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Showing posts from October, 2025

डोर धड़कन से बंधी | भाग 32 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 32 | Hindi Romantic Story

कुछ समझने की कोशिश मत करो। जो हो रहा है होने दो। शिवाय एक बार फिर खोने लगे। मुहब्बत का यह सफर आसान नहीं था। खाना खाते ही दोनों बाहर निकल गये। ड्राइविंग शिवाय ने सम्हाल ली। अब यहां? शिवाय के गाड़ी रोकने पर शिवन्या पूछती है। आओ तो... शिवाय उतर गये। शिवन्या भी उतर गई। तुम्हारे लिए आइसक्रीम और चाकलेट लेना है। शॉप की तरफ बढ़ते हुए शिवाय कहते हैं। और शिवन्या हैरानी से शिवाय को देखती है। लेकिन वह तो अपनी ही धुन में मग्न थे। ना जाने कितनी ही चाकलेट और आइसक्रीम शिवाय रखते गये। वह मना करती रह गई। लेकिन वहां सुनने वाला कौन था। इतनी सारी चाकलेट और आइसक्रीम का मैं क्या करूंगी? घर पहुंचकर शिवन्या हैरानी से पूछती है। खाओगी और क्या करोगी। शिवाय लापरवाही से कहते हैं।  और मेरे दांत खराब हो गये तो?  कुछ नहीं होगा। कहते हुए शिवाय रूम में चले गए। और चेंज करने लगे। चेंज करते ही शिवाय लेट गए। और स्क्रीन आन कर दी। और उसमें खो से गये। स्क्रीन पर शिवाय और श्लोका डांस कर रहे थे। एक यही फोटो और वीडियो था जो उसके पास श्लोका की निशानी थी। जिसे रवि ने उसे भेजा था। जो उस ने अपनी शादी पर बनवाई थी। रवि ने जब उ...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 31 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 31 | Hindi Romantic Story

शिवाय के मन में कुछ तो चल रहा था। लेकिन क्या..... शायद वह भी यह जानने के लिए बैचैन था। शायद इसी लिए वह घर जा रहा था। घर जाकर उसे सुकून मिलेगा या फिर कोई और उलझन उसका इंतेज़ार कर रही है। वह नहीं जानता। लेकिन उस के कदम बहुत तेज़ी से बढ़ रहे थे। घर पहुंचते ही शिवाय की नज़र शिवन्या को ढूंढने लगी। लेकिन वह नहीं थी। कहां जा सकती है? सोचते हुए शिवाय रूम में चले गए। चेंज करते हुए भी शिवाय का मन शिवन्या में ही अटका हुआ था। फ्रेश होकर शिवाय आराम करने के लिए लेट गए। आदर्श की बातें शिवाय के कानों में गूंज रही थी।  कुछ आहट पर शिवाय बाहर निकले। शिवन्या अपना बैग वहीं सोफे पर रख कर बैठी हुई थी। वह बाहर से आई थी। उसे पता नहीं था कि शिवाय आ चुके हैं। शिवाय उसके बगल में जाकर बैठ गये। शिवाय के बैठते ही शिवन्या उठने लगी। लेकिन शिवाय ने उसे कंधे से पकड़ कर दोबारा बैठा दिया। सनी कहां है? कहीं गई थी क्या?  सनी गया। और मैं भी बहुत जल्द चली जाऊंगी। मैं घर देख रही हूं। शिवन्या नाराज़गी से कहती है। तुम यहां से कहीं नहीं जाऐगी। यह मेरा हुक्म है। शिवाय सख्त हो गये। आप होते कौन हैं मुझे हुक्म देने वाले? शिव...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 30 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 30 | Hindi Romantic Story

