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Showing posts from November, 2025

डोर धड़कन से बंधी | भाग 62 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 62 | Hindi Romantic Story

मैं सब कुछ छोड़ के जा रहा हूं। सब कुछ तुम्हारे हवाले करके। तुम शायद सही कह रहे हो… मुझे सब कुछ बना बनाया मिला था। तो अब मैं खुद को परखने जा रहा हूं।  लेकिन… जैसे ही मैं खुद को परख लूंगा, मैं वापस आ जाऊंगा।  चलो श्लोका…शिवाय कहते ही श्लोका का हाथ पकड़ते हैं। लेकिन…श्लोका शिवाय का हाथ हटा देती है। शिवाय हैरानी से श्लोका को देखते हैं, और खामोशी से तन्हा आगे बढ़ जाते हैं। आप कहां अकड़ कर जा रहे हैं शिवाय सर…पूरा बैंक तो आपकी पाकेट में है। काजल एक और तीर चलाती है। शिवाय पलट कर प्रेम को एक नज़र देखते हैं जो खामोश खड़ा था। और फिर अपनी पैंट की पाकेट से अपना वालेट निकाल कर वहीं सोफे पर रख देते हैं। और फिर अपना फोन भी वहीं पर रख देते हैं। और आगे बढ़ते हैं। कुछ सोच कर दो मिनट रूकते हैं। और अपना कोट उतार कर वहीं पास रखे सोफे पर रख देते हैं। अब इस की भी ज़रूरत नहीं है… शायद.... कहते ही शिवाय बाहर की तरफ तेज़ी से बढ़ते हैं। क्योंकि अगर वह थोड़ा भी ठहरते तो शायद वह अपने फैसले पर कायम ना रह पाते। क्योंकि पीछे उनकी श्लोका खड़ी थी।  श्लोका मुझे लगा था कि तुम मेरा साथ दोगी…लेकिन यहां पर मैं...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 61 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 61 | Hindi Romantic Story

डैड आप मेरे हिस्से का सब कुछ काजल के नाम कर दें।  प्रेम उनकी नज़रों को अपने चेहरे पर महसूस करते हुए जल्दी से कहता है। क्या? शिवाय हैरान रह जाते हैं।  श्लोका हैरान नज़रों से अपने बेटे को देखती है। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि यह बात उसका बेटा कह रहा है। जी डैड आप सब कुछ काजल के नाम कर दें। लेकिन क्यों? शिवाय खुद को सम्भाल चुके थे। क्योंकि इस की यही शर्त है कि यह मुझ से तभी शादी करेगी, जब मैं अपना सब कुछ इस के नाम कर दूंगा। और डैड मैं इस से बहुत प्यार करता हूं… मैं इस के बिना नहीं रह सकता।  मुझे इस से शादी करनी है। प्रेम जल्दी-जल्दी बोलता है। प्यार में सौदा नहीं होता मेरे बेटे…और जहां सौदा हो वहां प्यार नहीं होता। शिवाय बहुत ही सुकून से कहते हैं। डैड यह सब बातें कहानियों में ही अच्छी लगती हैं। असल जिंदगी उससे अलग होती है।  प्रेम काजल को देख कर कहता है। जो दूर खड़ी तमाशा देख रही थी। जिस को तुम प्यार कह रहे हो, हकीकत में वह प्यार नहीं मेरे बेटे…श्लोका आगे आकर प्रेम का हाथ थाम कर समझाने की कोशिश करती है। मैं जिस दिन से आया हूं मैं देख रहा हूं कि आप लोग काजल से खुश नहीं हैं ...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 60 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 60 | Hindi Romantic Story

