डोर धड़कन से बंधी | भाग 49

तो फिर मरने के लिए तैयार हो जाओ। शिवाय एक झटके से खड़े होकर कोट से पिस्तौल निकाल कर उस पर तान देते हैं।

शिवाय आप यह क्या कर रहे हैं? वह डर कर कहती है।

वही जो तुमने कहा था... 

नहीं शिवाय पहले बैठें।

हम इतनें दिनों बाद मिले हैं। मौत के मुंह से मैं वापस आई हूं और आप....

वह इमोशनल होती है।

अगर मुझ से सच्चा प्यार करती हो तो... तुम को मरना होगा।

शिवाय बहुत आराम से कहते हैं।

हठें, मैं जा रही हूं...जब आपका दिमाग ठिकाने आ जाए तो बता देना। श्लोका गुस्से से कहकर बाहर की ओर जाने लगती है।

कहां चलीं मैडम.... शिवाय से इतना प्रेम करती हैं। लेकिन उसके लिए मर नहीं सकती यह कैसा प्रेम है। प्रेम तो कुर्बानी मांगता है।

आदर्श उसे अंदर की तरफ ढकेलते हुए कहते हैं।

आप लोग क्या बातें कर रहे हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा। अब वह सचमुच डर गई थी।

यह श्लोका वाला खेल खेलने की वजह? आदर्श सीधे मुद्दे पर आ जाते हैं।

यह कोई खेल नहीं हकीकत है। मैं श्लोका ही हूं। और अगर शिवाय को अब मैं पसंद नहीं तो मुझे भी कोई शौक नहीं है इससे शादी करने का। मैं जा रही हूं। कहते ही एक बार फिर वह बाहर की तरफ बढ़ी।

अपनी आंटी का एड्रेस बताओ। ज़रा उन से भी मिला जाए।

आदर्श मुस्कुरा कर कहते हैं।

शिवाय को मेरा एड्रेस पता है,पूछ लें। वह निडरता से कहती है।

अच्छा तुम को लगता है कि तुम्हारी आंटी वहां मिल जायेंगी?

आदर्श अभी भी मुस्कुरा रहे थे।

हां, क्यों? वह निडर बनी हुई थी।

क्योंकि जब तुम गलत हो, तो तुम्हारा कुछ भी सही नहीं हो सकता। शिवाय गुस्से से कहते हुए उसकी तरफ बढ़ते हैं।

शिवाय तुम बैठो मैं बात कर रहा हूं।

आदर्श उसे बैठा देते हैं।

एड्रेस? आदर्श उस पर गन तान देते हैं।

वह जल्दी-जल्दी बता देती है। उस का गला सूख गया था। वह समझ चुकी थी कि वह फंस चुकी है। उसका झूठ पकड़ा जा चुका है। लेकिन कैसे? यही उसे नहीं समझ आ रहा था।

आदर्श बाहर चले गए।

श्लोका मौका देख भागने की कोशिश करती है। शिवाय चुपचाप बैठे रहे। गार्ड उसे पकड़ कर वापस लाते हैं और शिवाय के सामने वाली चेयर पर बैठा देते हैं।

शिवाय उसे एक नज़र देखते हैं। और बाहर चले जाते हैं।

वह अकेली बैठी हुई थी। लेकिन उसे पता था कि वह भाग नहीं सकती। क्योंकि बाहर सख्त पहरा था। एक बार भाग कर उसने देख लिया था।

क्या हुआ श्लोका? तुम ठीक तो हो? शिवाय के दोस्त मुझे लेने गए थे। उन्होंने कहा कि तुम्हारा एक्सीडेंट हुआ है। और तुम को मुझ से मिलना था। बबली जल्दी-जल्दी पूछती हैं।

सुमन तुम.....आंटी? आदर्श और शिवाय एक साथ हैरान हुए थे।

शिवाय तुम यहां? तुम्हारे दोस्त ने तो कहा था कि तुम्हारा एक्सीडेंट हो गया है तुम हास्पिटल में हो।