लेकिन वह मुझे नहीं मिली आदर्श। पता नहीं वह कहां छिप कर बैठी है। एक बार वह मुझे मिल जाए। फिर देखना मैं उसे कहीं जाने ही नहीं दूंगा। कहते हुए शिवाय मुस्कुरा दिए। लेकिन उसकी आंख से आंसू बह रहे थे। तुम्हारी मुहब्बत देखकर ही तो मैंने जाना कि मुहब्बत क्या होती है। आदर्श शिवाय का हाथ थाम कर कहते हैं। तुम मेरे करीब आते गए। हमारी दोस्ती बढ़ती गई। धीरे-धीरे मेरे दिल के हर राज़ तुम पर खुलते गये। और आज देखो हम एक-दूसरे के बगैर एक दिन नहीं रह सकते। शिवाय अपने हाथ पर रखे आदर्श के हाथ को पुश करते हुए कहते हैं। कहते हैं वक्त हर ज़ख्म भर देता है। मेरा भी ज़ख्म भरने लगा। श्लोका को ढूंढ़ने के साथ-साथ मैंने अपनी यहां पर कम्पनी खोल ली। तुम मेरे लिए अपना काम छोड़कर यहां मेरे साथ काम करने लगे। उस के बाद से मैं इंडिया नहीं गया। मैंने उसी जगह अपना आफिस खोला। जहां हम अलग हुए थे कि अगर श्लोका मुझे ढूंढ़ते हुए आये तो मैं उसे मिल जाऊं। शिवाय सिंह ओबेरॉय का बोर्ड चमक रहा है। लेकिन वह पता नहीं कहां है कि उसको नहीं दिखा। शिवाय एक बार फिर ना उम्मीद हुए। श्लोका तो मिली नहीं। लेकिन तुम शिवन्या को ले आये। इस ने आकर मेरी ...

डोर धड़कन से बंधी भाग 78 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 78 | Hindi Romantic Story

तुम्हारी अम्मी की अच्छाई तुम लोगों को कामयाब बना रही। मां को कभी नाराज़ मत करना।  गलतियां किसी से भी हो सकती हैं। तुम्हारी मां से भी हो सकती है। लेकिन उन की गलतियों के लिए कभी उन को बुरा मत कहना, और ना ही उनसे नाराज़ होना।  मां बाप हमेशा बच्चों के लिए अच्छा ही सोचते हैं। और कभी-कभी इसी अच्छा के चक्कर में बच्चों के नज़र में बुरे हो जाते हैं। शिवाय श्लोका को देखकर उन से कहते हैं। और अंदर की तरफ बढ़ जाते हैं। श्लोका भी उठ कर अंदर चली जाती है। शिवाय… प्रेम को एक दिन अपनी गलती का एहसास ज़रूर होगा। श्लोका शिवाय को दुखी देख कर कहती है। मुझे खुद से ज़्यादा तुम्हारे लिए दुख होता है। तुम ने अपनी ज़िन्दगी उन पर लुटा दी। अपने बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए तुम ने हर मुमकिन कोशिश की। मगर क्या मिला?…शिवाय की आंख नम हो जाती है। हम बहुत जल्द वापस जा रहे हैं…तैयार रहना।  शिवाय के चेहरे की सख्ती देख श्लोका को डर लगने लगा। टेंशन मत लो, तुम्हारे बच्चों को कोई नुक्सान नहीं पहुंचाऊंगा।  लेकिन…मेरे लिए सबसे पहले तुम्हारी खुशी है। और अब मैं तुम्हें इस तरह नहीं देख सकता। मैं ठीक हूं शिवाय…वह ...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 77 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 77 | Hindi Romantic Story

शिवाय मुस्कुरा कर कहते हैं। अब वह सबा को क्या बताते कि वह साड़ी पांच लाख की है। जो श्लोका के रूप को निखार देती है।  हमेशा लाखों के ड्रेस पहनने वाली आज मामूली सा तीन सौ वाला सूट पहने हुए थी। और वह भी सिर्फ उसकी वजह से। अपने प्यार के लिए वह मुस्कुरा कर हर कुर्बानी देने को तैयार रहती है।  ♥️ प्रेम हम शादी कर लेते हैं…प्रेम का मूड अच्छा देख कर काजल जल्दी से कहती है। तुम्हारा दिमाग तो ठीक है? मौम डैड नहीं है। और मैं शादी कर लूं? वह हैरान हुआ। तो क्या हुआ हम सादगी से शादी कर लेते हैं। जब मौम डैड आयेंगे तो रिसेप्शन कर लेंगे। काजल रास्ता निकालती है। नहीं, ऐसा कुछ नहीं करना है जिससे मौम डैड दुखी हों। हम पहले ही उनका दिल दुखा चुके हैं। प्रेम बात खत्म कर देता है। मम्मी कह रही हैं कि अगर अभी शादी नहीं होगी तो तुम वापस आ जाओ। उन को इस तरह मुझे तुम्हारे साथ रहना पसंद नहीं है। काजल एक और पांसा फेंकती है। तो फिर ठीक है, तुम वापस चली जाओ मम्मी के पास… जैसे ही मौम डैड आते हैं मैं उन्हें लेकर सिंगापुर आ जाऊंगा।  प्रेम रास्ता निकालता है। मैं आप को अकेला छोड़ कर नहीं जाऊंगी। काजल पेंतरा बदलती...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 29 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 29 | Hindi Romantic Story