सोफे पर बैठे दोनों के बीच की दूरी अब पूरी तरह मिट चुकी थी। कमरे की हल्की रौशनी में उनका नया सफर जैसे शुरू हो चुका था। ♥️ पगफेरे की रस्म तो दुल्हन को करनी होती है, लेकिन तुम तो उसके पूरे ससुराल वालों को बुला लाए। आदर्श हंसते हुए कहते हैं। हां, क्योंकि तुम्हारे पग बहुत शुभ हैं। शिवाय भी हंसते हुए कहते हैं। आज सारा परिवार साथ है बहुत अच्छा लग रहा है। सुधीर जी मुस्कुरा कर कहते हैं। डिनर के बाद सारे लोग साथ बैठे बातें करते रहे। अंकल आप ने यह अच्छा फैसला किया कि दोनों बच्चों को उनकी ज़िम्मेदारी बांट दी। आदर्श खुशी से कहते हैं। मां-बाप अगर वक्त रहते सही फैसला कर लें तो घर बना रहता है। वरना फिर बाद में बुराइयां और लड़ाई लगी रहती है। मैंने ओबेरॉय मेंशन को शिवाय और अमोल को आधा-आधा दे दिया। और बाकी जायदाद को तीनों बच्चों में बराबर बांट दिया। आज अमोल और शिवाय का अपना अलग बिज़नेस है। जिस को यह दोनों बहुत अच्छे से संभाल  रहे हैं। मैं और ममता कभी शिवाय के तरफ तो कभी अमोल की तरफ रहते हैं। हमारा रुम दोनों तरफ है। सुधीर जी खुशी से कहते हैं। मैं भी ऐसा ही करुंगा। बच्चों की शादियां करके उनको उन की ज़ि...

डोर धड़कन से बंधी भाग 59 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 59 | Hindi Romantic Story

पूजा बड़े ध्यान से आरव की बातें सुन रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि यह सब कोई सपना है या हकीकत। इसका मतलब तुम ने मुझ से यह शादी पा के कहने पर की? नहीं…आरव कहते ही उसे देखने लगा। पा से बात करने के बाद तुम हर वक्त मेरे मन में रहने लगी। पा के अल्फाज़ हर वक्त मेरे कानों में गूंजते रहते। कालेज में जब कोई लड़की मेरे सामने आती तो मेरी आंखों में तुम्हारा चेहरा आ जाता। उस के बाद पा ने मुझ से तुम्हारे बारे में कोई बात नहीं की। जब भी मैं तुम्हारे घर आता चुपके-चुपके तुम को देखता रहता। हम साथ बैठते बातें करते। लेकिन तुम कभी यह नहीं जान पाई कि मैं तुम में अपना प्रेम ढूंढ रहा हूं। और इसी तरह तुम्हें सोचते-सोचते मुझे महसूस हुआ कि मैं सचमुच तुम से प्यार करने लगा हूं। मैंने कभी तुम से प्यार की बातें नहीं की, कभी तुम्हारे आगे पीछे-पीछे नहीं घूमा। कभी तुम से कोई वादा नहीं किया। लेकिन दिल में तुम्हारी मुहब्बत छा गई थी। मैं खामोशी से तुम्हे चाहने लगा। पूजा बहुत प्यार से आरव को देखते हुए उसकी बातें सुन रही थी। आरव का वह प्रेम जो कभी वह महसूस ही नहीं कर पाई। वह आज बारिश की नन्ही बूंदों की तरह उस पर बरस रहा थ...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 58 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 58 | Hindi Romantic Story

लेकिन शिवाय और श्लोका के कानों में बस वही गूंज रहा था… उनकी बेटी की कदमों की आहट…जो धीरे-धीरे इस आंगन से दूर जा रही थी।  … तुम अपने डैड से हमारे लिए कब बात करोगे?  काजल नाराज़गी से प्रेम से पूछती है। करुंगा… अभी तो पूजा की विदाई हुई है।  प्रेम अपना कोट उतारते हुए कहता है। तुम को पहले ही बात कर लेना चाहिए था। काजल एक बार फिर नाराज़ हुई। कैसे पहले बात कर लेता? हमारे आते ही तो पूजा के शादी की बात शुरू हो गई। तुम तो कह रहे थे कि अभी पूजा के शादी की कोई बात नहीं है। और अचानक पूजा की शादी भी हो गई। काजल ने जानना चाहा। मुझे नहीं पता…प्रेम ने बात खत्म कर दी। तुम को तो अपने घर के बारे में कुछ पता ही नहीं है। इसी लिए कह रही हूं सारी बातों को जानो। और अपनी ज़िम्मेदारी निभाओ।  काजल प्रेम के करीब जाकर उसके गले में बांहें डाल कर कहती है। हां ठीक है, अब तुम अपने रूम में जाओ। वरना मौम डैड को अगर पता चल गया कि तुम इतनी रात गए मेरे रूम में थी तो वह नाराज़ होंगे। तुम को तो हर वक्त अपने मौम डैड की ही पड़ी रहती है। कभी अपने बारे में भी सोच लिया करो। अब तुम बड़े हो गए हो… खुद से फैसला लेन...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 57 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 57 | Hindi Romantic Story

