डोर धड़कन से बंधी | भाग 61 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 61 | Hindi Romantic Story
डैड आप मेरे हिस्से का सब कुछ काजल के नाम कर दें।
प्रेम उनकी नज़रों को अपने चेहरे पर महसूस करते हुए जल्दी से कहता है।
क्या? शिवाय हैरान रह जाते हैं।
श्लोका हैरान नज़रों से अपने बेटे को देखती है। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि यह बात उसका बेटा कह रहा है।
जी डैड आप सब कुछ काजल के नाम कर दें।
लेकिन क्यों? शिवाय खुद को सम्भाल चुके थे।
क्योंकि इस की यही शर्त है कि यह मुझ से तभी शादी करेगी, जब मैं अपना सब कुछ इस के नाम कर दूंगा। और डैड मैं इस से बहुत प्यार करता हूं… मैं इस के बिना नहीं रह सकता।
मुझे इस से शादी करनी है। प्रेम जल्दी-जल्दी बोलता है।
प्यार में सौदा नहीं होता मेरे बेटे…और जहां सौदा हो वहां प्यार नहीं होता।
शिवाय बहुत ही सुकून से कहते हैं।
डैड यह सब बातें कहानियों में ही अच्छी लगती हैं। असल जिंदगी उससे अलग होती है।
प्रेम काजल को देख कर कहता है। जो दूर खड़ी तमाशा देख रही थी।
जिस को तुम प्यार कह रहे हो, हकीकत में वह प्यार नहीं मेरे बेटे…श्लोका आगे आकर प्रेम का हाथ थाम कर समझाने की कोशिश करती है।
मैं जिस दिन से आया हूं मैं देख रहा हूं कि आप लोग काजल से खुश नहीं हैं मौम…
आप दोनों ने भी तो लव मैरिज की थी। लेकिन आज मेरी बारी आई तो रिवायती मां-बाप बन गए। एक ऐसे मां बाप जिन को अपने बेटे के प्यार से ऐतराज है।
प्रेम नाराज़गी से कहता है।
और शिवाय और श्लोका हैरानी से उसे देखते रह जाते हैं।
उन के खुद के बेटे ने आज उन पर उंगली उठा दी।
वह बेटा जिसे उन्होंने बहुत प्यार से पाला था।
श्लोका शर्मिंदगी से शिवाय को देखती है, जैसे उसे खुद की परवरिश पर आज शक हो गया था।
लेकिन शिवाय की आंखों में कोई शिकवा नहीं था।
वह वक्त की नज़ाकत को समझ चुके थे।
ठीक है यह तुम से शादी कर ले, मैं सब कुछ तुम्हारा तुम को सौंप दूंगा। शिवाय बहुत आराम से कहते हैं।
नहीं, पहले सब कुछ मेरे नाम होगा, फिर मैं शादी करूंगी… प्रेम से पहले काजल बोल देती है।
इस में हर्ज ही क्या है? शादी के बाद सब कुछ तुम्हारे नाम होगा या पहले बात तो एक ही है।
प्रेम जल्दी से कहता है। वह किसी भी सूरत में काजल से शादी करना चाहता था।
नहीं प्रेम…तुम्हारे डैड गेम खेल रहे हैं यह कभी भी कुछ भी तुम्हारे नाम नहीं करेंगे।
काजल नफरत से शिवाय को देख कर कहती है।
हां, नहीं दूंगा मैं कुछ भी तुम को… सब कुछ मेरा है। शिवाय भी गुस्से से कहते हैं।
देखा प्रेम मैंने पहले ही तुम से कहा था कि तुम्हारे डैड कुछ भी तुम को नहीं देंगे।
काजल प्रेम के पास जाकर कहती है।
कैसे नहीं देंगे आप डैड…यह सब कुछ दादू का है उन्होंने आप को दिया था। और अब आप का फर्ज़ है कि आप मुझे दें।
प्रेम बेबाकी से कहता है।
प्रेम तुम किस तरह बात कर रहे हो अपने डैड से?
प्रेम तुम ने आज तक इस तरह कभी हम से बात नहीं की। श्लोका उसे समझाने की कोशिश करती है।
आप लोगों ने भी तो कभी इस तरह हम से बात नहीं की।
प्रेम भी शिकवा करता है।
प्रेम यह लड़की तुम्हारे लिए सही नहीं है, इसी सिर्फ हमारी दौलत चाहिए। यह तुम से प्यार नहीं करती।
प्लीज़…तुम इस बात को समझो। श्लोका प्रेम से रिक्वेस्ट करती है। उसकी आंख नम हो जाती है।
जब डैड को आप से प्यार हुआ था। तब दादू ने भी यही बात कही होगी। लेकिन क्या डैड ने दादू की बात मानी थी?
हर मां-बाप यही करते हैं। और हर बेटा यही करता है जो आज मैं कर रहा हूं।
प्रेम बहुत ही घटिया तरीके से बोलता है।
प्रेम…शिवाय गुस्से में हाथ उठा देते हैं।
तुम इस हद तक गिर जाओगे कि अपने माता-पिता पर उंगली उठाओगे… ऐसा मैंने कभी नहीं सोचा था।
शिवाय श्लोका का हाथ पकड़ कर आगे बढ़ते हैं। उन के अंदर अब और हिम्मत नहीं थी कुछ सुनने की।
डैड फैसला अभी होगा…आप काजल के नाम सब कुछ कर रहे या नहीं? प्रेम उन के सामने आकर खड़ा हो गया।
नहीं…यह सब कुछ मैंने बहुत मेहनत और मुहब्बत से बनाया है। इसे इतनी आसानी से किसी बेगैरत को नहीं सौप सकता… शिवाय ने सख्ती से कहा। और दोबारा कदम आगे बढ़ा दिए।
डैड जिसे आप बनाने की बात कर रहे हैं। वह सब आप को बना बनाया मिला था। इसे बनाने में आप की कोई मेहनत नहीं है।
प्रेम ने हर हद पार कर दी।
शिवाय के कदम जहां थे, वहीं रुक गए।
तो फिर ठीक है मैं सब कुछ तुम्हें देता हूं। शिवाय एक झटके से वापस मुड़ कर कहते हैं।
क्या? प्रेम की खुशी का तो ठिकाना ही नहीं था।
हां, सब कुछ मैं तुम्हें सौंपता हूं। कहते ही शिवाय बाहर की तरफ कदम बढ़ा देते हैं।
लेकिन आप कहां जा रहे हैं? प्रेम हैरानी से पूछता है।
मैं सब कुछ छोड़ के जा रहा हूं। सब कुछ तुम्हारे हवाले करके। तुम शायद सही कह रहे हो…
मुझे सब कुछ बना बनाया मिला था। तो अब मैं खुद को परखने जा रहा हूं। लेकिन…
जारी है…
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