शिवाय हाथ बढ़ाकर उसके बालों से क्लैचर निकाल देते हैं।बिना कुछ बोले।  शिवन्या के कदम ठहर जाते हैं। सुबह की बात के लिए सॉरी... लेकिन शिवन्या कोई जवाब दिये बिना आगे बढ़ जाती है।  रूको एक मिनट प्लीज़.... शिवन्या रूकती है लेकिन शिवाय की तरफ देखे बिना खडी़ रहती है। मेरी तरफ देखो। शिवाय के होंठों पर मुस्कान आ गई। उसकी नाराज़गी देख कर। शिवन्या शिवाय की तरफ मुड़ती है। मेरी बेबसी देख कर खुशी हो रही है। कहते ही शिवन्या जाने के लिए मुड़ जाती है। यह मुस्कान तुम्हारी नाराज़गी दूर करने के लिए है। तुम्हारी बेबसी पर मुझे खुशी होगी? इतना ही जान पाई मुझे। कहते ही शिवाय कॉफी का मग उठा कर उससे पहले आगे बढ़ जाते हैं। और वह वहीं खामोश खड़ी देखती रह जाती है। सुबह शिवाय उठते हैं तो देखते हैं न शिवन्या थी और ना ही सनी था। उनका नाश्ता टेबल पर रखा हुआ था।  नाश्ता करते ही शिवाय आफिस चले गए। ❤️ अब तुम भी मुझे छोड़ रहे हो। लंच टाइम शिवाय आदर्श को देख कर कहते हैं। किसने कहा? आदर्श हैरान हुए। मैं देख रहा हूं। अच्छा.... आदर्श हंसे। आओ लंच करते हैं। आदर्श प्लेट में खाना निकालने लगते हैं। शिवाय भी खामोशी से...

डोर धड़कन से बंधी भाग 63 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 63 | Hindi Romantic Story

कहां चलें? गाड़ी स्टार्ट करके आदर्श मिरर में शिवाय को देख कर पूछते हैं। कहीं भी…कहते ही शिवाय पीछे सिर टिका कर आंख बन्द कर लेते हैं। शायद वह कुछ देर सुसताना चाहते थे। क्या पता आगे के सफर में मौका मिले ना मिले। गाड़ी में पूरे टाइम खामोशी रही। गाड़ी रूकते ही वह तीनों बाहर निकल जाते हैं। गाड़ी एक फाइव स्टार होटल के सामने रूकी थी। शिवाय और श्लोका खामोशी से आदर्श के साथ अन्दर चले जाते हैं।  रिसेप्शन पर आदर्श को तुरंत रूम की चाबी मिल जाती है। जिसे लेकर वह लिफ्ट की तरफ बढ़ जाते हैं। रूम में जाते ही शिवाय सोफे पर बैठ जाते हैं। जिनके एक तरफ आदर्श और दूसरी तरफ श्लोका बैठ जाती है। उसी वक्त वेटर पानी लेकर आता है। आदर्श पानी निकाल कर शिवाय को देते हैं। तुम वहां पर कैसे? पानी पीते हुए शिवाय को ख्याल आया। मुग्धा अपना फोन तुम्हारे यहां भूल आई थी। वही लेने निकला था कि रास्ते में तुम दोनों मिल गए। अब तुम बताओ क्या बात है? जब आदर्श को लगा कि शिवाय अब ठीक हैं तो वह पूछते हैं। अभी ज़िन्दगी के कुछ इम्तिहान बाकी हैं शायद…  वही देने निकला हूं। शिवाय खोए हुए अंदाज़ में कहते हैं। और यह इम्तेहान तुम ने ...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 28 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 28 | Hindi Romantic Story