पता नहीं कुछ समझ नहीं आ रहा। लेकिन मन उदास है। शिवाय सोचने वाले अंदाज़ में कहते हैं। सब ठीक हो जायेगा। टेंशन मत लो। आदर्श एक बार फिर शिवाय के गले लगते हैं। ♥️ शादी की रस्में शुरू हो चुकी थी। शिवाय और श्लोका दूर बैठे सब देख रहे थे।  हल्दी  की रस्म हो गई शिवाय…तीन दिन बाद हमारी बेटी विदा हो कर ससुराल चली जायेगी। श्लोका सामने बैठी पूजा को देख कर कहती है। मानो कल की बात हो… जब हमारी शादी हुई थी। और देखो आज हमारी बेटी की शादी हो रही है। वक्त बहुत जल्दी बीत गया। शिवाय की आंखें भीग गईं। उन्होंने श्लोका का हाथ थामते हुए कहा। सच कहती हो…कल ही तो बात लगती है। तुम दुल्हन बनी मेरे सामने आई थी। और आज… हमारी बेटी उसी राह पर चल पड़ी है। हां, अब वो भी अपने नए जीवन की शुरुआत करेगी। बस यही दुआ है कि उसकी ज़िन्दगी खुशियों से भर जाए। इतना कहते-कहते श्लोका की नज़र एक बार फिर पूजा पर पड़ी, जो अपने दोस्तों के साथ हंसते हुए बातें कर रही थी। श्लोका के दिल में एक सुकून था, लेकिन साथ ही एक खालीपन भी… कैसे जी पाएंगे उसके बिना? घर कितना सूना लगेगा… अरे,अभी से क्यों सोच रही हो? अभी तीन दिन तो हमारे पास हैं...

डोर धड़कन से बंधी भाग 56 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 56 | Hindi Romantic Story

हां शिवाय वह अच्छी लड़की नहीं है। वरना अपने बेटे की पसंद को मैं खुशी-खुशी उस की ज़िन्दगी में शामिल कर देती। ऐसा तो मुझे लगा ही नहीं, मुझे दुख तो इस बात का था कि मेरे बेटे ने एक बार भी उस लड़की का ज़िक्र हम से नहीं किया। अब हम क्या करेंगे। शिवाय को दूसरी फिक्र हुई। मैं तो यह सोच रही हूं… अब वह क्या करेंगे? श्लोका परेशानी से कहती है। उसी वक्त दरवाज़े पर नॉक होता है। आ जाओ… श्लोका शिवाय से अलग होकर कहती है। पूजा बेटा तुम इस वक्त क्या हुआ? शिवाय हैरानी से उसे देखते हुए पूछते हैं। भाई की वजह से आप लोग परेशान हैं ना? परेशान मत हों, सब ठीक हो जाएगा। आप लोग चेंज करें, और आराम करें। पूजा जल्दी-जल्दी श्लोका की ज्वेलरी उतारने लगती है। बेटियां तो मां-बाप का मान होती हैं। शिवाय के कान में आदर्श के कभी के कहे हुए अल्फाज़ गूंजते हैं। डैड आप भी चेंज करें। वह शिवाय का कोट उतार कर अलमारी में रखते हुए कहती है। श्लोका चेंज करने अंदर चली जाती है।  और शिवाय वहीं बैठ कर पूजा को देखने लगते हैं जो श्लोका की ज्वेलरी को टेबल पर ठीक से रख रही थी। ऐसे क्या देख रहे हैं डैड? पूजा हैरानी से पूछती है। अपनी पूजा को...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 55 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 55 | Hindi Romantic Story

