डोर धड़कन से बंधी | भाग 26 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 26 | Hindi Romantic Story
घर पहुंचकर गेट बन्द करके जैसे ही शिवाय मुड़े। शिवन्या शिवाय के गले लग जाती है।
शिवाय अचानक हुए इस हमले से घबरा जाता है। लेकिन तुरंत वह संभल जाता है।
उसके हाथ जो नीचे लटके हुए थे। बेसाख्ता शिवन्या के गिर्द अपना हाला बना लेते हैं।
श्लोका.... शिवाय के लब हिले। और उसने आंख बन्द कर ली।
शायद इस पल को वह अपने अन्दर समेट लेना चाहते थे। कि पता नहीं यह पल दोबारा मिले ना मिले।
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अगली सुबह शिवन्या फटाफट नाश्ता तैयार कर रही थी। काम करते हुए भी उसका मन उस फोन कॉल में अटका हुआ था। जो आफिस से आया था।
अच्छा खासा उसका काम चल रहा था।
पता नहीं क्यों फिर से वह आईडी प्रूफ मांग रहे थे। जब की उस ने बता दिया था कि कुछ दिन बाद वह दे देगी।
आज उसे हेड आफिस जाना था। जो कि इसी बिल्डिंग में था।
शिवाय रूम से आकर खामोशी से बैठ कर नाश्ता करने लगे। उन्होंने देख लिया था कि वह जल्दी में है। और टेंशन में भी लग रही थी।
वह भी खामोशी से बैठ गई। और नाश्ता करते ही अपने रूम में चली गई। और आफिस जाने की तैयारी करने लगी।
बाहर आई तो देखा शिवाय जा चुके थे।
वह भी लॉक करके लिफ्ट की तरफ बढ़ गई।
क्या मैं शिवाय से हेल्प लूं। शायद वह मेरी बात समझ जाएं। उसके मन से आवाज़ आई।
लेकिन उसने दिल ने इस बात की इजाज़त नहीं दी।
जो होगा देखा जायेगा। खुद को तसल्ली देती लिफ्ट से निकल कर वह आफिस की ओर चल पड़ी।
इस जॉब से उसे एक उम्मीद जगी थी। कि वह कुछ कमा लेगी। लेकिन आज के फोन कॉल से उसे डर लगने लगा था।
रिसेप्शन पर अपना आने का बता कर वह वोट करने लगी। थोड़ी देर के इंतेज़ार के बाद उसे अंदर भेज दिया गया।
लेकिन अंदर जाकर सामने बैठे बॉस को देख कर वह हैरान रह गई।
क्योंकि वह कोई और नहीं बल्कि शिवाय सिंह ओबेरॉय थे।
बैठे....
शिवाय ने हाथ से चेयर की तरफ बैठने का इशारा किया।
वह खामोशी से बैठ गई। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह बात कहां से शुरू करे। वह जो बाहर बैठी सोच रही थी कि बॉस को कन्वेंस करने की कोशिश करेगी।
लेकिन शिवाय को देख कर उसको समझ नहीं आ रहा था कि क्या कहे? और क्या ना कहे।
क्या शिवाय को पता था कि मैं उस की कम्पनी के लिए काम कर रही हूं?
शिवन्या के सोचो कि सिलसिला रुक ही नहीं रहा था।
जी बताएं आप को क्यों यहां बुलाया गया? शिवाय ने शिवन्या की फाइल को देखते हुए बात शुरू की।
उन के चेहरे पर इस वक्त कोई भाव नहीं थे। वह बिल्कुल अंजान लगे उस शिवन्या से जो इस वक्त उन के सामने बैठी थी।
क्यों आप को नहीं पता कि मुझे यहां क्यों बुलाया गया है? शिवन्या का अंदाज़ तलख हो गया।
मिस शिवन्या....अपने बॉस से इस तरह बात करती हैं आप?
शिवाय का चेहरा गुस्से से तमतमा उठा।
सॉरी सर मैं भूल गई कि इस वक्त मैं अपने बॉस के सामने बैठी हूं।
शिवन्या ने भी तुरंत अंदाज़ बदल लिया। लेकिन उसका अंदाज़ रूठा हुआ सा था।
जॉब ज्वाइन करते समय ही मैंने बोल दिया था कि मैं अपना आईडी प्रूफ कुछ दिन बाद दे दूंगी। जिसे आप की कम्पनी ने मान लिया था।
लेकिन आज मुझे आईडी प्रूफ देने के लिए यहां बुलाया गया है। ताकि मैं अपने बॉस को बता सकूं कि मैं क्यों आईडी प्रूफ नहीं दे रही।
शिवन्या बोलते-बोलते रूकी। एक नज़र वह शिवाय पर डालती है और दोबारा बोलना शुरू करती है।
मैंने जो बात पहले कही थी। वही आज भी कह रही हूं कि मैं बहुत जल्द आईडी प्रूफ दे दूंगी।
इतना कह कर वह शिवाय को देखने लगी।
ऐसी क्या दिक्कत है आपको जो आप अपना आईडी प्रूफ नहीं दे पा रही हैं?
शिवाय ने जानना चाहा।
अभी मैं नहीं दे सकती तो नहीं दे सकती। उसके बारे में मैं और कोई बात नहीं करना चाहती।
अगर आपकी कम्पनी यह मोहलत देती है तो ठीक। वरना मैं यह जॉब छोड़ रही हूं।
शिवन्या सख्त अंदाज़ में अपनी बात कहती है।
अगर आपके आईडी प्रूफ देने में अभी कोई दिक्कत है तो आप अपने बेटे सनी या अपने हसबेंड का आईडी प्रूफ जमा कर दें। जब आपका....
मिस्टर ओबेरॉय आपकी राय के लिए शुक्रिया। हम यहां पर प्रोफेशनल मिल रहे हैं। तो मेहरबानी करके आप पर्सनल बात बीच में मत लाये।
शिवन्या गुस्से से शिवाय की बात काट कर अपनी बात कहती है। और उठ खड़ी होती है।
यह रहा मेरा इस्तीफा.... लिफाफा शिवाय की तरफ रख कर वह वापसी के लिए मुड़ जाती है।
मिस शिवन्या आपका इस्तीफा....
कहते ही शिवाय उस पेपर को फाड़ देते हैं।
आप जल्द से जल्द अपना आईडी प्रूफ जमा करें। वरना हम आप पर कार्यवाही करने के लिए मजबूर हो जायेंगे। और हां जब तक आप आईडी प्रूफ नहीं दे देती। तब तक आप यह जॉब नहीं छोड़ सकती।
जारी है...
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