आदर्श की कोई मीटिंग नहीं थी। वह बैठे आगे की बातों पर गौर करने लगे। क्योंकि उसे पता था कि शिवाय एक बार फिर उसी के सामने अपनी उलझन ले कर आयेंगे। और वह चाहता था कि वह उसे सही राय दे सकें। जो शिवाय के लिए बेहतर हो। ❤️ शिवाय एक नज़र घड़ी पर डालते हैं। और उठ खड़े होते हैं। बहुत देर हो गई अब घर जाना चाहिए। इतनी देर हो गई। आदर्श ने भी घर जाना याद नहीं कराया। लगता है वह भी काम में बिज़ी है। यही सब सोचते हुए शिवाय आदर्श के केबिन में जाते हैं। लेकिन वहां जाकर उन्हें और हैरानी होती है। क्योंकि आदर्श वहां नहीं थे। आदर्श तुम मुझे अकेला नहीं छोड़ सकते। इतना तो मैं जानता हूं। लेकिन आज तुम मुझ से बिना मिले चले गये।यह बात समझ नहीं आ रही है। शिवाय बाहर जाकर लिफ्ट की तरफ जाते हुए सोचते हैं। घर जाकर शिवाय को घर का माहौल कुछ बदला हुआ लगा। कोई आया था क्या? यही सोचते हुए शिवाय अपने रूम में चले जाते हैं। चेंज करके तुरंत बाहर जाते हैं। इधर-उधर देखते हैं। शिवन्या चिकन में कुछ कर रही थी। शिवाय उसी के पास जाकर खड़े हो गए। कोई आया था क्या? एक नज़र शिवन्या पर डाल कर पूछते हैं। सनी आया है। शिवन्या तेज़ी से अंडे को फे...

डोर धड़कन से बंधी भाग 27 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 27 | Hindi Romantic Story

  आप जल्द से जल्द अपना आईडी प्रूफ जमा करें। वरना हम आप पर कार्यवाही करने के लिए मजबूर हो जायेंगे। और हां जब तक आप आईडी प्रूफ नहीं दे देती। तब तक आप यह जॉब नहीं छोड़ सकती। शिवाय गुस्से से अपनी बात कह कर अपनी चेयर बैक साइड गुमा लेते हैं। और शिवन्या चुपचाप खड़ी हैरानी से देखती रह जाती है। और फिर तेज़ी से बाहर निकल जाती है। शिवाय यह शिवन्या यहां पर क्यों आई थी? शिवन्या के निकलते ही आदर्श अंदर आते हैं। और हैरानी से शिवाय से पूछते हैं।  जो अभी भी चेयर का रूख मोड़े बैठे हुए थे। आदर्श आगे जाकर शिवाय की चेयर की तरफ चले जाते हैं। और हैरानी से शिवाय को देखने लगते हैं। जिस की आंख आंसुओं से भरी हुई थी। शिवाय मेरे दोस्त क्यों कर रहे हो यह सब? आदर्श दुख से कहता है। उसे अपने दोस्त की तकलीफ देख कर बहुत तकलीफ हुई। उठो यहां से। आदर्श शिवाय का हाथ थाम कर उठा देते हैं। और सोफे पर बैठा कर खुद भी बैठ जाते हैं। और शिवाय को देखने लगते हैं। जिसके चेहरे पर बरसों की थकन लग रही थी। उसका आईडी प्रूफ देखना था। शिवाय सर पीछे सोफे पर टिकाते हुए कहते हैं। क्या हुआ देख लिया फिर? आदर्श के लहजे में नाराज़गी थी। गु...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 26 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 26 | Hindi Romantic Story