आदर्श ने मेरा साथ कभी नहीं छोड़ा। उसकी मेहनत ने आदर्श इंडस्ट्री को ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है। जब भी उसे देखता हूं दिल गर्व से भर जाता है। तभी बाहर गाड़ी का हॉरन बजता है। उनकी नज़र गेट पर उठती है। वाह… चाय का मज़ा तो अब आयेगा। शिवाय आदर्श को देख कर खुशी से कहते हैं। जो अंदर की तरफ आ रहे थे। साथ में मुग्धा और तीनों बेटे आरव, आरुष और आर्यन भी थे। बच्चे एक-दूसरे से मिलने के लिए दौड़ पड़ते हैं। शोर और खिलखिलाहट से पूरा लॉन गूंज उठता है। शिवाय और आदर्श एक दूसरे को देखते हैं। उस नज़र में दोस्ती से बढ़कर एक अपनापन था। वो रिश्ता जो खून का नहीं था लेकिन खून से भी गहरा था। शिवाय ने चाय का कप आदर्श की ओर बढ़ाया। आज भी वही नियम है…जब काम की बात होगी तो सिर्फ काम, लेकिन जब परिवार साथ हो तो सिर्फ प्यार। दोस्ती और मुहब्बत… यही असली इंडस्ट्री है शिवाय। यही हमें आगे ले जायेगी। आदर्श कप थाम कर मुस्कुरा कर शिवाय से कहते हैं। बच्चों की खिलखिलाहट, औरतों की मीठी बातें, और दो दोस्तों की गहरी नज़र… यही थी उनकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी दौलत। वक्त का पहिया घूमता रहा। खट्टी-मीठी यादें बनाती ज़िन्दगी आगे बढ़ती रही।...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 54 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 54 | Hindi Romantic Story

 शिवाय उसके हाथ पर अपना हाथ रखते है जिस पर श्लोका अपना दूसरा हाथ रख कर अपनी मुहब्बत की डोर से उसे बांध देती है। ♥️ आफिस के लिए तैयार हुए कि नहीं? हमारी बात हुई थी कि हम एक महीना काम नहीं करेंगे। वह एक महीने पूरे हो हो चुके हैं। शिवाय आदर्श को फोन करते हैं। मुझे याद है बॉस, और मैं रेडी भी हूं। पांच मिनट में आफिस के लिए निकल जाऊंगा। आदर्श खुशी से कहते हैं। तुम निकलना मत, मैं आ रहा हूं। तुम को पिक कर लूंगा। शिवाय घड़ी देखते हुए कहते हैं। ओके बॉस… शिवाय फोन रख देते हैं। उन के होंठों पर मुस्कान थी। एक प्यारी मुस्कान। आप इतना मुस्कुरा क्यों रहे हैं? श्लोका हैरानी से पूछती है। आदर्श की बातें ऐसी होती हैं कि होंठों पे मुस्कान आ ही जाती है। आदर्श ने मुझे बहुत सारी खुशियां दी है। तुम्हारे बाद वही था जो मुझे ज़िंदगी की तरफ लाया था। अब वक्त आ गया है कि मैं भी उस के लिए कुछ करूं। शिवाय कुछ सोचते हुए कहते हैं। आप क्या करेंगे? श्लोका हैरान होती है। आता हूं तो बताता हूं। अभी देर हो रही है। आदर्श वेट कर रहा होगा। कहते ही शिवाय उसे हग करते हैं। और प्यार करते हुए बाहर निकल जाते हैं। ♥️ यह हम कहां आये...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 53 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 53 | Hindi Romantic Story

