने लगते हैं। शिवन्या भी नाश्ता करते ही उठ कर रूम में जाकर अपना बैग लेकर वापस आती है।
मैं कुछ काम से जा रही हूं। आज लंच नहीं बनेगा। आप देख लेना।
रूको, मैं भी कुछ काम से जा रहा हूं। तुम को छोड़ दूंगा। शिवाय ने जल्दी से कहा। क्योंकि उन्हें भी कुछ काम से जाना था।
नहीं, मैं चली जाऊंगी। आप परेशान मत हो। कहते ही वह बाहर निकलने लगी।
एक बार में तुम को समझ नहीं आता जब मैं कह रहा हूं तो सुनती क्यों नहीं। शिवाय एक झटके से उठ कर उस के सामने आ जाते हैं। और गुस्से से कहते हैं।
हां, नहीं समझ आता। कहते ही वह दरवाज़ा खोल कर बाहर चली जाती है। और तेज़ी से बाहर से दरवाज़ा बंद कर देती है।
शिवाय गुस्से से वहीं दीवार पर अपना हाथ मारते हैं। अब तुम यहां नहीं रह सकती शिवन्या। शिवाय का चेहरा गुस्से से लाल था। वह तुरंत फोन करता है।
हेलो, आदर्श यह लड़की आज की आज यहां से चली जाए। शाम को मैं आऊं तो यह मेरे घर में ना दिखे। कोई बहाना नहीं।
मैंने बस कह दिया। तुम को अपने घर में रखना है जहां रखना है रखो। लेकिन मेरे घर में नहीं दिखना चाहिए।
अपनी बात कहते ही शिवाय फोन कट करते हैं और बाहर चले जाते हैं।
गाड़ी स्टार्ट करके मेन रोड पर दौड़ा देते हैं।
सारी तैयारी हो गई? शिवाय के केबिन में पहुंचते ही चार-पांच वर्कर और मैनेजर तुरंत आ जाते हैं।
जी सर इंटरव्यू की तैयारी कम्पलीट है। आप भी रहेंगे ना वहां पर? मैनेजर ने शिवाय से पूछा।
हां इसी लिए तो आया हूं। मुझे खुशी है कि आप यहां का सब काम अच्छे से संभाल रहे हैं। शिवाय खुशी से कहते हैं।
थैंक यू सर आप यहां रहते तो और खुशी होती। लेकिन आप हमेशा हेड आफिस ही रहते हैं। आज यहां आये। यह हमारे लिए खुशी की बात है।
मैनेजर खुशी से कहते हैं।
ठीक है आप लोग इंटरव्यू शुरू करें। मैं आता हूं। शिवाय के कहते ही सारे लोग वहां से चले गए।
शिवाय सुकून से बैठ गये। और आंख बन्द कर ली। शिवाय की आंखों के सामने कल से आज तक का सब मंज़र चलने लगा।
मैंने क्यों शिवन्या के साथ इतना बुरा व्यवहार किया जबकि वह मेरा इतना ख्याल रखती है। नहीं शिवन्या तुम मेरे दिल में श्लोका की जगह नहीं ले सकती। हरगिज़ भी नहीं।
तुम को मेरे घर से जाना ही होगा। वरना बहुत बुरा हो जायेगा। जो मैं नहीं चाहता।
मैं श्लोका की जगह किसी को नहीं दे सकता। तुम्हारी आदत चाहे जितनी भी श्लोका से मिलती हो लेकिन तुम श्लोका नहीं। और जब श्लोका नहीं तो कोई नहीं।
मैंने कल जो भी किया वह गलत किया। लेकिन मेरा वैसा करना ज़रूरी थी। ताकि तुम खुद मुझ से दूर हो जाओ। और तुम्हारे दिल में मेरे लिए जो मुहब्बत है वह नफरत में बदल जाए।
शिवाय आंख खोल देते हैं। यह फैसला लेते हुए शिवाय के दिल को कितनी तकलीफ हुई। उसको शिवाय ने बहुत अच्छे से महसूस किया।
शिवाय की आंख के कोने नम थे। और दिल शिवन्या और श्लोका की जंग लड़ रहा था। जिसमें श्लोका जीत जाती है।
शिवाय के होंठों पर मुस्कान आ गई। क्योंकि शिवाय की आंखों में मुस्कुराती हुई श्लोका चमक रही थी।