घर पहुंचकर गेट बन्द करके जैसे ही शिवाय मुड़े। शिवन्या शिवाय के गले लग जाती है। शिवाय अचानक हुए इस हमले से घबरा जाता है। लेकिन तुरंत वह संभल जाता है। उसके हाथ जो नीचे लटके हुए थे। बेसाख्ता शिवन्या के गिर्द अपना हाला बना लेते हैं। श्लोका.... शिवाय के लब हिले। और उसने आंख बन्द कर ली।  शायद इस पल को वह अपने अन्दर समेट लेना चाहते थे। कि पता नहीं यह पल दोबारा मिले ना मिले। ♥️ अगली सुबह शिवन्या फटाफट नाश्ता तैयार कर रही थी। काम करते हुए भी उसका मन उस फोन कॉल में अटका हुआ था। जो आफिस से आया था।  अच्छा खासा उसका काम चल रहा था।  पता नहीं क्यों फिर से वह आईडी प्रूफ मांग रहे थे। जब की उस ने बता दिया था कि कुछ दिन बाद वह दे देगी। आज उसे हेड आफिस जाना था। जो कि इसी बिल्डिंग में था। शिवाय रूम से आकर खामोशी से बैठ कर नाश्ता करने लगे। उन्होंने देख लिया था कि वह जल्दी में है। और टेंशन में भी लग रही थी। वह भी खामोशी से बैठ गई। और नाश्ता करते ही अपने रूम में चली गई। और आफिस जाने की तैयारी करने लगी। बाहर आई तो देखा शिवाय जा चुके थे। वह भी लॉक करके लिफ्ट की तरफ बढ़ गई। क्या मैं शिवाय से हेल्प ...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 25 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 25 | Hindi Romantic Story

उसका सर पर हाथ रखना ही शिवाय को सुकून दे गया। और शिवाय के होंठ हिले। श्लोका.... शिवाय आंख बन्द कर लेते हैं। इसी सुकून के लिए वह कब से तरस रहे थे। और यह सुकून शिवन्या के करीब आते ही क्यों मिल जाता है। वह चुपचाप सर दबाती रही। और नज़र शिवाय के चेहरे पर जमाए हुए थी। शिवाय आंख बन्द करके कहीं खो गए थे। वह यह तक भूल गए थे कि उनके पास श्लोका नहीं बल्कि शिवन्या है। अब मैं ठीक हूं। शिवाय उसका हाथ सर से हटाकर अपने होंठ पर रख कर हटा देते हैं।  शिवन्या खामोशी से शिवाय की एक-एक हरकत को नोट कर रही थी। वह चुपचाप उठ कर बाहर चली जाती है। और नाश्ते की तैयारी करने लगती है। लेकिन काम करते हुए भी उसका मन शिवाय में ही अटका हुआ था। शिवाय फ्रेश होकर बाहर आते हैं। नाश्ता करते टाइम आदर्श का फोन आ जाता है। जो आज की शादी में जाने की बात याद करा रहे थे। और साथ में शिवन्या को भी लेकर चलना था। जो वह समझा रहा था।  हमारे मैनेजर के बेटी की शादी है। तुम को भी चलना है। फोन रखते ही शिवाय शिवन्या से कहता है। आप लोग जाएं। मैं नहीं जाऊंगी। शिवन्या जल्दी से कहती है। वैसे भी वह इस तरह के फंक्शन में नहीं जाती थी। तुम को...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 24 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 24 | Hindi Romantic Story

पहले मुझे गलत तो साबित करो। उसके बाद ना तुम सही होगे। आदर्श भी अब खुल कर हंसे। और गाड़ी स्टार्ट कर दी। घर पहुंच कर दोनों अपने फ्लैट पर चले गए। शिवाय लॉक खोल कर अन्दर चले गए। आज आप ने बहुत देर कर दी? जैसे ही शिवाय अंदर हॉल में आये। शिवन्या ने सवाल कर दिया। जो वहीं पर बैठी हुई थी। तुम अभी तक जाग रही हो? शिवाय हैरान हुए। हां, नींद नहीं आ रही थी। उसके हाथ में मोबाइल था। शिवाय सीधे अपने रूम में गए। और चेंज करने लगे। चेंज करते हुए शिवाय के मन में आदर्श की बातें चल रही थी। कॉफी.... शिवाय चेंज करके टेरिस पर चले गए थे। आदर्श ने आज शिवाय को उलझा दिया था। उसी उलझन को सुलझाने में लगा शिवाय टेरिस पर आ गया था। सिगरेट पीते हुए शिवाय अपनी ही सोचों में गुम थे। तभी शिवन्या कॉफी का मग उसकी तरफ करती है। इस की ज़रूरत नहीं थी।  शिवाय कॉफी लेकर कहते हैं। उन्हें  कॉफी की कितनी ज़रूरत थी। यह बात शिवाय अच्छे से जानते थे। इसी लिए तो रास्ते में भी आदर्श से कहा था। लेकिन उसने मना कर दिया था। और कहा था कि घर जाओ शिवन्या कॉफी पिलाएगी। आज आदर्श की दोनों बातें सच हो गई। आदर्श इस वक्त मुझे अपनी हार से ज़्यादा ...