यह सफर अब सिर्फ उनका नहीं, बल्कि उन सब का था जो साथ चलने को तैयार थे। और उस ने मानो कह दिया हो… अब न कोई दूरी रहेगी, न कोई दर्द…  बस एक नया सवेरा, जो हमेशा प्यार और साथ से जगमगाता रहेगा। … श्लोका तुम किचन में क्या कर रही हो? ममता जी अपने रूम से किसी काम से बाहर आती हैं और श्लोका को किचन में काम करते देख कर हैरान रह जाती हैं। खाना बना रही थी। श्लोका मुस्कुरा कर कहती है।  तुम क्यों खाना बना रही हो? रोज़ी है ना? वह हैरान पर हैरान होती हैं। बनाने दें मौम… मुझे श्लोका के हाथ का खाना खाना है। शिवाय रुम से आकर कहते हैं। ममता जी की आवाज़ उसके कानों में गई तो वह रूम से बाहर आ गया। अगर ऐसा है तो फिर तुम खीर भी बना लो। ताकि तुम्हारी रसोई का शगुन भी हो जाए। ममता जी तुरंत रास्ता निकालती हैं। क्योंकि वह शिवाय को खुश देखना चाहती थी। उन्हें अब हमेशा शिवाय की फिक्र रहती थी। ठीक है। वह किचन से काम करते हुए कहती है। … यह हमारी रस्में भी बड़ी प्यारी होती हैं। अब तुम पगफेरे के लिए अपने मायके जा रही हो।  शिवाय गाड़ी चलाते हुए कहते हैं।  यह रस्में हमें एक-दूसरे से जोड़े रखती हैं।  श्ल...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 52 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 52 | Hindi Romantic Story

शिवाय ने उसका हाथ अपने दिल पर रखा और धीरे से बोले, यह धड़कन अब सिर्फ तुम्हारे नाम से चलती है श्लोका। अगर कभी यह रुक भी गई… तो बस तुम्हारा नाम आखरी सांस में होगा। और अगर तुम्हारी धड़कन कभी रूक भी गई, तो मैं उसे अपनी धड़कनों से ज़िंदा रखूंगी। शिवाय उस पर झुक जाते हैं... एक प्यारा सा एहसास था उस चुम्बन में, एक प्यारा सा वादा, प्यार अपनापन और हमेशा साथ निभाने का। श्लोका ने आंखें बन्द कर ली और उसके सीने पर अपना सिर रख लिया। दोनों की धड़कनें एक ताल में चल रही थीं। वो धड़कनें जैसे एक दूसरे से कह रही थीं… अब कोई दूरी नहीं अब कोई दर्द नहीं। कमरे का सन्नाटा भी आज गवाह था, कि दो रूहें अब सच में एक-दूसरे से बंध चुकी हैं। …  नई जिंदगी की नई सुबह मुबारक। जैसे ही वह दोनों रुम से बाहर आए। आदर्श ने ऊंची आवाज़ से कहा। और बाकी लोग तालियां बजाने लगे। शिवाय और श्लोका हैरानी से सब को देखते हैं। आज हम सब साथ में नाश्ता करेंगे। आदर्श शिवाय के करीब आकर उनके कंधे पर हाथ रख कर कहते हैं। सनी…तभी अंदर से सनी आता है जिसे देखकर श्लोका दौड़ कर उसे गले लगा लेती है। अब से सनी हमारे साथ रहेगा। शिवाय सनी को गले लगाकर...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 51 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 51 | Hindi Romantic Story

