डोर धड़कन से बंधी | भाग 10 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 10 | Hindi Romantic Story

दोनों ही अपनी सोचों में उलझे हुए थे। यूं लग रहा था दोनों ही रास्ते से भटके हुए हैं। 

रास्ता नज़र तो आ रहा है। मगर बहुत उलझा हुआ है। यूं जैसे सामने दो रास्ते हैं। लेकिन यह समझ नहीं आ रहा की कौन सा रास्ता मंज़िल की तरफ जायेगा।

मॉल पहुंच कर वह दोनों कुछ देर वैसे ही घूमते रहे।

एक काम करो तुम मेरे लिए एक ड्रेस लो। और मैं तुम्हारे लिए लेता हूं। शिवाय शिवन्या से कहते हैं।

लेकिन मैं क्या लूंगी? शिवन्या परेशान हो गई।

जो भी तुम को अच्छा लगे। और फिर दोनों ट्रेंड्स में चले गये।

क्या देखना है सर...

एक सेल्स गर्ल शिवाय के पास आकर पूछती है।

एक बैकलेस टॉप और शॉर्ट स्कर्ट। शिवाय के मन में बहुत कुछ चल रहा था। 

चलें सर उस तरफ देख लें। सेल्स गर्ल ने बड़ी विनम्रता से कहा।

मुझे कुछ देखना नहीं है।  मैंने जो कहा है वैसी एक ड्रेस मुझे दे दें। शिवाय को कलर डिज़ाइन से कोई मतलब नहीं था। 

ओ-के सर, सेल्स गर्ल ने जब देखा कि कस्टमर का मूड उखड़ा हुआ है तो वह भी खामोशी से चली गई। और थोड़ी देर में शिवाय को एक ड्रेस लाकर दे देती है।

थैंक्स बोल कर शिवाय ड्रेस लेकर बिलिंग काउंटर पर चले जाते हैं। और बिलिंग करा के बाहर निकल जाते हैं।

थोड़ी देर में शिवन्या भी आ जाती है।

क्या लिया आप ने मेरे लिए? शिवन्या को बेचैनी हो रही थी कि शिवाय ने उस के लिए क्या लिया है।

घर चल कर देख लेना। पहले शापिंग कर लें। शिवाय ने सुकून से जवाब दिया।

ठीक है चलें। वैसे भी शिवाय को कुछ लेना नहीं था। वह तो अपने खास मकसद के लिए आया था।

शिवन्या को कुछ सामान लेना था। वह लेती रही।

चलें? शॉप से बाहर निकल कर शिवन्या पूछती है।

पहले कुछ खाते हैं। शिवाय फूड कोर्ट की तरफ बढ़ गये। शिवन्या भी शिवाय के पीछे चली गई।

क्या खाओगी? शिवाय उसे देखते हुए पूछते हैं।

पिज़्ज़ा और जो आप की मर्ज़ी। शिवन्या मुस्कुरा कर कहती है।

पिज़्ज़ा और मोमोज़ का आर्डर देते हैं। और शिवन्या को देखने लगते हैं। मुझे आज पता लगाना है कि तुम श्लोका हो या फिर कोई और? शिवाय मन ही मन सोचते हैं।

यह मिटना नहीं चाहिए। शिवाय उस का हाथ पकड़ कर कहते हैं।

इस में क्या खास है? शिवन्या लापरवाही से कहती है।

कुछ है तभी तो कह रहा हूं। शिवाय का मन अभी भी दूर कहीं कुछ बातों में था।

कहीं आप यह तो नहीं सोच रहे कि यह मेरा दिल है। और इसमें आप के नाम का S है?

शिवन्या हंसते हुए पूछती है।

और उस की बात पर शिवाय सिर्फ उसे देखते रह जाते हैं।उसी वक्त उनका आर्डर आ जाता है। और दोनों खाने लगते हैं।

कुछ और खाओगी?

नहीं बस हो गया।

आइसक्रीम?

आप खाएंगे।

हां,

तब नहीं।

क्यों?