इश्क जान | भाग 8 | Ishq Jaan Part 8 | Heartfelt Romance & Wedding Story

शजल के जाते ही उसे लगा उसकी ज़िन्दगी चली गई हो। वह अपने दिल पर हाथ रख लेता है। और कुछ सोचकर वह मुस्कुरा देता है।  ♥️ मुहब्बतों की कहानियां भी अजीब होती है। जिसे समझना हर किसी के बस की बात नहीं। और जो समझ गया। समझो वह जग जीत गया। मुहब्बत भी कई तरह की होती है। हर मुहब्बत एक दूसरे से जुदा होती है। किसी की मुहब्बत किसी से मेल नहीं खाती।  जैसे रज़ील की मुहब्बत है। वह शजल को चाहते हुए भी  खामोश है। वह दिल से उसे चाहे जा रहा है। मगर ना तो शजल से बात कर रहा है। और ना ही अपने प्यार का इज़हार कर रहा है। वह कौन से वक्त के इंतेज़ार में है। यह वही जानता है।  और दूसरी तरफ  परमजीत की मुहब्बत जो अभी खामोश हैं। जिनके अंदाज़ में मुहब्बत तो झलकती है। मगर कोई ज़ल्दबाज़ी नहीं दिखती है। उन के दिल को तो इकरार है कि यह मुहब्बत है। मगर ज़ुबां पर इज़हार नहीं। दोनों ही शजल को चाहते हैं। मगर इस बात का इज़हार दोनों ही नहीं कर रहे। और शजल....वह खुद ही खुद में उलझी हुई है। वह परमजीत को पसंद करती है। लेकिन जब से उसे पता चला कि रज़ील उसे चाहता है। ना जाने क्यों उस के दिल की बेचैनी बढ़ गई है। वह...

इश्क जान | भाग 7 | Ishq Jaan Part 7 | Heartfelt Romance & Wedding Story

यह दिल भी बड़ा नादान है। सामने प्यार और प्यार करने वाला था। मगर ना वहां इकरार था ना इज़हार...... एक बार फिर शजल की नज़र उठती है। रज़ील अब भी उसे ही देख रहा था।  शज़ल दूसरी ओर देखने लगती है। और फिर वह स्टेज से उतर जाती है। और यूं ही इधर-उधर टहलने लगती है। और सबसे बातें भी करती जाती है।  मगर जब भी उसकी निगाह उठती रज़ील को अपनी तरफ देखता पाती थी। उसे उलझन होने लगी। वह बाहर चली गई। लेकिन जैसे ही उसकी निगाह उठी। वह हैरान रह गई। क्योंकि सामने रज़ील किसी से बातें करते हुए उसे देख रहा था। जैसे ही दोनों की निगाहें मिलती हैं। रज़ील मुस्कुरा देता। शजल तो मुस्कुरा भी ना पाती। वह तो सिर्फ यह सोच रही थी कि जब रज़ील को पता चलेगा कि उसकी बात कहीं और तय हो रही है। तब उस पर क्या बीतेगी। उसका जी चाहा वह जाकर रज़ील से कह दे कि वह ख्वाब मत देखो जो पूरे ना हो सकें। पूरी शादी में वह उसे निहारता रहा। और शजल बेचैन दिल को संभालती हुई हंस बोल रही थी। मगर आज उसके कहकहे नहीं सुनाई दिये। ♥️ शादी का फंक्शन खत्म हो चुका था। विदाई हो चुकी थी। हर कोई घर के लिए निकल रहा था। घर जाकर भी बहुत सारी रस्मों को होना थ...

