डोर धड़कन से बंधी | भाग 6 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 6 | Hindi Romantic Story

यह आज हमारे साथ डिनर नहीं करेगी। सुमन ने आर्डर दिया।

यह रोज़ यहीं डिनर करती है। तो फिर आज क्यों नहीं। शिवाय ने नाराज़गी से कहा।

शिवाय आज हम दोनों साथ में डिनर करेंगें। मैं नहीं चाहती कि हमारे साथ कोई और भी डिनर करे। सुमन शिवाय को मनाते हुए कहती है।

चुपचाप बैठ कर डिनर करो। कोई यहां से नहीं जायेगा। कहते ही शिवाय बैठ जाते हैं। सुमन एक नज़र शिवाय को देखती है और खामोशी से बैठ जाती है। 

शिवाय के बैठते ही शिवन्या खाना निकाल कर खाना शुरू कर देती है। और खामोशी से खाने लगती है।

शिवाय भी खाना निकाल कर खाने लगते हैं। मजबूरी में सुमन भी खाने लगती है। लेकिन अंदर ही अंदर वह शिवन्या पर गुस्सा हो रही थी। उसी की वजह से आज शिवाय उस पर गुस्सा हुए थे।

खाना खाते ही शिवाय और सुमन ड्राईंगरूम में चले जाते हैं। और शिवन्या सब समेट कर अपने रूम में चली जाती है।

सुमन मैं बहुत थक गया हूं। आराम करना चाहता हूं।

जब बहुत देर हो गई और शिवाय ने देखा कि अभी सुमन का जाने का इरादा नहीं है तो वह खुद ही बोल देते हैं। ना जाने क्यों शिवाय को इस वक्त उलझन हो रही थी। वह तन्हाई चाहते थे।

ठीक है तुम आराम करो मैं चलती हूं। शिवाय की बात पर सुमन उठ जाती है।

सुमन के जाते ही शिवाय पहले किचन में जाते हैं। वहां पर शिवन्या नहीं थी। शिवाय रुम के पास जाकर उसे आवाज़ देते हैं। लेकिन वह कोई जवाब नहीं देती है।

शायद सो गई है। यही सोच कर शिवाय अपने रूम में जाकर पहले चेंज करते हैं। फिर टेरिस पर चले जाते हैं।

टेरिस पर जाते ही शिवाय को एक अलग खुशी होती है। क्योंकि वहां पर शिवन्या बैठी हुई थी। देखते-ही-देखते वह उसमें बिल्कुल खो गये। और एक ंझटके से शिवाय ने हाथ आगे किया। और उसके बाल में लगे क्लौचर को छुड़ा कर पीछे हट गये। उसके ऐसा करते ही शिवन्या के सारे बाल बिखर गए।

इतने छोटे बालों में कौन क्लैचर लगाता है? शिवाय संभल गये थे। अपनी इस बेसाख्ता की गई हरकत पर शिवाय खुद हैरान थे। शायद श्लोका याद आ गई थी शिवाय को।

मैं लगाती हूं इतना छोटे बालों में क्लैचर। कहते ही शिवन्या शिवाय के हाथ से क्लौचर लेकर दोबारा बालों में लगा लेती है।

लेकिन शिवाय दोबारा निकाल कर खामोशी से उसे देखते रहे। शिवाय के इस तरह देखने पर श्लोका हड़बड़ा गई। वह जैसे ही उठ कर आगे बढ़ी, उसके पैर की उंगली टेबल से टकरा गई। वह वापस बैठ गई। और झुक कर अपनी उंगली को सहलाने लगी।

शिवाय भी तुरंत उस के पास बैठ गये। और झुक कर उसकी उंगली को देखने लगे। शिवन्या के सारे बाल उसके झुकते ही आगे आ गये थे। शिवाय ने बड़े प्यार से उसके बालों को पीछे किया। और उसे देखने लगा। कितनी सादगी थी उसके चेहरे पर। शिवाय मुस्कुरा दिये।

और उसकी मुस्कराहट देख कर शिवन्या होश में आ गई।

क्या हुआ आप को भी मुझ से प्यार हो गया क्या? शिवन्या ने मुस्कुरा कर पूछा। 

जी नहीं, ज़्यादा खुश मत हो। वह तो मैं यूं ही इधर आ गया था। मुझे क्या पता था कि तुम भी यहां हो। उसके कहते ही शिवाय होश में आ जाते हैं।

अब सफाई मत दें। मैं जानती हूं आप की मुहब्बत को। आप के दिल में मैं हूं। लेकिन आप कहना नहीं चाहते। अपनी बात कह कर शिवन्या उठ कर जाने लगी।

सुनो...

हूं....

सुमन की बात का बुरा मत मानना।

ऐसे लोगों की बातों को मैं एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देती हूं। शिवन्या ने लापरवाही से कहा।

क्या सच में? शिवाय हैरान हुए। क्योंकि उन्हें लगा था कि उसे बुरा लगेगा। इस लिए वह शिवन्या को सॉरी करने के लिए उसके पास गया था।

लेकिन उस की बात से तो शिवाय को लगा कि उसे कोई फर्क नहीं पड़ा।

मुझे आपकी बातों से फर्क पड़ता है। क्योंकि मैं आप से प्यार करती हूं। शिवन्या बहुत प्यार से शिवाय को देख कर कहती है।

जारी है.....

डोर धड़कन से बंधी भाग 5

डोर धड़कन से बंधी भाग 7


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