कॉफी... शिवाय इंटर कॉम पर कॉफी बोल कर कैमरा स्क्रीन पर देखने लगते हैं।
यह यहां? अचानक शिवाय की नज़र शिवन्या पर पड़ती है। यह यहां इंटरव्यू देने आई है। यह फैशन डिजाइनर है? मुझे तो पता ही नहीं था।
शिवाय की नज़र उस पर से हट ही नहीं रही थी। पिंक टॉप और ब्लैक जींस पहने बालों को क्लैचर में फंसाये वह वहां बैठी बाकी लड़कियां से बिल्कुल अलग लगी।
शिवाय अपने दिल के तमाम इरादों को भूल उसे देखे जा रहे थे।
उसी वक्त एक लड़का आकर शिवन्या के बगल में बैठ जाता है। उसके बैठते ही शिवन्या थोड़ा दूर हट जाती है। वह लड़का भी थोड़ा खिसक कर शिवन्या की तरफ हो जाता है।
यह देख कर शिवाय को उस लड़के पर बहुत तेज़ गुस्सा आता है। लेकिन अपना गुस्सा रोके वह वैसे ही स्क्रीन पर नज़र जमाये बैठे रहे।
उसी वक्त दरवाज़े पर नॉक हुआ। शिवाय की कॉफी आ गई थी। कॉफी लेकर शिवाय की नज़र जैसे ही स्क्रीन पर गई। वह हैरान रह गये। एक ज़ोरदार तमाचा शिवन्या उस लड़के को मारती है।
वहां पर हर कोई हैरानी से शिवन्या को देखने लगता है। शिवाय भी हैरान थे कि ऐसा क्या हुआ जिस की वजह से शिवन्या ने थप्पड़ मारा।
उसी वक्त आफिस के स्टाफ ने वहां के माहौल को शांत किया। वह लड़का भी बहुत गुस्से में था। और शिवन्या को धमकी देने लगा कि वह बदला ज़रूर लेगा।
लेकिन शिवन्या गुस्से में खामोश बैठी रही।
मिस्टर रावत मेरे रूम में आये।
मिस्टर रावत तुरंत हाज़िर हो गये।
इस लड़की का इंटरव्यू आपको लेना है। और जैसे मैं कह रहा हूं वैसे। कहते ही शिवाय अपनी बात समझाने लगे।
लेकिन सर यह गलत है। मैं यह नहीं कर पाऊंगा।
शिवाय की बात सुनकर मिस्टर रावत टेंशन में आ गये।
यह आफिस किसका है?
आपका।
यहां का बॉस कौन है?
आप।
यहां पर किसका हुक्म चलता है?
आपका।
तो फिर यह मेरा हुक्म है। मैंने जैसे कहा आप वैसा करें। वरना आप जानते हैं मैं क्या कर सकता है।
मिस्टर रावत ने सर झुका लिया।
आप जा सकते हैं। और याद रहे। उसे हर हाल में यह जॉब देनी है। शिवाय ने हुक्म दिया।
बहुत मुश्किल काम दे दिया आपने। जब की आप अभी बाहर का मंज़र देख चुके हैं उसके बाद भी। मिस्टर रावत ने मुस्कुरा कर कहा।
उस लड़के और आप में बहुत फर्क है मिस्टर रावत। कहां वह एक आम सा लड़का और कहां आप। शिवाय एक बार फिर मुस्कुरा दिये।
मिस्टर रावत बाहर चले गए। और शिवाय कैमरा स्क्रीन सेट करने लगे। जिसमें फुल स्क्रीन पर मिस्टर रावत का केबिन दिख रहा था।
शिवन्या का नाम पुकारते ही वह उठ कर अंदर चली जाती है। बैठने के साथ ही शिवन्या की नज़र अपने सामने बैठे तीनों लोगों पर पड़ती है। जो उसका इंटरव्यू लेने वाले थे।
आप का वर्क तो बहुत ही अच्छा है। लेकिन हम यह बात कैसे मान लें कि यह आपका ही वर्क है। जबकि आप के पास कोई सर्टिफिकेट भी नहीं है।
आपका कहना है कि जैसे ही आपके गार्जियन आयेंगे। आप पेपर जमा कर देंगी। वह लोग लैपटॉप पर देखते हुए कहते हैं।