सुमन जल्दी से कहती है।

ओह...इसी लिए आप जल्दी आ गई। वरना एक बार फिर कोई गेम खेलतीं।

आदर्श गुस्से से कहते हैं।

शिवाय तो तुम्हारा दोस्त था, फिर उसके साथ यह खेल? आदर्श समझ चुके थे कि यह सारा खेल सुमन का है। लेकिन सुमन ने यह खेल क्यों खेला उसे वही जानना था।

कौन सा खेल? वह हैरान हुई। 

यही श्लोका वाला खेल?

मैंने कोई खेल नहीं खेला। उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या कहे।

चुपचाप से हकीकत बताओ………

आदर्श गन उसके सामने करते हैं।

मुझे लगा था कि शिवाय मुझ से शादी करेंगे। लेकिन उस रोज़ जब रेस्तरां में शिवाय ने मेरी इंसल्ट की तो उसी दिन मैंने सोच लिया कि मैं शिवाय से बदला लेकर रहूंगी।

और फिर मैंने रजनी को अपने प्लान में शामिल किया।

और यह श्लोका के बारे में सब बात कैसे जान पाई?

आदर्श गुस्से से पूछते हैं।

उसकी वजह यह है…

रवि अनु को अंदर लाते हैं।

अनु तुम इन के साथ मिली थी?

शिवाय अनु को देख कर हैरान रह गये। वह सोच भी नहीं सकते थे कि अनु ऐसा कर सकती है।

नहीं शिवाय तुम गलत समझ रहे हो। रवि जल्दी से कहते हैं।

शिवाय इनकी मदद करना मेरी मजबूरी थी।

अनु जल्दी से कहती है।

ऐसी क्या मजबूरी? जो तुम अपनी दोस्त के दुश्मन की दोस्त हो गई?

शिवाय को यकीन नहीं हो रहा था कि अनु ऐसा कर सकती है।

क्योंकि मैं ऐसा ना करती तो यह लोग आपकी जान ले लेते, और मेरे भाई की भी। 

अनु रोते हुए कहती है।

तुम को इनका साथ नहीं देना था। यह कुछ नहीं करती हमारा। शिवाय दुख से कहते।

दो-दो भाईयों की जान का सवाल था शिवाय……मैं डर गई थी।

अनु रोते हुए कहती है। 

अपनी बहन को श्लोका बना कर तुम क्या करने वाली थीं?

आदर्श एक बार फिर बबली उर्फ सुमन से पूछते हैं।

हम को शिवाय से शादी का कोई शौक नहीं था। शादी करते ही शिवाय से 100 करोड़ लेकर हम इनकी दुनिया से चले जाते। बबली से पहले रजनी बोल देती है।

अब इन का क्या करना है? आदर्श शिवाय से पूछते हैं।

पुलिस के हवाले कर दो।

शिवाय गुस्से से कहते हैं। और उठ खड़े होते हैं।

शिवाय……प्लीज़, ऐसा मत करो। हमें छोड़ दो। सुमन शिवाय के करीब आती है।

मैंने तुमको अपना दोस्त माना। हर तरह से तुम्हारा साथ दिया। और तुम ने उसका यह बदला दिया। 

शिवाय गुस्से से कहते हैं।

उसी दोस्ती के नाते शिवाय हमें छोड़ दें। पुलिस के हवाले ना करें। वरना हम कभी जेल से वापस नहीं आ पायेंगे। सुमन एक बार फिर गिड़गिड़ाती है।

लेकिन शिवाय जवाब देने के बजाए आगे बढ़ते हैं। और अनु का हाथ पकड़ कर बाहर निकल जाते हैं।

जारी है...

डोर धड़कन से बंधी भाग 48

डोर धड़कन से बंधी भाग 50









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