शिवाय के अंदर तक सुकून उतर आया था। बरसों से उसका तरसा हुआ दिल आज हर खुशी पा गया था।  मैं भी निकलूं फिर? मुग्धा को कुछ शापिंग करनी थी। उस के साथ जाना है। आदर्श शिवाय के करीब आए। हां ठीक है जाओ। शिवाय उठ खड़े हुए। तुम भी आराम करो। कल तुम्हारी शादी है। आदर्श श्लोका को देखकर शिवाय से कहते हैं। हूं, शिवाय मुस्कुराए। शादी के बाद हम इंडिया चले जायेंगे। शिवाय श्लोका को देख कर कहते हैं। ठीक है फिर मैं भी वहीं शिफ्ट हो जाता हूं। आदर्श ने नार्मली कहा। तुम क्यों चलोगे? तुम यहां रहो। शिवाय हैरान हुए। क्योंकि मैं चाहता हू कि मेरा बच्चा अपने देश में जन्म ले। आदर्श अपनी मुस्कान छुपा कर कहते हैं। क्या सच में……शिवाय उसकी बात सुन कर खुश हुए, लेकिन इंडिया जाने की बात हैरान किए हुए थे। हां, मैं अब तुम्हारे बिना नहीं रह सकता शिवाय, मुझे तुम्हारी आदत हो गई है।  मुग्धा भी यही चाहती है। आदर्श खुशी से कहते हैं। शिवाय हैरानी से आदर्श को देखते हैं। और फिर उसे गले लगा लेते हैं। कितनी ही देर दोनों गले लगे रहे। श्लोका अपनी बेड पर बैठी दोनों दोस्तों की मुहब्बत को देख रही थी। आता हूं फिर……आदर्श शिवाय से अलग ह...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 50 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 50 | Hindi Romantic Story

उसी दोस्ती के नाते शिवाय हमें छोड़ दें। पुलिस के हवाले ना करें। वरना हम कभी जेल से वापस नहीं आ पायेंगे। सुमन एक बार फिर गिड़गिड़ाती है। लेकिन शिवाय जवाब देने के बजाए आगे बढ़ते हैं। और अनु का हाथ पकड़ कर बाहर निकल जाते हैं। …… शिवाय अब तुम घर जाकर आराम करो। मैं श्लोका के पास रहूंगा।  शिवाय के हास्पिटल पहुंचते ही सुधीर जी कहते हैं। नहीं डैड आप घर जाएं। मैं यहीं रहूंगा। शिवाय वहीं चेयर पर बैठते हुए कहते हैं।  शिवाय तुम थक चुके हो। कई रातों के जगे हो तुम। प्लीज़ यार तुम चले जाओ। आदर्श शिवाय से रिक्वेस्ट करते हैं। तुम भी जाओ आराम करो। तुम भी थक गए हो। शिवाय आदर्श की बात को अनसुनी करते हुए अपनी बात कहते हैं। और तुम जो थके हुए हो? बीमार हो गए तो? आदर्श उस के करीब जाकर कंधे पर हाथ रख कर नाराज़गी से पूछते हैं। मेरा ध्यान रखने वाली आ गई है। शिवाय मुस्कुराए। आदर्श उसे देखते रह गए। मुहब्बत भी क्या चीज़ है। इंसान में नई जान डाल देता है। श्लोका को कल सुबह रुम में शिफ्ट करेंगे। आदर्श बताते हैं। श्लोका के पास रुम में नहीं जाओगे? आदर्श शिवाय से पूछते हैं। जाऊंगा। पहले तुम लोगों को यहां से भेज ...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 49

तो फिर मरने के लिए तैयार हो जाओ। शिवाय एक झटके से खड़े होकर कोट से पिस्तौल निकाल कर उस पर तान देते हैं। शिवाय आप यह क्या कर रहे हैं? वह डर कर कहती है। वही जो तुमने कहा था...  नहीं शिवाय पहले बैठें। हम इतनें दिनों बाद मिले हैं। मौत के मुंह से मैं वापस आई हूं और आप.... वह इमोशनल होती है। अगर मुझ से सच्चा प्यार करती हो तो... तुम को मरना होगा। शिवाय बहुत आराम से कहते हैं। हठें, मैं जा रही हूं...जब आपका दिमाग ठिकाने आ जाए तो बता देना। श्लोका गुस्से से कहकर बाहर की ओर जाने लगती है। कहां चलीं मैडम.... शिवाय से इतना प्रेम करती हैं। लेकिन उसके लिए मर नहीं सकती यह कैसा प्रेम है। प्रेम तो कुर्बानी मांगता है। आदर्श उसे अंदर की तरफ ढकेलते हुए कहते हैं। आप लोग क्या बातें कर रहे हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा। अब वह सचमुच डर गई थी। यह श्लोका वाला खेल खेलने की वजह? आदर्श सीधे मुद्दे पर आ जाते हैं। यह कोई खेल नहीं हकीकत है। मैं श्लोका ही हूं। और अगर शिवाय को अब मैं पसंद नहीं तो मुझे भी कोई शौक नहीं है इससे शादी करने का। मैं जा रही हूं। कहते ही एक बार फिर वह बाहर की तरफ बढ़ी। अपनी आंटी का एड्रेस बताओ। ज़र...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 48 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 48 | Hindi Romantic Story

