डोर धड़कन से बंधी | भाग 15 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 15 | Hindi Romantic Story

शिवाय चुपचाप बैठ कर दोबारा से बुक पढ़ने लगे। जब बहुत देर हो गई। और सनी नहीं आया तो शिवाय शिवन्या के चेहरे से कम्बल हटाते हैं। कम्बल हटाते ही शिवाय हैरान रह जाते हैं। क्योंकि शिवन्या बेखबर सो रही थी।

उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान और थकावट के निशान साफ झलक रहे थे। शिवाय का दिल एक पल के लिए ठहर गया। 

उन्होंने किताब एक तरफ रख दी। और उसे देखने लगे। शिवाय के होंठों पर भी मुस्कान थी। 

वह यूं ही बेखुद उसे देखते रहे। कितने ही लम्हें बीत जाते हैं। शिवन्या हल्का सा हिलती है। जिससे शिवाय हड़बड़ा कर होश में आ जाते हैं।

शिवाय धीरे से उठते हैं। और बाहर चले जाते हैं। उन को सनी की चिंता हुई कि वह कहां है? सब जगह देख कर शिवाय जब शिवन्या के रूम में गये तो देखा सनी वहां पर लेटा हुआ था।

सो जाओ बेटा। सुबह आप को स्कूल भी जाना है। शिवाय उसके पास बैठ कर कहते हैं।

हां मैं सोने जा रहा हूं। मम्मा पता नहीं कहां छुप गई हैं। मुझे मिली ही नहीं। सना ने उदासी से कहा।

आप सो जाओ। मम्मा आ जायेंगी। ऐसा करता हूं मैं आप के पास सो जाता हूं। कहते ही शिवाय उसके बगल में लेट जाते हैं।

शिवाय वहीं पर सनी के पास सो जाते हैं। क्योंकि उस के बेड पर शिवन्या सो चुकी थी।

कुछ तो था जो शिवाय को अपनी तरफ खींच रहा था। शिवाय जितना भी शिवन्या से दूर जाना चाहते। लेकिन वह जा नहीं पा रहे थे। इस वक्त भी सनी के साथ सोते हुए शिवाय को बहुत अच्छा लगा। 

दो साल से उसके बेकरार दिल को जो बेचैनी थी। अब कुछ सुकून लग रहा था। शिवाय ने यह बात महसूस की थी।

सुबह शिवन्या की नींद खुली तो वह हैरान रह गई। फिर रात वाली बात याद आते ही वह हड़बड़ा कर उठ गई।

मिस्टर ओबरॉय कहां हैं फिर? सोचते हुए वह बाहर गई। लेकिन वह हॉल में भी नहीं थे। शिवन्या अपने रूम में गई तो हैरान रह गई। उन दोनों को सोता देख कर।

शिवन्या ने धीरे से सनी को उठाया। और बाहर चली गई। सनी को नाश्ता करा के उसको रेडी कर के स्कूल छोड़ने चली गई।

वापस आई तब भी शिवाय सो रहे थे। वह हैरान रह गई कि इतनी देर तक तो नहीं सोते हैं।

और फिर वह अपना काम करने लगी। उसने नाश्ता भी कर लिया। जब बहुत देर हो गई। और शिवाय नहीं उठे तो उसे टेंशन हुई। 

कमरे में जाकर उस ने शिवाय के माथे पर हाथ रखा। उन्हें बहुत तेज़ बुखार था।

शिवन्या हैरान थी कि रात तो बिल्कुल ठीक थे। 

मिस्टर ओबरॉय....शिवन्या ने आवाज़ दी। शिवाय ने आंख खोल कर देखा। और फिर आंख बन्द कर ली।

मैं डॉक्टर को फोन करती हूं। शिवन्या परेशानी से कहती है।

आदर्श को फोन करो। शिवाय वैसे ही आंख बंद किए हुए ही कहते हैं।

शिवन्या आदर्श को फोन करती है।

मिस्टर ओबरॉय आप चलें अपने रूम में। मैं आप की मदद करती हूं। शिवन्या शिवाय से कहती है। वह नहीं चाहती थी कि शिवाय को यहां देख कर किसी के मन में कोई गलत ख्याल आये।

लेकिन शिवाय उठे ही नहीं। शिवन्या ने कई बार उठाने की कोशिश की। और फिर आदर्श आ गये।

इधर... जैसे ही आदर्श शिवाय के रूम में जाने लगे शिवन्या अपने रूम की तरफ इशारा करती है। आदर्श एक नज़र उसे देखते हैं। और अंदर चले जाते हैं।

शिवाय को देख कर तुरंत डॉक्टर को फोन करते हैं। थोड़ी देर में डॉक्टर आ जाते हैं। शिवाय को देख कर दवा देकर चले जाते हैं।

कुछ खाया है शिवाय ने? आदर्श शिवन्या से पूछते हैं।

नहीं,अभी उठे ही नहीं हैं। सनी को स्कूल जाना था। मैं उसे छोड़ कर आई तब भी सो रहे थे। जब बहुत देर हो गई तो मुझे टेंशन हुई। चेक किया तो फीवर था।

शिवान्या पूरी बात बताती है।

ठीक है। तुम कुछ खिला कर शिवाय को मेडिसिन दो। मैं आफिस जा रहा हूं। कोई काम हुआ तो फोन करना।

आदर्श उठ गये। और बाहर चले गए। शिवाय इस रूम में? आदर्श की सूई इसी पर टिकी हुई थी।

शिवन्या शिवाय को उठा कर थोड़ा सा नाश्ता करा के दवा दे देती है। दवा खाते ही शिवाय लेट जाते हैं। शिवन्या चुपचाप बैठ कर शिवाय को देखती जाती है। 

इन दिनों में पहली बार वह शिवाय को इतना ध्यान से देख रही थी।


जारी है...

डोर धड़कन से बंधी भाग 14

डोर धड़कन से बंधी भाग 16



 

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