इश्क जान | Ishq Jaan Part 3 |Heartfelt Romance & Wedding Story
स्टेज पर डांस चल रहा था। ऊंची आवाज़ में गाना बज रहा था।हर तरफ खुशियां ही खुशियां थी। इन्हीं खुशियों में कुछ चेहरे ऐसे थे जो अपने दर्द को छुपाये हुए थे। वह दर्द जिसे मुहब्बत कहते हैं। मुहब्बत जब तक मिल ना जाए दर्द रहता है। और जब मिल जाए तो दवा बन जाता है। किसी को चाहना आसान है। मगर उस चाहत को पा लेना बहुत मुश्किल होता है।
मुहब्बत भरे गीत बज रहे थे। खाने का दौर शुरू हो चुका था।
शजल इधर आओ।
तभी शजल की बेस्ट फ्रेंड सोनिका उसे आवाज़ देकर अपने पास बुलाती है।
शादियों में इतने सारे लोग होते हैं कि अपने बेस्ट फ्रेंड से भी बात करने का मौका नहीं मिलता है।
सोनिका शजल का हाथ थाम कर एक तरफ जाते हुए बोली।
हर किसी से मिलना पड़ता है। अगर किसी से ना बोलो तो शिकायत सुनो..... शजल ने देखा और बोली नहीं।
शजल ने नक्ल करते हुए कहा। और दोनों ज़ोर से हंस पड़ी।
मुझे एक खास बात पता चली है।
सोनिका ने धीरे से कहा।
क्या?
शजल को जल्दी हुई।
मैंने सुना है रज़ील तुझ से मुहब्बत करता है।
सोनिका ने धमाका किया।
शजल हैरानी से सोनिका को देखती रही। उसकी आंखों के सामने रज़ील का चेहरा था।
तुझ से किस ने कहा?
शजल कुछ सोचते हुए बोली।
जिसने भी कहा है खबर पक्की है।
सोनिका ने यकीन से कहा।
तेरा क्या ख्याल है उसके बारे में?
सोनिका ने जानना चाहा।
शजल के आंखों के सामने परमजीत का चेहरा आ गया।
क्या सोचने लगी?
सोनिका ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा।
क्या सोचूं यह तू भी जानती है। मुहब्बत को मुहब्बत मिलती कहां है?
कुछ सोच कर भी कुछ फायदा नहीं है। सब वक्त के हवाले कर दिया है।
रज़ील तुझे चाहता है। अगर वह तुझे अच्छा लगता है तो बात आगे बढ़ा।
सोनिका ने उसे राह दिखाई।
मुहब्बत से डर लगता है सोनिका।
सुनते हैं मुहब्बत ना मिले तो ज़िन्दगी बहुत मुश्किल हो जाती है। शजल ने दुखी दिल से कहा।
और फिर शजल सोचने लगी पसंद तो वह परमजीत को करती है। क्या वह उसे मिल जायेगा।
रज़ील से मिलना है? वह देखो वह बैठा है।
सोनिका ने रज़ील को दिखाते हुए कहा।
रज़ील बहुत ही हैंडसम लड़का है उसे कोई भी पसंद कर सकता था। उसने खुद सुना था कि बहुत सारी लड़कियां उससे शादी करना चाहती है।
मगर उसे आज पता चला कि वह उसे पसंद करता है। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि खुश हो या दुखी हो।
क्या हुआ कैसा लगा।
सोनिका ने उसे इतनी देर तक रज़ील को देखने पर उसे हिलाते हुए कहा।
मैं उसे देख नहीं रही थी। बल्कि सोच रही थी की उस पर कितनी लड़कियां मरती है। और तू बता रहा रही है की वह मुझे पसंद करता है।
शजल ने दुखी होकर कहा।
वैसे भी इस बार तेरा रिश्ता तो पक्का हो जायेगा। तो तू सोच ले कि क्या करना है। क्योंकि तेरी ज़िन्दगी का मामला है।
सोनिका ने उसे राय दी।
चलो खाना खाते हैं फिर घर भी तो जाना है।
शजल सोनिका का हाथ पकड़ कर खड़ी हो गई। ना जाने क्यों रज़ील वाली बात सुनकर उसका दिल बेचैन हो गया था।
तू शादी वाले दिन क्या पहन रही है?
दोनों खाना खाने चली गई। वहां पर बहुत सारे लोग थे। इस लिए उन्होंने टॉपिक बदल दिया।
कुछ निगाहें शजल पर नज़र जमाये हुऐ थी। मगर वह उससे अंजान थी।
मुहब्बत एक इबादत है।
मिलन है आशिकी उनकी
जो मिल जाए मुहब्बत तो
खुदा को पा वह लेते हैं......
जारी है....
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