रूबरू | Part 2 | Rubaru – A Hindi Story of Love and Relationships

मेरी कोई कॉल नहीं आ रही थी। ताबिश आराम से दादी के गोद में सिर रखकर आंख बन्द कर लेता है।

तुम को सच में आलिया पसंद नहीं है? दादी उस के सिर पर हाथ फेरती हैं।

नहीं दादी, वह मुझे बीवी के रूप में पसंद नहीं, दानिश वैसे ही आंख बन्द किए हुए ही कहता है।

कोई और लड़की?

नहीं…

तो मैं लड़की देखूं?

देखें…

ठीक है फिर मैं देखती हूं, और कल ज़रा आकिल से मिस ताहिरा के बारे में पता करूं।

ठीक है दादी…ताबिश धीमी आवाज़ में कहता है। शायद उसका मन कहीं और था।

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आप इतना गुस्से में क्यों हैं? शांति से बैठ जाएं। रुखसाना धीमी आवाज़ में कहती है।

नहीं बैठ सकता मैं शांति से…जब तक मैं ब्लैक स्टोन को बर्बाद नहीं कर लेता, मैं सुकून से नहीं बैठ सकता। एक के बाद एक आर्डर उन को मिलता जा रहा है, और मैं बैठा तमाशा देख रहा हूं। सत्तार खान गुस्से से कहते हैं और कमरे से बाहर निकल जाते हैं।

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अशमारा बेटा तुम्हारी इंटर्नशिप कैसी चल रही है? रात का खाना खाते हुए अशमारा के पापा अब्दुल हमीद उससे पूछते हैं।

ठीक चल रही है पापा…मेरी जॉब बहुत जल्द फाइनल हो जायेगी। अशमारा खुशी से कहती है।

और जो तुम्हारा रिश्ता आ रहा है उसका क्या? अशमारा की मम्मी रूकय्या हमीद नाराज़गी से पूछती हैं।

शादी का क्या है वह भी हो जायेगी। हमीद जल्दी से कहते हैं।

सारे ही रिश्ते अच्छे हैं। वह एक बार फिर नाराज़ हुईं।

मैं जानता हूं इन अच्छे रिश्तों की अच्छाई। इकलौती औलाद है हमारी अशमारा…हमारे बाद सब इसी का है, यह बात हर कोई जानता है इस लिए यह लाइन लगी हुई है। उनसे कह दो और घरों में बहुत सारी लड़कियां शादी के लायक हैं उन से रिश्ता कर लें। हमीद गुस्से से कहते हैं।

नहीं पापा… वह उन घरों में नहीं जायेंगी, क्योंकि वहां एक से ज़्यादा लड़कियां हैं और साथ में भाई लोग भी हैं। अशमारा नाराज़गी से कहती है। वहां उतना नहीं मिलेगा, जितना यहां मिलेगा।

हम अशमारा की शादी करेंगे…लेकिन जब कोई अच्छा रिश्ता रहेगा तब। तब तक इसे अपने काम पर ध्यान देने दो। अब्दुल हमीद ने बात खत्म कर दी।

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देखो इस में कोई लड़की पसंद है तो बताओ। दादी ताबिश के आगे लिफाफा करते हुए कहती हैं।

इतना जल्दी इतनी लड़कियां मिल भी गईं? ताबिश लिफाफा लेते हुए हैरानी से पूछता है।

और नहीं तो क्या? दादी उसके बगल में सोफे पर बैठते हुए कहती हैं।

ताबिश एक-एक कर सारी फोटो को एक नज़र देखता है, और सारी तस्वीरें वापस लिफाफे में रख कर टेबल पर रख देता है।

क्या हुआ? दादी हैरानी से पूछती हैं।

आज कल सारी लड़कियां ऐसी ही हैं? क्या अब कोई सीधी सिंपल लड़की नहीं है? 

मेरी अम्मी जैसी…ताबिश की आंखों के सामने मां का चेहरा आ जाता है। उसकी आंख नम हो जाती है।

उसकी बात पर दादी भी खामोश रह जाती हैं, शायद उन के अल्फाज़ कहीं आंसुओं में छुप गए थे।

तेरी मां शायद कुदरत का एक खूबसूरत शाहकार थीं, जो अल्लाह को बहुत पसंद थीं। इस लिए अल्लाह ने उन्हें अपने पास बुला लिया।

दादी ताबिश को गले लगाकर कहती हैं।

अब मैं कहां से तेरी मां जैसी तेरे लिए लाऊं? दादी फिक्रमंदी से पूछती हैं।

अम्मी को भी आप ही लाई थीं ना? देखिए अगर किस्मत में होगा तो मिल ही जाएगी।

तुझे कहीं नहीं मिली तेरे मन की लड़की? दादी टटोलती नज़रों से उसे देखते हुए पूछती हैं।

ऐसे क्या देख रही हैं दादी? अगर मेरे मिज़ाज की लड़की मिली होती तो मैं आप को ज़रूर बताता। 

हम जिस सोसाइटी में रहते हैं वहां ऐसी लड़की नहीं मिलेगी। ताबिश दादी की हाथ की चूड़ियों से खेलता हुआ कहता है।

क्या बातें हो रही हैं मेरे बिना? दानिश बाहर से आता है और दादी के बगल में बैठते हुए कहता है।

आपकी बुराई हो रही थी। 

पीठ पीछे वही तो होती है, सामने से तो सिर्फ तारीफें ही मिलती हैं। 

और आप बताएं बॉस… मिस ताहिरा के क्या हाल हैं?

ताबिश मुस्कुरा कर कहता है।

मिस ताहिरा एक बिजनेस मीटिंग में मिली थी। छोटी उम्र में जिस तरह वह समझदारी से बिज़नेस की बातें कर रही थी। उससे में हैरान था…

आकिल के सामने मिस ताहिरा के काम की तारीफ कर दी। तब से वह मुझे परेशान किए हुए है।

और फिर आप लोगों को बोल दिया। दानिश ने सफाई दी।

इतनी सफाई देने की ज़रूरत नहीं है…अगर पसंद है, और शादी करना चाहते हो मिस ताहिरा से… तो हम तुम्हारी शादी उससे कर देंगें।

ताबिश बड़े-बुजुर्ग की तरह कहता है। और फिर वह तीनों हंस पड़ते हैं।

और तुम्हारी वह आलिया… उसी से कर दूं?

दानिश ताबिश को परेशान करता है।

मिस आलिया मुझे पसंद करती हैं मैं उन्हें नहीं…

मैं ऐसी लड़की से शादी करना चाहता हूं जो मुझे पसंद हो।

ताबिश मुस्कुरा कर कहता है।

जिसे तुम चाहते हो अगर वह ना मिले, तो तुम उसके हो जाओ, जो तुम्हें चाहता है। दानिश किसी दानिश्वर की तरह कहता है।

पहले मैं किसी को चाहूं तो… तब सोचूंगा कि क्या करना है। ताबिश कहीं खो जाता है।

चलो फिर ठीक है मैं दुआ करता हूं कि तुम किसी को जल्द से जल्द चाहो। 

दानिश उठते हुए कहता है।

मैं फ्रेश होकर आता हूं, तब डिनर करते हैं।

कहते ही वह बाहर चला जाता है।

तभी कुछ आवाज़ें होती हैं…

यह तो फायरिंग हो रही है…

ताबिश हड़बड़ा कर उठ जाता है। सभी गार्ड एक्टिव हो जाते हैं।

तभी एक तेज़ चींख सुनाई देती हैं…

दानिश…

जारी है…


रूबरू भाग 1

रूबरू भाग 3








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