कुछ रिश्ते वक्त के इंतेज़ार में होते हैं... और जब वह लौटते हैं, तो मुकम्मल हो जाते हैं। उसने मन ही मन कहा। .... आदर्श तैयारी हो गई? शिवाय फोन पर मैसेज टाइप करते-करते पूछते हैं। हां, हो गई। आदर्श ने अंगूठा दिखाया। गुड, अभी रवि, हेमंत और अशोक भी आ रहे हैं। फिर हम निकलते हैं। शिवाय के मन में बहुत कुछ चल रहा था। उसी वक्त उस के दोस्त आ जाते हैं। और आते ही तीनों एक साथ शिवाय के गले लग जाते हैं। आदर्श दूर खड़े यह मंज़र देख कर मुस्कुरा देते हैं। सच में सच्चे दोस्त बहुत बड़ी दौलत हैं। अचानक शिवाय की नज़र आदर्श पर पड़ती है। जो दूर खड़ा उन को देख रहा था। आदर्श.... आदर्श भी मुस्कुरा कर उन सब के साथ गले लग गए। तभी.... कुछ प्यार मेरे लिए भी बचा है? पीछे से आवाज़ आती है। सब पलट कर देखते हैं। सुधीर जी बाहें फैलाए खड़े थे। डैड.... शिवाय तेज़ी से उनके पास जाकर उन की बाहों में लिपट जाते हैं। दोनों की आंखें नम थीं, लेकिन  दोनों ही मुस्कुरा भी रहे  थे। डैड आप यहीं रूकें। हम आते हैं। शिवाय घड़ी देख कर कहते हैं। हां ठीक है, तुम लोग जाओ। मैं यहीं हूं। श्लोका के पास।तुम्हारी मौम, अराध्या और अमोल घर पर...

डोर धड़कन से बंधी भाग | 47 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 47 | Hindi Romantic Story

उसके कानों में आग की सिसकारियां और किसी पुराने, दर्दनाक लम्हे की टूटी हुई तस्वीरें गूंज रही थीं। शेफ अपना काम कर रहे थे। आग एक बार फिर तेज़ हुई।  शिवाय..... शिवन्या की चींख पूरे हॉल में गुंज गई। शिवाय और आदर्श उठ कर उसकी तरफ जाते हैं। वह बेहोश हो चुकी थी। शिवन्या, शिवन्या... आंखें खोलो.... शिवाय उसे आवाज़ देता जा रहा था। आदर्श गाड़ी निकालो। शिवाय को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि यह अचानक से बेहोश क्यों हो गई। होटल के मैनेजर भी आ गये।  शिवाय शिवन्या को गोद में उठा कर बाहर की ओर निकले। गाड़ी में उस को लिटाकर वह सब जल्दी-जल्दी बैठ जाते हैं। आदर्श तेज़ चलाओ। शिवाय पीछे बैठ कर शिवन्या का सिर अपनी गोद में रखे उस के सिर पर हाथ फेरते हुए कहते हैं। लेकिन आदर्श जवाब देने के बजाए पूरा ध्यान ड्राइव पर देते हैं। वैसे भी शिवन्या के बेहोश होने पर उसे टेंशन हो गई थी। आज डॉक्टर खन्ना भी आ रहे हैं। और आज ही शिवन्या की यह हालत... आदर्श को कुछ समझ नहीं आ रहा था। हॉस्पिटल पहुंचते ही डॉक्टर ने देखा। और देखते ही उसे आई सी यू में लेकर चले गए। आदर्श यह ठीक हो जायेगी ना?  शिवाय रोते हुए कहते हैं। कब...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 46 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 46 | Hindi Romantic Story