इश्क जान | भाग 6 | Ishq Jaan Part 6 | Heartfelt Romance & Wedding Story

शजल की मम्मी ने अपनी बात कह कर सब की तरफ देखा। बबीता जी के रिश्ते पर हमें गौर करना है। उनका बेटा राहिल अभी शादी में नहीं आया है। उन्होंने मुझे फोटो भेज दिया है। आप सब सोच कर अ पनी राय दें।  और अभी सो जाएं सब लोग। कहते हुए वह उठ गई। बिस्तर पर लेटते ही शजल के सामने कई चेहरे कई बातें आ और जा रही थी। उस को कुछ समझ नहीं आ रहा था।  मम्मी की बातों से उसे लग गया था कि वह इस आये हुए रिश्ते को मंज़ूर करना चाहती हैं। शजल की आंखों से नींद गायब थी। ♥️ परमजीत को लेटते ही शजल की याद आ जाती है। वह मन ही मन फाईनल कर लेता है कि वह शजल को पसंद करता है और उसी से शादी कर लें। यह बात सोचते ही उसके होंठों पर मुस्कान आ जाती है। एक बार फिर शजल का मुस्कुराता चेहरा उसके सामने आ जाता है। उसके ऊपर शजल का नशा चढ़ने लगता है। जिसे सोचते हुए उसे नींद आ जाती है। वह इस बात से अंजान है कि उसकी मां ने किसी और से उसका रिश्ता करने का सोच लिया है।  ♥️ शजल.... बिस्तर पर लेटते ही रज़ील मन ही मन ना जाने कितनी बार दोहराता है। शजल से वह इश्क करता था। मगर शजल इस बात से अंजान थी‌। रज़ील सिर्फ दूर से उसे देखता रहता था।...

इश्क जान | भाग 5 | Ishq Jaan Part 5 | Heartfelt Romance & Wedding Story

यह कैसी कशमकश है। जो उसे बेचैन कर रही है। यह कैसी उलझन है। जो सुलझने के बजाय और उलझती जा रही है।  दिलों के इस बाज़ार में यह कैसी सौदागिरी है। उसका मन बहुत सारे सवालों से घिरा हुआ था। मगर वहां पर जवाब देने वाला कोई भी नहीं था।  शजल ने यूं ही नज़र इधर उधर धुमाई। शायद उसकी नज़र किसी को ढूंढ रही थी। और फिर वह उसे नज़र आ गया। रज़ील....उसने मन ही मन दोहराया। वह किसी से बातें कर रहा था।  शजल एक टिक उसको देखे जा रही थी।  शायद शजल के नज़रों की गर्मी थी। या फिर रज़ील के बैचैन दिल की बैचेनी थी कि उसने नज़र उठाई तो देखा शजल उसे देख रही थी।  रज़ील का मन मुस्कुरा उठा।  उसके अंदर की खुशी उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी। एक बार फिर दोनों की निगाहें मिली। मगर इस बार शजल ने अपनी निगाहें झुका ली।  शजल का दिल ज़ोर से धड़का। उसने अपने हथेलियों को एक दूसरे से जकड़ लिया। और अपने अंदर के तूफान को अपने चेहरे पर ज़ाहिर नहीं होने दिया। शजल उठ कर अंदर चली गई। फंक्शन खत्म होने के बाद भी वह लोग बहुत देर तक रूके हुए थे। क्योंकि मम्मी लोग कुछ ज़रूरी बात कर रही थी। और वह ज़रूरी बात ...

इश्क जान | Ishq Jaan Part 4 | Heartfelt Romance & Wedding Story

कुछ निगाहें शजल पर नज़र जमाये हुऐ थी। मगर वह उससे अंजान थी‌।   मुहब्बत एक इबादत है।  मिलन है आशिकी उनकी जो मिल जाए मुहब्बत तो खुदा को पा वह लेते हैं......  रात में मेंहदी का फंक्शन था। उसे जाने का बिल्कुल भी मन नहीं हो रहा था।  उस दिन वहां से आकर उसका दिल बेचैन था। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। उसके सामने दो चेहरे आ और जा रहे थे। परमजीत जिसे वह पसंद करती है। परमजीत उसे पसंद करता है या नहीं उसे नहीं पता। मुहब्बत तो बहुत दूर की बात है। रज़ील जो कि उसे पसंद करता है। रज़ील एक खूबसूरत और अच्छा इंसान जिसे कोई भी लड़की पसंद कर सकती है। मगर वह उसे पसंद करता है। इन दो चेहरों ने उसे उलझन में डाल दिया था।  वह जो किसी ने कहा है कि तुम जिसे चाहते हो वह ना मिले, तो तुम उसके हो जाओ जो तुम्हें चाहता है।  पिछले दो साल उसने इंतेज़ार किया था इन दिनों का। इस बार उसे कोई फैसला लेना था। क्योंकि मम्मी ने भी सोच लिया था कि इस बार उसका रिश्ता तय कर दिया जाए। क्योंकि रिश्ते तो बहुत आ रहे हैं। अब इन्हीं में से किसी को देख कर शादी तय कर दी जाए।  रात को मेहंदी के फंक...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 23 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 23 | Hindi Romantic Story