जी सर यह मेरा ही वर्क है। आप यकीन करें।
मैं आपकी बात पर यकीन कर भी लूं तो भी क्या कर सकता हूं। हमारे ऊपर भी कोई है जिसको हमें जवाब देना होता है।
मिस्टर रावत उसका वर्क देखकर कहते हैं। जो कि सच में बहुत ही खूबसूरत थे।
आप कुछ करें सर प्लीज़ मुझे इस जॉब की ज़रूरत है। शिवन्या रिक्वेस्ट करती है।
मिस्टर रावत उस का वर्क देखने लगते हैं।
और फिर प्रोग्राम के मुताबिक एक-एक कर बाकी दोनों लोग बाहर चले जाते हैं। और वहां पर रह जाते हैं सिर्फ मिस्टर रावत और शिवन्या।
आपको क्या लगता है मुझे यह जॉब आपको देना चाहिए? मिस्टर रावत उठकर शिवन्या के पास आकर खड़े हो जाते हैं। और उसे देखने लगते हैं।
जी सर मैं तो यही चाहती हूं कि यह जॉब मुझे मिल जाए। शिवन्या धीरे से कहती है।
ठीक है मैं आपको यह जॉब दिला सकता हूं। मिस्टर रावत उसके और करीब आकर कहते हैं। और उसकी तरफ अपना हाथ बढ़ाते हैं।
आपकी हिम्मत कैसे हुई मुझे हाथ लगाने की। शिवन्या मिस्टर रावत का हाथ पकड़ कर घुमा देती है। मिस्टर रावत के मुंह से चींख निकल जाती है।
उसी वक्त वह दोनों लोग बाहर से अंदर आ जाते हैं।
जहां पर शिवन्या अपना लैपटॉप अपनी तरफ करके उसे बन्द कर रही थी।
सर आप बाहर जायें। वह लोग मिस्टर रावत को बाहर भेज देते हैं।
एक मिनट मिस शिवन्या आप शांति से बैठें। और हमारी बात सुनें।
मुझे कुछ नहीं सुनना है। जहां औरतों की इज़्ज़त नही होती ऐसी जगह पर मैं काम नहीं कर सकती।
आप रुके हमारी बात सुनें।
मुझे कुछ नहीं सुनना। आप लोगों ने मुझे गलत समझा। मैं बॉस को खुश करने वाली लड़की नहीं हूं। शिवन्या गुस्से से कहती है। और अपना लैपटॉप उठा कर जाने लगती है।
एक मिनट मिस शिवन्या आप को यह जॉब मिल सकती है। आप को घर से काम करना होगा। यहां रोज़ आफिस आने की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन....
लेकिन क्या? इसके लिए मुझे किसे खुश करना होगा? मुझे यहां काम नहीं करना। शिवन्या गुस्से से कहकर बाहर जाने लगती है।
आपको आज यहां पर बैठ कर कुछ डिज़ाइन बनाना होगा। अगर हम को वह पसंद आ गये तो आप की जॉब पक्की।
यह बात सुनकर शिवन्या के कदम जहां थे वहीं रुक गये। वह पीछे मुड़कर देखती है।
आपके पास कोई पेपर अभी हैं नहीं। और आप को घर से काम भी करना है। उसके लिए हमें यह करना ज़रूरी है। क्योंकि अगर आपने किसी के वर्क हमको दे दिये। तो यह हमारे लिए अच्छा नहीं होगा। हमारी कम्पनी की इज़्ज़त का सवाल है।
ठीक है मुझे मंज़ूर है। शिवन्या तुरंत हां कर देती है।
ठीक है आप बैठें पहलें। मैं आपको वर्क देता हूं।
कहते ही वह बाहर निकल जाते हैं। और शिवन्या सुकून से बैठ जाती है।
स्क्रीन पर नज़र जमाये शिवाय के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। मैंने आज ही तुम को अपनी ज़िंदगी से निकालने का फैसला लिया था। और तुम आज ही मेरी ज़िन्दगी में वापस आ गई।
जारी है..
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