दोनों की आंखें भीग चुकी थीं, लेकिन उस भीगने में दर्द से ज़्यादा सुकून था। जैसे दोनों ने अपने हिस्से की सारी तकलीफें एक दूसरे के हाथों में रख दिया हों। और उस रात.... बारिश देर तक होती रही,  मानो आसमान भी उनके इश्क का गवाह बन कर उन्हें आशिर्वाद दे रहा हो। ❤️ शिवाय के आफिस आते ही आदर्श उनके केबिन में आ जाते हैं। आज शाम हम सब बाहर चलेंगे। घूमने के बाद डिनर भी बाहर ही करेंगे। आदर्श शिवाय को बताते हैं। ठीक है बॉस, कुछ और? शिवाय मुस्कुराए। नहीं, डॉक्टर खन्ना की रात की फ्लाइट है। डिनर के बाद मैं और शिवन्या एयरपोर्ट चले जायेंगे। वहां से शिवन्या अपने घर चली जायेगी। और मैं वापस अपने घर.... वैसे आज चेहरे पर चमक पिछले दिनों के मुकाबले ज़्यादा है। कोई खास वजह? आदर्श ने जानना चाहा। उदास रहूं तो बुरा, खुश रहूं तो बुरा। शिवाय ने नाराज़गी जताई। मेरी नज़र तुम्हारे खुफिया कैमरे से भी तेज़ है। आदर्श भी हंसे। कल मैंने वह लम्हें पा लिए जिस की बदौलत मैं सारी ज़िन्दगी गुज़ार दूंगा। शिवाय खो गए उन लम्हों में जब वह शिवन्या के साथ थे। अब ज़िंदगी से कोई शिकवा नहीं। वह खोए हुए ही बोले। ज़रा सोचो अगर वही लम्हे स...

डोर धड़कन से बंधी | भाग 45 | Dhadkan Season 2 – Door Dhadkan Se Bandhi Part 45 | Hindi Romantic Story

  और बाहर आसमान भी जैसे उन की कहानी सुन कर रो पड़ा...बारिश की बूंदें खिड़की पर ठहर-ठहर कर गिर रही थी। हां श्लोका यह सच है, आज मैं तुम्हारा साथ चाहता हूं। बिल्कुल वैसे ही जैसे मैं कभी श्लोका का साथ चाहता था। शिवाय उस का हाथ थाम कर उसे देखते हुए कहते हैं। शिवन्यि की आंखों से आंसू फिसल गए। मैं सिर्फ आप को खुश देखना चाहती हूं। वह अपने हाथ पर रखे उस के हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहती है। आप हमेशा मुझे महसूस करेंगे। मैं साया बन कर हमेशा आप के साथ रहूंगी। क्योंकि शिवन्या श्लोका की परछाई है। आप श्लोका को ढूंढ़ते हुए शिवन्या तक पहुंचे। मैं हमेशा आप के साथ हूं। आप हमेशा मुझे अपने पास पाएंगे। शिवाय ने उसकी आंखों में देखा। उन आंखों में डर भी था, मुहब्बत भी, और खुद को खो देने का खतरा भी। तुम साया नहीं हो, शिवन्या.... तुम वो रौशनी हो जो मेरी अंधेरी दुनिया में हर रोज़ झांकती है। मैं अब तुम्हारे बिना जीने का सोच भी नहीं सकता। लेकिन मुझे तुम्हारे बिना जीना पड़ेगा। शिवन्या ने उसकी आंखों में नमी देखी और एक पल को खुद को रोक नहीं पाई। वह धीरे से उसके सीने पर अपना सिर रख देती है। शिवाय ने उसे अपनी बाहों म...