और फिर अचानक से वहां का माहौल बदल जाता है। थोड़ी देर पहले जो सब कुछ सजा हुआ था। अब सब बिखर चुका था। शिवाय गुस्से से बोले जा रहे थे। साथ ही साथ सुमन भी चिल्ला रही थी।  शिवाय.... आदर्श जो दूसरी तरफ बैठा मुग्धा और शिवन्या से बातें कर रहा था। आवाज़ सुनकर आता है कि कहां पर इतना शोर हो रहा है? और वह देख कर हैरान रह जाता है कि वहां कोई और नहीं उसका दोस्त शिवाय था। आदर्श एक नज़र दोनों को देखता है। और तुरंत शिवाय का हाथ थाम कर वहां से निकल जाता है। पीछे सुमन चिल्लाती रहती है। लेकिन उसकी बात सुनने वाला वहां कोई नहीं था। आदर्श शिवाय के साथ बाहर निकल कर उसकी गाड़ी में बैठ जाते हैं। और मुग्धा को फोन करते हैं। तुम लोग घर चली जाना। मुझे कुछ काम आ गया है। मैं बाद में आ जाऊंगा।  बात करने के बाद आदर्श खामोशी से शिवाय की ओर देखते हैं। जो अब शांत लग रहे थे। आदर्श गाड़ी स्टार्ट कर देते हैं। कुछ दूर जाकर गाड़ी रोक देते हैं। और शिवाय की ओर ध्यान से देखते हैं। यूं जैसे अब वह उसकी बात सुनने के लिए तैयार हो। आदर्श वह मुझ से शादी करना चाहती थी।  वह ऐसा कैसे कह सकती है? जब कि वह जानती है कि मैं श्लो...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 22 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 22 | Hindi Romantic Story

शिवाय आर्डर करते हैं। और फिर उस को उस रेस्टोरेंट के बारे में बताने लगते हैं।  रेस्टोरेंट की हल्की रौशनी, धीमा म्यूजिक और टेबल पर रखे कैंडिल की लौ एक सुकून भरा माहौल बना रही थी। एक ओर से आती हंसी, चाय कॉफी की खुशबू और बर्तनों की हल्की आवाज़ माहौल को रूमानी बना रही थी। और फिर अचानक  बात करते हुए शिवाय शिवन्या का हाथ थाम लेते हैं जो वह टेबल पर रखे हुए थी।  शिवन्या हैरानी से शिवाय को देखती है। लेकिन शिवाय की नज़र तो सामने थी। शिवन्या से अंजान बने शिवाय शिवन्या को कुछ भी सोचने का मौका नहीं देना चाहते थे।  और शिवन्या वह शिवाय के पल-पल बदलते रवैए से हैरान रह जाती थी।  इस वक्त भी शिवाय के हाथ पकड़ने पर हैरान हुई थी। वह शिवाय की आंखों को पढ़ना चाहती थी। वह जानना चाहती थी कि शिवाय के मन में उसके लिए क्या जज़्बात हैं। लेकिन शिवाय हमेशा खुद को छुपा जाते। बेसाख्ता उस ने शिवन्या का हाथ थाम लिया था। कहीं ना कहीं श्लोका उसके ख्यालों में थी। और शिवन्या उसे उस का रुप लगती थी। इस लिए अक्सर वह कुछ ऐसी हरकत कर जाता जो शिवन्या को एक आस दे जाता। मगर शिवाय बहुत जल्द अपने रवैए से उसे गल...