ऐसे ही।

कॉफी आर्डर कर दें। शिवन्या ने शिवाय की तरफ देखा और कहा।

और अगर मैं आइसक्रीम नहीं खाऊंगा तब? शिवाय ने जानना चाहा।

तब भी नहीं, फिर कभी। शिवन्या पिज़्ज़ा का बाइट लेते हुए लापरवाही से कहती है।

शिवन्या कॉफी का आर्डर दे देती है।

शिवाय उसकी एक-एक हरकत पर नज़र रखे हुए थे। लेकिन कोई ऐसा सुराख नहीं मिल रहा था जिस से पता लग सके कि आखिर वह है कौन?

चलें?

कॉफी पीते ही शिवन्या उठ खड़ी होती है। शिवाय भी उठ जाते हैं।

इधर कहां जा रहे? शिवाय को ऊपर के रास्ते जाता देख शिवन्या हैरानी से पूछती है।

अभी हम घर नहीं जा रहे हैं। कहते ही शिवाय आगे बढ़ जाते हैं। वह मॉल इतना बड़ा था कि कभी पूरा ही ना हो। दोनों घूमते-घूमते बातें करते रहे। रात हो गई। दोनों बाहर निकले। और वहीं पास के होटल में खाना खाकर घर पहुंचे।

घर पहुंच कर दोनों बुरी तरह से थक चुके थे। दोनों बाहर लिविंग एरिया में बैठ जाते हैं।

बहुत मज़ा आया मिस्टर ओबरॉय। शिवन्या शिवाय का हाथ पकड़ कर कहती है।

हूं, मज़ा तो आया लेकिन एक काम बाकी है। शिवाय शिवन्या के आगे आये बालों की लटों को पीछे करते हुए कहते हैं।

क्या? शिवन्या हैरान रह जाती है।

मैं जो ड्रेस लाया हूं। एक बार पहन कर दिखाओ। शिवाय अपने मतलब की बात पर आ गये थे।

ठीक है अभी दिखा देती हूं। शिवन्या उठ खड़ी हुई। और पैकेट लेकर रूम में चली गई।

लेकिन ड्रेस देखते ही उसके होश उड़ जाते हैं। वह अपना सर पकड़ कर बैठ जाती है।

जब बहुत देर हो जाती है। और शिवन्या बाहर नहीं आती तो शिवाय उठ कर शिवन्या के रुम के पास जाते हैं। और नॉक करके अंदर चले जाते हैं।

क्या हुआ तुम ने अभी तक चेंज नहीं किया? शिवाय हैरानी से उसे देखते हैं।

मैं यह ड्रेस नहीं पहन सकती। शिवन्या नाराज़गी से कहती है।

क्या है इस ड्रेस में जो तुम नहीं पहन सकती? शिवाय हैरान होते हैं।

मैं ऐसे कपड़े नहीं पहनती। शिवन्या नाराज़गी से कहती है।

आज मेरे लिए पहन लो। तुम मुझ से प्यार करती हो। क्या तुम मेरे लिए इतना भी नहीं कर सकती? 

शिवाय के मन में क्या चल रहा था यह तो वही जानता था। लेकिन शिवन्या शिवाय की बातों से दुखी हो जाती है।

जब मैं बोल रही हूं कि मैं नहीं पहन सकती तो आप ज़िद क्यों कर रहे हैं। क्या देखना है आपको। लें ऐसे ही देख लें। मैं कपड़े उतार देती हूं।

शिवाय की बातों से शिवन्या बहुत तेज़ गुस्सा हो जाती है। और एक झटके से वह अपने टॉप की चेन खोलने लगती है।

शिवन्या के ऐसा करते ही शिवाय उस का हाथ रोक कर अपना चेहरा दूसरी तरफ फेर लेते हैं। और उठ कर जाने लगते हैं।

जा कहां रहे हैं? मिस्टर ओबरॉय....आप को जो देखना है दिखा तो रही हूं। देख कर जाएं। मेरी मुहब्बत पर यकीन कर के जाएं। आ जाएगा ना आपको मेरी मुहब्बत पर यकीन?

शिवन्या गुस्से में रोते हुए बोलती चली जाती है। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या बोल रही है। वह बस बोले जा रही थी।

शिवाय एक झटके में पीछे घूम कर उसे गले से लगा लेते हैं। लेकिन शिवन्या शिवाय को पीछे करके दूर हट जाती है। शिवाय उसे देखे बिना कमरे से बाहर निकल जाते हैं।

जारी है.....

डोर धड़कन से बंधी भाग 9

डोर धड़कन से बंधी भाग 11



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